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eye wrinkles under eye wrinkles treatment इन चीजों को अपनाकर हटाएं आंखों के नीचे की झुर्रियां

बढ़ती उम्र के साथ-साथ आंखों के नीचे बारीक लकीरें आना शुरू हो जाती हैं। आंखों के नीचे की झुर्रियों से खूबसूरत चेहरा भी फीका लगने लगता है। यदि आप इनकी शुरूआत में ही इन पर पूरा ध्यान देंगी तो ये जल्द ही खत्म हो जाती हैं। आंखों पर बहुत लंबे समय तक सीधी धूप न पड़ने दें क्योंकि इससे उम्र तेजी से बढ़ने लगती है। बाहर निकलते समय धूप का चश्मा पहनें। भरपूर नींद लें और दिन में 10 से 12 गिलास पानी के पीएं। आप इन टिप्स को अपनाकर भी इस परेशानी से निजात पा सकते हैं।




                     
1. नारियल तेल 
नारियल के तेल की कुछ बूंदें लेकर धीरे से आंखों के आसपास मालिश करें। आंख के नीचे नारियल के तेल के नियमित उपयोग से त्वचा की बनावट में सुधार होता है और आंखों के नीचे पड़ने वाले घेरों को रोकने में मदद मिलती है| आप नारियल के तेल में जैतून के तेल की कुछ बूंदों को मिलाकर भी अपनी त्वचा की मालिश कर सकते हैं।
                 
2. रोज़मेरी तेल
झुर्रियों की जगह पर रोज़मेरी तेल की कुछ बूंदें लगाएं और ऊपर की दिशा में मालिश करें। 15 मिनट के बाद धो लें। यह तेल आंखों के नीचे की झुर्रियों को कम करने में मदद करता है। 

3. खीरा
त्वचा में नमी की कमी होने पर कभी-कभी आंखों के नीचे झुर्रियां हो जाती है। इन्हें ठीक करने के लिए खीरे का रस निकाल कर आंखों के आस-पास लगाएं। इससे त्वचा की नमी बनी रहेगी और झुर्रियां ठीक हो जाएंगी। आप चाहे तो रस की जगह खीरे के टुकड़े भी आंखों पर 10 मिनट के लिए रख सकते हैं।




4.गर्म दूध और ब्राउन शुगर 
दूध को गर्म करके इसमें शक्कर मिक्स करें। फिर इसे ठंडा करके चेहरे पर लगाएं और आंखों के नीचे मालिश करें। इससे न सिर्फ चेहरे की गंधगी साफ होती है बल्कि काले घेरे भी धीरे-धीरे खत्म हो जाते है। इससे आपकी त्वचा चमकदार बनती है। महीन रेखाओं से छुटकारा पाने के लिए इसे दो बार दोहराएं।

5. अनानास का रस
अनानास रस में विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। यह आसानी से आंखों के नीचे पड़ने वाली झुर्रियों को खत्म करता है| अनानास के रस आपकी त्वचा को जवान बनाने में मदद करता है। इसके रस को आंखों के आस-पास कुछ देर तक लगाए और फिर धो लें। 

Signs and Symptoms of Sexual Addiction सेक्स की लत

सेक्स की लत, सेक्स एडिक्शन या यौन लत को कहते हैं। इसे मानकिस बीमारी माना जाता है और इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के मन में सेक्सुअल और अश्लील विचार आते रहते हैं और यह उसके व्यवहार में भी दिखायी देता है जिसके कारण उसकी सेहत पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और दूसरे व्यक्ति एवं उसके निजी रिश्ते खराब होने की संभावना ज्यादा होती है। इस लेख में आप जानेगे सेक्स की लत या सेक्स एडिक्शन (कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर) के कारण, लक्षण, जांच और इलाज के बारे में।

