हिंदुस्तान में मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल कई हजारों सालों से होता आ रहा है क्योंकि मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से एैसे फायदे मिलते हैं जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखने में समर्थ होते हैं । शायद इसलिए लिए हमारे पूर्वजो को शुगर, कैंसर, बी पी जैसी किसी भी तरह की बीमारी दूर दूर तक नहीं थी ,अब आधुनिक विज्ञान ने भी साबित किया है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर के कई तरह के रोग दूर हो जाते हैं।
मिट्टी के बर्तनों के लाभ
मिट्टी के बर्तन का पानी : मिट्टी के बर्तन का पानी स्वदिष्ठ होता है और मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से इसमें पोषक तत्व मिल जाते है और ये हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
खाना धीरे धीरे पकता हैं :- आयुर्वेद के अनुसार भोजन का धीरे-धीरे पकना सेहत के लिए लाभकारी होता है। मिट्टी के बर्तनों में खाना थोड़ा धीमा बनता है पर सेहत का फायदा पूर मिलता है। साथ ही भोजन में मौजूद सभी प्रोटीन शरीर को खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित भी रखते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक खाना पकाते समय उसे हवा का स्पर्श और सूरज की रौशनी मिलना जरूरी होता है। इससे भोजन पौष्टिक होने के साथ स्वादिष्ट भी बनता ह
स्वादिष्ट खाना मिलता है :- खाने में सौंधी सी सुगंध पसंद है तो मिट्टी के बर्तन में बना खाना आपको एक अलग स्वाद का अनुभव देगा मिट्टी के बर्तन में जब खाना पकाया जाता है तो आंच में पकने से उसमें मिट्टी की खुशबू और मसालों का ज़ायका मिल जाता है जो खाने के स्वाद को दो दुगुना कर देता है |
शरीर को रोगमुक्त रखे :- मिट्टी के बर्तनों में बना खाना सभी को पसंद होता है लेकिन आपको यह नहीं पता होगा कि यदि शरीर को रोगमुक्त बनाता है
उम्र लम्बी करे :- अगर आप भी चाहते हैं लम्बी उम्र और स्वस्थ जीवन तो ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें
आवश्यक तत्वों को आप तक पहुचाये :- मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे 100 % पोषक तत्व आप तक पहुचते हैं जबकि कुकर में यह संभव नहीं | यदि मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका अलग स्वाद भी आपको मिलता है ।
गैस से राहत
मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खाने से गैस की समस्या छूमंतर हो जाती है. यदि आपको भी दिनभर ऑफिस में बैठने के कारण गैस की परेशानी है तो मिट्टी के तवे बनी रोटी आप भी आजमा सकते हैं.
स्वादिष्ट और पौष्टिक
मिट्टी के तवे पर बनी रोटी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है. आटा मिट्टी के तत्वों को अवशोषित कर लेता है, जिससे इसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है. साथ ही इसमें मौजूद सभी तरह के प्रोटीन शरीर की खतरनाक बीमारियों से रक्षा करता है.
मिट्टी के तवे पर बनी रोटी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है. आटा मिट्टी के तत्वों को अवशोषित कर लेता है, जिससे इसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है. साथ ही इसमें मौजूद सभी तरह के प्रोटीन शरीर की खतरनाक बीमारियों से रक्षा करता है.
मिट्टी का बर्तन क्यों
माना जाता है कि मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से आपके एक भी पोषत तत्व नष्ट नहीं होते. वहीं दूसरे तत्व से बने तवा कि बात करें तो एल्यूमीनियम के बर्तन में बने खाने में 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. पीतल के बर्तन में खाना बनाने से इसमें से 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. साथ ही कांसे के बर्तन में बने खाने में से 3 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. केवल मिट्टी के बर्तन में बने खाने में 100 प्रतिशत पोषक तत्व होते हैं.
इस बात का ख्याल रखें
मिट्टी के बर्तन को तेज आंच पर रखने से यह चटक जाता है. इसके अलावा मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करते वक्त यह भी ध्यान रखें कि इसे पानी के संपर्क में नहीं लाना चाहिए. रोटी बनाने के बाद मिट्टी के तवे को कपड़े से साफ करें. इस पर साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मिट्टी का तवा साबुन अवशोषित कर लेता है.
सावधानी :- मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है परन्तु खाना पकने के बाद यदि ये बर्तन अच्छे से साफ़ ना किये जाएँ तो यह सेहत के लिए नुक्सानदायक भी हो सकता है |
माना जाता है कि मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से आपके एक भी पोषत तत्व नष्ट नहीं होते. वहीं दूसरे तत्व से बने तवा कि बात करें तो एल्यूमीनियम के बर्तन में बने खाने में 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. पीतल के बर्तन में खाना बनाने से इसमें से 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. साथ ही कांसे के बर्तन में बने खाने में से 3 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. केवल मिट्टी के बर्तन में बने खाने में 100 प्रतिशत पोषक तत्व होते हैं.
मिट्टी के बर्तन को तेज आंच पर रखने से यह चटक जाता है. इसके अलावा मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करते वक्त यह भी ध्यान रखें कि इसे पानी के संपर्क में नहीं लाना चाहिए. रोटी बनाने के बाद मिट्टी के तवे को कपड़े से साफ करें. इस पर साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मिट्टी का तवा साबुन अवशोषित कर लेता है.