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get slim naturally शरीर को स्लिम बनाने के आसान तरीके

स्लिम बॉडी बनाना हर लड़की का सपना होता है आजकल ज्यादातर लोग अपनी फिटनेस को लेकर सतर्क रहते हैं और महिलाओं के साथ ही पुरुष भी अपनी शरीर को स्लिम बनाने पर अधिक ध्यान देते हैं। और वह स्लिम होने के टिप्स के बारे में जानना चाहते है बाजार में पतला होने की दवा की भरमार है लेकिन इनके उपयोग के नुकसान काफी अधिक होते है इसलिए आप नेचुरल तरीके से अपने वजन को कम कर स्लिम बॉडी पा सकते है वास्तव में स्लिम बॉडी देखने में आकर्षक लगती है और लोगों के आकर्षण का केंद्र भी होती है। शायद यही कारण है कि महिलाएं स्लिम बॉडी पाने के लिए अधिक कोशिश करती हैं।

इसके अलावा अन्य कारण यह है कि शरीर पर फैट बढ़ने से हृदय रोगों, उच्च रक्तचाप और अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने का खतरा अधिक होता है। इसलिए उचित आहार और सही जीवनशैली  अपनाकर ज्यादातर लोग अपने शरीर फिट और स्लिम रखने लगे हैं।


स्लिम बनाने के लिए अधिक पानी पीएं


ज्यादातर ऐसा होता है कि जब हम प्यासे होते हैं तब हमें भूख भी लगती है। इसलिए पूरे दिन पर्याप्त पानी पीने से अधिक भूख नहीं लगती है और हम अधिक भोजन करने से बच जाते हैं। प्रतिदिन कम से म 3 लीटर पानी पीने से शरीर स्लिम होता है। लेकिन यदि आप वर्कआउट भी करती हैं तो आपको अधिक पानी पीना चाहिए। पानी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और पाचन बेहतर रने के साथ ही कोलन को भी साफ रखता है। इसलिए भोजन करने से 20 से 30 मिनट पहले पानी पीना चाहिए।

स्लिम होने के लिए सीढ़ियों से चढ़े और उतरें 


अगर आप सचमुच स्लिम होना चाहती हैं तो आपको अपने शरीर की कैलोरी घटाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों (stairs) से चढ़ने और उतरने की आदत डालनी चाहिए। इस बात पर कम लोग ध्यान देते हैं लेकिन सीढ़ियों से तेजी से उतरने चढ़ने और सुबह शाम टहलने से शरीर की कैलोरी घटती है। इसके अलावा दौड़ने से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है और कैलोरी घटाने में मदद करती हैं जिससे शरीर स्लिम बनता है।

लीन प्रोटीन खाएं स्लिम बनने के लिए 

जब मांसपेशियों को मजबूत करने और शरीर को स्लिम बनाने की बात आती है तो प्रोटीन इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प होता है। इसलिए जो लोग अपने शरीर को टोन करना चाहते हैं उन्हें अपने भोजन में लीन प्रोटीन (lean proteins) अधिक मात्रा में शामिल करना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर पर फैट नहीं जमता है और शरीर भी फिट एवं स्लिम बनता है। अंडा, अखरोट, मछली, चिकन, मशरूम, अंकुरित चना भोजन में शामिल किया जा सकता है।

मीठे न खाये  न पीएं 

मीठे सॉफ्ट ड्रिंक और कोला में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है इसलिए यदि आप अपने शरीर को स्लिम बनाना चाहती हैं तो इन चीजों से परहेज करना चाहिए। एल्कोहल युक्त पेय पदार्थ रक्त शर्करा (blood sugar) और इंसुलिन के स्तर को बढ़ाते हैं जिसके कारण शरीर पर वसा जमा होने लगती है। अगर आप पेय पदार्थों के आदी हैं तो आप रेड वाइन पी सकते हैं क्योंकि  इसमें कैंसर रोधी गुण युक्त रेसवेरेट्रॉल (Resveratrol) होता है। लेकिन रेड वाइन का सेवन दो गिलास से अधिक नहीं करनी चाहिए अन्यथा हानिकारक हो सकता है।