                          सेक्स की लत लग जाना या बार-बार सेक्स करने की तीव्र इच्छा  होने की स्थिति को कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर कहा जाता है। इस बीमारी को हाइपरसेक्सुएल्टी भी कहते हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में तीव्र यौन उत्तेजना होती है जिसके कारण वह अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पाता है। इसके अलावा इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति एकांत में खूब हस्तमैथुन करता है और संतुष्टि प्राप्त करता है या किसी भी महिला के सामने सेक्स करने की इच्छा जाहिर कर देता है। आपको बता दें कि कंपल्सिव सेक्लुअल बिहेवियर की बीमारी पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करती है।


मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां सेक्स की लत का कारण हो सकती है

कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर को एक प्रकार की लत कहा जा सकता है। जिसके कारण मस्तिष्क के तंत्रिका सर्किट (neural circuits) में भी परिवर्तन आ जाता है, विशेषरूप से मस्तिष्क के केंद्र में। इस तरह की बीमारी होने पर व्यक्ति को अन्य लतों (addictions) की तरह ही सेक्स करने की लत लग जाती है और किसी भी वक्त सेक्स करने की तीव्र इच्छा हो सकती है। इसके अलावा व्यक्ति को सेक्स की कभी भी जरूरत पड़ सकती है और वह सेक्स करके संतुष्टि (satisfaction) और राहत पाने के लिए हर संभव कोशिश करता है।
कुछ विशेष बीमारियां जैसे मिर्गी और डिमेंशिया आदि बीमारियों के कारण मस्तिष्क के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जो व्यक्ति के सेक्सुअल बिहेवियर को भी प्रभावित करते हैं। इसके अलावा पार्किंसन की बीमारी के इलाज के लिए डोपामिन युक्त दवाओं के कारण भी कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर की समस्या हो जाती है।
हाइपर सेक्सुअलिटी या कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर की समस्या स्त्री और पुरुष दोनों में पायी जाती है लेकिन आमतौर पर यह बीमारी पुरुषों को अधिक होती है। यह बीमारी किसी को भी प्रभावित कर सकती है और वह तीव्र सेक्स की इच्छा जाहिर कर सकता है। कुछ ऐसे कारक (Factors) हैं जो कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर के खतरे को अधिक बढ़ा देते हैं।
आज के समय में आधुनिक तकनीक  के जरिए लोग अश्लील चित्र और पोर्नोग्राफी बहुत आसानी से देख लेते हैं और सेक्स से जुड़ी कहानियों सहित सेक्स के बारे में हर जानकारी ले लेते हैं जिसके कारण ऐसे लोगों में कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा अधिक शराब और नशीली दवाओं के सेवन से भी पुरुषों को यह बीमारी होने का खतरा बना रहता है जिसके कारण वे अपनी सेक्स की इच्छाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और किसी भी महिला के साथ जबरदस्ती कर सकते हैं।
डिप्रेशन, चिंता और तनाव, बार-बार मूड खराब होने (mood swing) की समस्या और जुआ खेलने की लत भी कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर के खतरे को बढ़ा सकती है।
यदि परिवार में किसी सदस्य को यह समस्या रही हो और वह किसी महिला को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता हो या यौन शोषण (sexual abuse) करता हो तो घर के अन्य पुरुष सदस्यों को भी यह समस्या हो सकती है।
सेक्स की लत के लक्षण  
कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति किस तरह की बीमारी से ग्रस्त है और वह बीमारी कितना गंभीर है। कभी-कभी कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर से पीड़ित व्यक्ति कई गंभीर लक्षणों का अनुभव करते हैं।
  • सेक्स करने की तीव्र इच्छा जागृत होना और व्यक्ति का अपनी इच्छा और शरीर पर नियंत्रण न होना।
  • असामान्य यौन व्यवहार करना,  जिसके कारण व्यक्ति को सेक्स से संतुष्टि और खुशी नहीं मिल पाती है।
  • सेक्स की तीव्र इच्छा के साथ ही अकेलापन, डिप्रेशन, चिंता और तनाव होना।
  • शारीरिक रूप से यौन इच्छाओं को नियंत्रित न कर पाने और किसी भी व्यक्ति के साथ सेक्स करने के कारण यौन संचारित संक्रमण (STI) हो जाना।
  • व्यक्ति का किसी महिला को देखकर असामान्य रूप से अश्लील हरकतें (vulgar activity) या इशारे करना।
  • शादीशुदा जीवन में सेक्स की इच्छा को नियंत्रित न कर पाने के कारण दरार पड़ना और साथी से रिश्ते खराब होना।
  • हमेशा सेक्स के बारे में सोचना और प्लानिंग बनाना।
  • सेक्स करने के लिए मौके की तलाश में रहना।
कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर (सेक्स एडिक्शन) एक ऐसी बीमारी है जिसका जल्द से जल्द निदान कराना बहुत जरूरी होता है। आमतौर पर इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति फेमिली डॉक्टर से ही निदान कराना चाहते हैं। इस बीमारी के निदान के लिए डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं और यह पूछते हैं कि वह पहले से किन बीमारियों से पीड़ित है। इसके अलावा मनोचिकित्सक (psychiatrist) और मनोवैज्ञानिक (psychologist) व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करते हैं और पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों एवं बिहेवियर के आधार पर ही इस समस्या का निदान करते हैं।
मनोचिकित्सा के द्वारा सेक्स की लत का इलाज
कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर के इलाज के इस तरीके में पीड़ित व्यक्ति को असामान्य यौन व्यवहारों को नियंत्रित करना सीखाया जाता है। मरीज को साइकोडायनेमिक साइकोथेरेपी के बारे में बताया जाता है और उसे यह सीखाया जाता है कि वह अपने अंदर छिपे विचारों  और अपने व्यवहार को कैसे जाने। उसे यह भी बताया जाता है कि इस तरह की बातें मन में आने से वह आराम से बैठकर अपनी इस परेशानी पर बात करे और किसी के लिए परेशानी उत्पन्न न करे।
मस्तिष्क में रसायनों के स्तर (chemical level) को बदलने के लिए कुछ दवाएं दी जाती है जो सेक्स की तीव्र इच्छा को घटाने में मदद करते हैं।

कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर के इलाज के लिए फ्लूक्सोजेक्टिन, पैरोजेजेक्टिन आदि दवाएं दी जाती हैं जो डिप्रेशन को कम करता है और इस बीमारी को लक्षणों को भी दूर करने में मदद करता है।

एल्कोहल लेने की आदत और सेक्स करने की लत को यह दवा कम करने में मदद करती है और मस्तिष्क को भी शांत (calm) रखती है।

चूंकि कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर का कारण ज्ञात नहीं है इसलिए इससे बचाव (prevention) के बारे में भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया जा सकता है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
जैसे ही आपको इस बीमारी के लक्षण महसूस हों या आपको अपने बर्ताव में कुछ असामान्यता दिखे तो तुरंत निदान कराकर थेरेपी ले लें।
यदि मानसिक बीमारियों के लक्षण दिख रहे हों या अधिक डिप्रेशन, चिंता और तनाव हो रहा हो तो इस समस्या को जल्द से जल्द इलाज कराकर कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर से बचा जा सकता है।
एल्कोहल और नशीले पदार्थों का सेवन न करें और मूड खराब होने पर इसे ठीक करने की कोशिश करें और संभव हो तो एक्सरसाइज करें और मन को शांत रखें।

Sexual Addiction Signs and Symptoms


omega 3 and female fertility 30 प्लस हो रही हैं जरूरी है ओमेगा 3 डाइट

ओमेगा-3 फैटी एसिड : उम्र के हर पड़ाव में अच्छी सेहत के लिए डाइट प्लान बदलना जरूरी हो जाता है। इसके पीछे का कारण है बदलती शारीरिक जरूरतें। बचपन में जहां आयरन,कैल्शिम,प्रोटीन के साथ बच्चों को हैवी डाइट भी खिलाई जाती है। 