डांस करने से स्लिम होता है शरीर 

 अपने प्रतिदिन के दिनचर्या (routine) में नृत्य को भी शामिल करना चाहिए। शरीर को स्लिम बनाने का यह सबसे आसान उपाय है। डांस करने से शरीर के पूरे हिस्से की एक्सरसाइज एकसाथ हो जाती है। इससे सिर्फ आत्मविश्वास (confidence) ही नहीं आता है बल्कि मन भी प्रसन्न रहता है शरीर भी फिट एवं स्लिम बनता है।

पतले शरीर के लिए थोड़ा-थोड़ा कई बार खाएं 

तीन बार अधिक भोजन करने से बेहतर यह है कि आप 5 से 6 बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करें। ज्यादातर लोग अपनी बॉडी को स्लिम तो बनाना चाहते हैं लेकिन उन्हें 5 या 6 बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करना बहुत कठिन काम लगता है। आपको बता दें कि इसी में फिटनेस का रहस्य छिपा है। थोड़ा भोजन करने से शरीर का मेटाबोलिज्म तेज होता है और भोजन में मौजूद उच्च फाइबर कैलोरी घटाने की क्रिया को बढ़ाता है और शरीर को भी एक्टिव रखता है।

कमर पतली करने की एक्सरसाइज स्क्वैट 

शरीर को पतला  बनाने के लिए स्क्वैट एक बेहतर एक्सरसाइज है। जमीन पर एकदमा सीधे खड़े हो जाएं और अपने कंधों को भी सीधा रखें। अपनी कमर को सीधा रखते हुए शरीर को हल्का सा झुकाने की कोशिश करें। इस प्रक्रिया में जंघे (thigh) जमीन के समानांतर होना चाहिए। इसके बाद पैरों को सीधा करें  और धीरे से खड़े हो जाएं। स्क्वैट की इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार करने से शरीर एकदम फिट, स्लिम और आकर्षक दिखायी देती है।

पतला होना है तो तनाव कम लें 

पेट पर चर्बी और मोटापा बढ़ने का एक मुख्य कारण अधिक तनाव भी है। तनाव लेने से स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल (cortisol) इंसुलिन के उत्पादन को रोकता है। जिसके कारण शरीर में ग्लूकोज का स्तर घट जाता है और  व्यक्ति को अधिक भूख लगनी शुरू हो जाती है। इस दौरान अधिक मीठी और तीखी चीजें खाने का मन अधिक होता है और इन्हें खाने से शरीर की कैलोरी भी बढ़ जाती है। इसलिए बॉडी को स्लिम बनाने के लिए तनाव से दूर रहना चाहिए।

बॉडी स्लिम बनानी है तो कूदें रस्सी 

प्रतिदिन लगभग 20 मिनट तक रस्सी कूदने से शरीर पतला होता है। यह शरीर को फिट रखने का बेहद आसान तरीका है। रस्सी कूदने (skipping) से पेट पर जमा चर्बी खत्म हो जाती है जिसे कम करना हर व्यक्ति के लिए आसान नहीं होता है। इसके अलावा पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और कमर की साइज भी कम होती है। शुरूआत में प्रतिदिन 20 मिनट रस्सी कूदें लेकिन धीरे धीरे समय बढ़ाकर 40 मिनट तक रस्सी कूदें इससे आपको जल्द ही बेहतर परिणाम मिलेगा।

शरीर को पतला करने के लिए कम नमक खाएं

भोजन में कम से कम नमक का उपयोग करें। इसके अलावा पैकेट में बंद खाद्य सामग्री जैसे आलू के चिप्स, नमकीन, अचार सहित अन्य सामग्री भी खाने से परहेज (avoid) करना चाहिए। आलू के चिप्स खाने से 500 कैलोरी मिलती है जिसे कम करने के लिए 45 मिनट तक दौड़ना पड़ता है। इसलिए बेहतर यही है कि अधिक नमक वाले पैकेट में बंद चीजें न खाएं। संभव हो तो घर का ही खाना खाएं और बाहर के खाने से परहेज करें। इससे शरीर पतला बना रहेगा।