वहीं, 30 प्लस होने के साथ-साथ शारीरिक जरूरतें बदल जाती हैं और इस समय सेहत को बैलेंस रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत जरूरी हो जाता है। इसमें मौजूद एसेंशियल पॉलीएअनसेचुरेटेड फैटी एसिड दिमाग और शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। इस समय शरीर को एक्स्ट्रा खुराक की जरूरत होती है ताकि कमजोरी को दूर किया जा सके। इसके लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खुराक का सेवन करना चाहिए। 

ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे
अलसी के बीज,चिया के बीज,अखरोट,सोयाबीन,अंडे,कनोला ऑयल,सैलमन मछली,कॉड लिवर ऑयल,फूलगोभी,जैतून का तेल,कद्दू के बीज,एवोकाडो आदि में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। इन्हें अपने आहार में जरूर शामिल करें। 

1. ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर आहार का सेवन करने से जोड़ो के दर्द और पीठ दर्द दोनों में बहुत आराम मिलता है।
2. दिल के रोगों से छुटकारा पाने के लिए ओमेगा 3 फैटी खाना बैस्ट है।
3. नर्वस सिस्टम, मानसिक और शारीरिक विकास के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड खाने से फायदा मिलता है।
4. कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने के लिए,डायबिटीज, अल्जाइमर आदि में ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लाभकारी हैं।

                
5. 30 की उम्र के बाद धीरे-धीरे आंखों की रोशनी भी कमजोर होने लगती है। इसमें सुधार लाने के लिए ओमेगा 3 से भरपूर आहार को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। 

6. पीरियड्स और मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को बहुत तरह की शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। इसका कारण शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा का कम होना है। इस कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार पर खास ध्यान दें। 

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unwanted hair removal permanently पैक से दोबारा अनचाहे बाल नहीं आएंगे

फेस के अनचाहे बालों को हटाने के लिए औरतें ब्लीच, वैक्सिंग और भी कई सारे ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करती हैं। मगर कई बार इन ट्रीटमेंट को करवाने से चेहरे पर साइड इफैक्ट भी हो जाता है। एेसे में आप चेहरे के बालों को हटाने के लिए पपीता और हल्दी का फेसपैक लगा सकते हैं। इसको लगाने से बाल दोबारा नहीं आएंगे। तो आइए जानते हैं पपीता और हल्दी पैक बनाने का तरीका।


1. कच्चा पपीता
कच्चे पपीते को रोजाना चेहरे पर लगाने से बालों की जड़े धीरे-धीरे कमजोर होनी शुरू हो जाती है, जिससे कुछ दिनों के बाद बाल आना बंद हो जाते हैं। अगर आप चेहरे के बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो पपीते और हल्दी का पैक लगाएं। 

कच्चा पपीता और हल्दी फेस पैक 
जरूरत अनुसार कच्चे पीपते को छीलकर उसे ब्लेंड कर दें। अब इसमें 2 से 3 चम्मच हल्दी मिलाएं। इस पेस्ट को चेहरे पर तकरीबन 15 मिनट लगाएं। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इस प्रक्रिया को हफ्ते में कम से कम 3 बार लगाएं। कुछ ही दिनों में फर्क दिखाई देने लगेगा। 

2. हल्दी और कॉर्न फ्लोर स्क्रब
चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के लिए हल्दी, कॉर्न फ्लोर, व्हाइट एग, चीनी को मिलाकर एक स्क्रब बनाएं। इस स्क्रब से चेहरे और गर्दन पर कम से 10 मिनट के लिए मसाज करें। फिर इसे थोड़े समय के लिए सूखने दें और बाद में चेहरा और गर्दन ठंडे पानी से धो लें। एेसा हफ्ते में 3 बार करें। 


true or false questions about physical activity शारीरिक संबंध से जुड़े मिथक

शादीशुदा जिदंगी से बोरियत को दूर करने के लिए शारीरिक संबंध अपनी अहम भूमिका निभाता हैं। संबंध बनाने से न केवल कपल्स में प्यार बढ़ता है बल्कि इससे रिश्ता हमेशा मजबूत बना रहता है लेकिन अधिकतर लोगों ने सेक्स से जुड़े कई मिथक बनाए हुए है, जिनमें से कुछ सही होते है लेकिन कुछ गलत होते है। अगर आप भी अपनी सेक्स लाइफ को लाइफटाइम सफल बनाए रखना चाहते है तो आपको इन मिथक के बारे में जरूर पता होना चाहिए।

गलत :  सेक्स स्पोर्ट परफॉमेंस को प्रभावित कर सकता है
सच :  इस मिथक पर कई सालों से बहस हुई है, कोच अक्सर अपने एथलिटों को बड़े खेल या प्रतियोगिताओं से पहले सेक्स से दूर रहने के लिए सलाह देते हैं। उनका कहना है कि संबंध न बनाने आक्रामकता में वृद्धि और ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है। हालांकि, शोध से पता लगा है कि संबंध बनाने से एथलेटिक प्रदर्शन पर थोड़ा असर पड़ता है लेकिन वास्तव में सकारात्मक प्रभाव अधिक होता है। 



गलत  : शारीरिक संबंध बनाने से बर्न होती है कैलोरीज
सच : विशेषज्ञों का अनुमान है कि संबंध बनाने के तीस मिनट तक सिर्फ 85 से 150 कैलोरी बर्न होती हैं लेकिन आपको अपना वजन का एक पाउंड कम करने के लिए 3,500 कैलोरी बर्न करने की जरूरत है। अगर आप 35 बार संबंध बनाते है तो सिर्फ 1 पाउंड कैलोरी बर्न होगी।



गलत : महिलाओं और पुरुषों के सेक्सुअल पिक के बीच 10 साल का अंतर है
सच : पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन 18 साल की उम्र में पिक पर होता है, लेकिन महिलाओं के एस्ट्रोजेन का स्तर 20 की उम्र के मध्य में चरम सुख पर होता है क्योंकि निम्न हार्मोन स्तर कम सेक्स ड्राइव से जुड़ा होता हैं। जब आपका हार्मोन स्तर उच्चतम होता हैं तो ड्राइव अपने चरम पर होना चाहिए। लाइफ में आप अपनी सेक्स इच्छा और गतिविधि का स्तर कई बार ऊपर और नीचे देखेंगे।




गलत : संबंध बनाने से आर्ट अटैक हो सकता है
सच : एनबीसी यूनिवर्सल के मुताबिक शारीरिक संबंध बनाते समय हार्ट अटैक आने की संभावना काफी कम होती हैं। शारीरिक संबंध का कनेक्शन अक्सर हैल्दी हार्ट से जुड़ा होता है। एक स्टडी अनुसार, जो लोग हफ्ते में दो बार संबंध बनाते है उन्हें हार्ट अटैक आने के चांसेस कम होते हैं। 



गलत  : इंटिमेट होते हुए मोजे न निकाले 
सच : नीदरलैंड में एक सेक्स स्टडी ने पुरुषों और महिलाओं पर ब्रैन स्कैन किया, जब उनके पार्टनर ने उन्हें संभोग सुख देने का प्रयास किया तो उनमें से बहुत से प्रतिभागियों ने अपने पार्टनर के पैर ठंडे होने की शिकायत की। जब उन्हें संबंध बनाते समय मोजे पहनने के लिए दिए गए तो अधिकतर पुरूष और स्त्रियां अपने पार्टनर को संभोग सुख देने में सफल रहे। 


गलत : ऑयस्टर और चॉकलेट मूड बना देते हैं
सच :  किसी भी स्टडी में यह साबित नहीं हुआ है कि ऑयस्टर संबंध बनाने की उत्तेजना बढ़ जाती है। ऑयस्टर में बहुत जींस होते हैं, जो शुक्राणु को स्वस्थ रखते हैं।  कई अध्ययनों से पता चलता है कि चॉकलेट कम रक्तचाप में फायदेमंद और वाहिकाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती हैं जो संबंध क्रियाओं को अच्छी तरह काम करने से लिए सक्षम रखती हैं। चॉकलेट खाने से मूड-बूस्टिंग फिनिलेथिलामाइन और सेरोटोनिन उत्तेजित होती हैं, जिससे संबंध बनाने की इच्छा बढ़ जाती है।



गलत  : पुरुष हर सात सेकंड में सेक्स के बारे में सोचते हैं
सच : हालिया स्टडी में यह मिथक बिल्कुल गलत साबित हो चुका हैं। स्टडी के दौरान पता चला कि पुरूष दिनभर में लगभग 19 बार सेक्स के बारे में सोचते है। वहीं महिलाएं दिनभर में 10 बार सेक्स का ख्याल अपने मन में लाती है। 



गलत : सभी महिलाओं को संभोग सुख के माध्यम से सेक्स अनुभव होता हैं
सच : स्टडी रिपोर्ट है कि लगभग 75 प्रतिशत महिला सिर्फ संबंध के माध्यम से संभोग सुख नहीं मिलता हैं। हालिया स्टडी के मुताबिक, लगभग 37 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्हें संभोग सुख प्राप्त करने के लिए शारीरिक संबंध बनाते समय किसी अन्य प्रकार की उत्तेजना की जरूरत होती है। 






पीरियड्स में सेफ सेक्स कैसे करते है, do safe sex during periods

पुराने समय में माना जाता था कि मासिक धर्म के दौरान यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए। लेकिन जैसे-जैसे जमाना बदला, वैसे-वैसे लोग दकियानूसी बातों पर ध्यान देने की बजाय तथ्यों की बातों पर ज्यादा यकीन करने लगे। पीरियड्स के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए यह सिर्फ एक मिथक है। पीरियड्स के दौरान सेक्स करना साधारण दिनों में सेक्स करने से ज्यादा अच्छा माना जाता है। पीरियड्स के दौरान जननांगों को प्राकृतिक रुप से लुब्रिकेशन मिलता है जिससे सेक्स करने में आसानी होती है। वहीं महिलाओं को इस दौरान पेट दर्द, सिर का दर्द आदि पीरियड्स के दौरान होने वाली तमाम समस्याओं से निजात मिलती है।



पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से पहले भी आपको सेक्स समस्याओं से सावधान रहने की कोशिश करनी चाहिए। इस आर्टिकल में हम विस्तार से बताने जा रहे हैं कि पीरियड्स के दौरान सेफ सेक्स कैसे करना चाहिए और इस दौरान सेक्स करने के क्या कुछ फायदे और क्या कुछ नुकसान होते हैं। 
पीरियड्स के दौरान सेक्स करते समय अगर सावधानी बरती जाए तो सेक्स करने से कोई खतरा नहीं होता है। पीरियड्स के दौरान सेक्स करने में अगर पर्याप्त सुरक्षा का इस्तेमाल ना किया जाए तो HIV, STI और 

अन्य सेक्स डिज़ीज (यौन संबंधी बीमारियां) हो सकती है। पीरियड ब्लड में मौजूद वायरस के कारण ये बीमारियां हो सकती है। इसलिए पीरियड्स के दौरान सेक्स करते वक्त पर्याप्त सावधानियां रखनी चाहिए। इस दौरान महिलाओं ने यदि टैम्पोन पहन रखा है तो उसे निकाल देना चाहिए ताकि वह वेजाइना के अंदर ना चले जाएं और 2-3 बार बेडशीट भी बदल लेनी चाहिए। इस दौरान कंडोम पहनकर सेक्स करना ज्यादा सुरक्षित रहता है।



पीरियड ब्लड में मृत अंडे शरीर से निकलते हैं इसलिए इस दौरान गर्भवती होने की संभावना कम होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि पीरियड्स के दौरान गर्भवती होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती, पीरियड् के दौरान सेक्स करने पर भी आप प्रेग्नेंट हो सकती है क्योंकि यह आपकी मासिक धर्म की अवधि पर निर्भर करता है। ओव्यूलेशन का समय पीरियड्स आने से 14 दिन पहले का होता है ऐसे में अगर आपको जल्दी पीरियड्स आते हैं या आपके पीरियड्स की अवधि कम होती है तो गर्भवती होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर गर्भधारण नहीं करना चाहती तो पीरियड्स के दौरान सेक्स करते समय भी आपको प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना चाहिए।

महिलाओं में ओव्यूलेशन पीरियड्स के 14 दिन पहले होता है। माना जाता है कि स्पर्म महिलाओं के शरीर में सात दिन तक जीवित रहता है अगर आपका साइकल 22 दिन का है और पीरियड्स होने के तुरंत बाद आप ओव्यूलेशन होने लगता है। अगर ऐसे में आपको श्वेत प्रदर होता है तो माना जाता है कि आपके गर्भाश्य में अभी भी जीवित अंडे है और आप प्रेग्नेंट हो सकती है। लेकिन आमतौर पर पीरियड्स के 14 दिन पहले गर्भवती होने की संभावना चरम सीमा पर होती है।

पीरियड्स के दौरान सेक्स करने के टिप्स
पीरियड्स के दौरान पार्टनर की इच्छा के बिना सेक्स ना करें।
अगर महिलाओं ने टैम्पून पहना हैं तो उसे निकाल दें अन्यथा टैम्पून वेजाइना के अंदर जा सकता है।
पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से पहले बेड पर गहरे रंग की चादर बिछाएं।
सेक्स करने के बाद सफाई रखने के लिए नहाएं जरुर और बेडशीट भी बदलें।
वैट वाइप्स और टीशू पेपर अपने पास रखें।
आरामदायक सेक्स पॉजीशन अपनाएं ताकि आपके पार्टनर को असुविधा ना हो।


पीरियड्स के दौरान सेक्स करने के फायदे

पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग नहीं होती है। पीरियड्स के दौरान सिर्फ 30 से 40 एमएल रक्त बहता है ऐसे में सेक्स करते वक्त बहुत ज्यादा ब्लीडिंग नहीं होती और आप आराम से सेक्स कर सकते हैं।

पीरियड ब्लड प्राकृतिक लुब्रिकेशन का काम करता है इसलिए पीरियड्स के दौरान सेक्स करने में ज्यादा आसानी होती है। साथ ही मासिक धर्म में सेक्स करने से अधिक कामुकता भी महसूस होती है और सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है।

बहुत सारी महिलाओं को पीरियड्स माइग्रेन की समस्या होती है। पीरियड्स में सेक्स करने से तनाव कम हो जाता है साथ ही माइग्रेन का दर्द भी कम हो जाता है इसलिए पीरियड्स के दौरान सेक्स करना पीरियड्स माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द को कम करने के लिए फायदेमंद होता है।

मासिक धर्म में महिलाओं को पेट में तेज दर्द होता है और पीरियड क्रैम्प होते है जिससे उन्हें काफी ज्यादा असुविधा होती है। इन पीरियड क्रैम्प को कम करने के लिए सेक्स करना फायदेमंद होता है। पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से ब्लज क्लोटिंग कम होती है और शरीर से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं साथ ही मसल्स का तनाव कम होता है जिससे पेट की ऐंठन और दर्द कम हो जाते हैं।

पीरियड्स के दौरान सेक्स करने के नुकसान 

मासिक धर्म के दौरान सेक्स करते समय सफाई का ध्यान ना रखने से यौन संचरित रोग होने का खतरा रहता है।
पीरियड ब्लड में मौजूद वायरस के कारण इंफेक्शन और एचआईवी जैसे रोग होने का खतरा हो सकता है।
अगर गलती से टैम्पून पहन कर सेक्स कर लेती हैं तो टैंपून वजाइना के अंदर जाने का खतरा रहता है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

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