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Oats Benefits ओट्स खाने के फायदे

सुबह नाश्ते में ओट्स खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इससे पेट भी भर जाता है और हमें काम करने के लिए पर्याप्त एनर्जी भी मिल जाती है। माना जाता है कि ओट्स को पानी की बजाय दूध में पकाकर खाने से हमें प्रोटीन भी मिलता है। यह आसानी से पच जाता है और इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक होते हैं। 
बाजार में बिकने वाले ज्यादातर ओट्स के पैकेट में पहले से ही चीनी या सोडियम की मात्रा मिली होती है, इसलिए इसे खरीदते समय ध्यान दें। अगर आप ग्लूटेन फ्री भोजन खाने के आदी है तो ओट्स आपके लिए सबसे बेहतर है क्योंकि इसमें ग्लूटेन नहीं पाया जाता है। रोजाना नाश्ते में ओट्स खाने की आदत डालने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ओट्स अनाज की ही एक प्रजाति हे जो अपने बीजों के लिए जाना जाता है। यह जई से बनता है और अधिक मात्रा में फाइबर एवं कई पोषक तत्व मौजूद होने के कारण नाश्ते के लिए सबसे सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर जल में घुलनशील होता है। यह आसानी से पच जाता है इसलिए इसे ब्रेकफास्ट के लिए अच्छा माना जाता है। पिछले कुछ दशकों से ही यह इंसानों द्वारा खाया जाता है।

एक समय ओट्स की कच्ची फसलों को सिर्फ जानवर खाया करते थे। लेकिन बाद में इसे काफी हद तक प्रोसेसस्ड करके इंसानों के खाने योग्य बनाया गया और मार्केट में भी बिकने लगा। खाद्ययुक्त ओट्स कई अलग-अलग रूपों में बाजार में उपलब्ध हैं। इसलिए आपको इसे खरीदते समय ध्यान देना चाहिए। ओट्स में बीटा-ग्लूकॉन और मिनरल सहित कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कई डायबिटीज, मोटापा और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से हमें बचाते हैं। इसके अलावा यह त्वचा और बालों को भी मजबूत रखते हैं। इसलिए इसे ब्रेकफास्ट में खाना फायदेमंद माना जाता है
ओट्स में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में सहायक होता है। ओट्स में मौजूद फाइबर रेक्टल और कोलोन कैंसर से हमारी सुरक्षा करता है। ओट्स पर कुछ सीमित ही रिसर्च हुए हैं जिसमें ओट्स को कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी माना गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि हमें हमेशा अच्छे किस्म के ओट्स का चुनाव करना चाहिए। ओट्स में एवेंन्थ्रामाइड नामक एक विशेष यौगिक पाया जाता है जो कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है और हमें कैंसर से बचाता है।

ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन इम्यूनिटी के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। हमारे शरीर में मौजूद ज्यादातर प्रतिरक्षा कोशिकाएं विशेष रिसेप्टर का काम करती हैं जो बीटा-ग्लूकॉन को अवशोषित कर लेती हैं और ये व्हाइट ब्लड सेल को शरीर से बाहर कर हमें बीमारियों से बचाती है। ओट्स में अधिक मात्रा में सेलेनियम और जिंक पाया जाता है जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन घाव भरने में सहायक होता है और यह एंटीबायोटिक्स के असर को भी बेहतर बनाता है।
ओट्स में ग्लाइसेमिक कम मात्रा में पायी जाती है। इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद करता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण यह आसानी से पच भी जाता है। स्टडी के अनुसार ओट्स टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के सांद्रता को कम करता है। इसके अलावा यह हाइपरग्लाइसेमिया को भी कम करता है। बाजार में ओट्स कि कई किस्में मौजूद हैं। इनमें से कुछ में अधिक मात्रा में शुगर की होता है। डायबिटीज के मरीज इस तरह के ओट्स खाने से बचें।
ओट्स में बीटा-ग्लूकॉन नामक शक्तिशाली फाइबर पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। ओट्स में घुलनशील फाइबर का मुख्य घटक बीटा-ग्लूकॉन है और यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित किए बिना शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। ओट्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी के साथ मिलकर एलडीएल के ऑक्सीकरण को रोकता है जिसकी वजह से हृदय रोगों से हमारे शरीर की सुरक्षा होती है। ओट्स में अन्य पोषक तत्वों के अलावा विटामिन ई भी होता है जो हृदय को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होता है।
ओटमिल खाने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 7.5 प्वाइंट और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 5.5 प्वाइंट तक कम हो जाता है। यह सिर्फ उच्च रक्तचाप को ही कम नहीं करता है बल्कि हॉर्ट की बीमारियों के खतरे को 22 प्रतिशत तक कम कर देता है। इसके लिए आप ऑर्गेनिक ओट्स का भी सेवन कर सकते हैं। उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों के लिए यह रामबाण साबित होता है।

importance of sex in marriage शादीशुदा जिंदगी को सेक्स से बनाये और खूबसूरत

पतिपत्नी के संबंधों की गरमाहट भी धीरेधीरे कम होती जाती है. ऐसा न हो इस के लिए प्यार और भावनाओं को नजरअंदाज न करें. कई बार देखने सुनने में आया है की शारीरिक संबंध तभी बनाया जाए जब इस की भूख हो. भावना और प्यार की इन की सोच में कहीं जगह नहीं है. ऐसा अकसर देखने में आता है कि पतिपत्नी सहवास के दौरान एकदूसरे की इच्छा और भावना को नहीं समझते. वे बस एक खानापूर्ति करते हैं. लेकिन वे यह बात भूल जाते हैं कि खानापूर्ति से सैक्सुअल लाइफ तो प्रभावित होती ही है, अपनी जिंदगी को खुश रखने के लिए कुछ बातो पर ध्यान देने से हम अपनी जिंदगी को खुशहाल बना सकते है    
पत्नी की इच्छाओं को समझें
पति पत्नी के बोच अक्सर कहासुनी हो जाती है. पत्नी घर के कामकाज, बच्चों की देखभाल वगैरह से अकसर थक जाती है, लेकिन पति ऑफिस से आने के बाद पत्नी से सहवास के लिए तैयार किए बिना अकसर यौन संबंध बनाते हैं. वे यह नहीं देखते कि पत्नी का मन सहवास के लिए तैयार है या नहीं.एक्सपर्ट के अनुसार ‘‘महिलाओं को अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि पति उन की इच्छाओं को बिना समझे सहवास करने लगते हैं. लेकिन ऐसा कर के वे केवल खुद की इच्छापूर्ति करते हैं. पत्नी और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती. आगे चल कर इसी बात को ले कर आपसी संबंधों में कड़वाहट पैदा होती है.
‘‘पति को चाहिए कि सैक्स करने से पहले पत्नी की इच्छा को जाने. उसे सैक्स के लिए तैयार करे. तभी संबंधों में गरमाहट बरकरार रहती है.’’
करें प्यार भरी बातें
एक हैल्दी सैक्सुअल लाइफ के लिए बेहद जरूरी है कि यौन संबंध बनाने से पहले पत्नी से प्यार भरी बातें जरूर की जाएं. कोई समस्या हो तो उस का हल निकालें. 
नयी नयी शादी के कुछ सालों तक तो पति पत्नी के साथ खुल कर यौन संबंध बनाते रहे. लेकिन इधर साल बाद पति पत्नी के साथ सैक्स संबंध बनाने से कतराने लगे हैं. , धीरे धीरे धीरे अलग सोने लगे.दरअसल, पुरुषो की नजरों में यौन संबंध केवल पुरुष की भूख है, इसलिए पत्नी चाह कर भी पति को भरपूर सहयोग नहीं कर पाती है.
मनोचिकित्सक का मानना है कि एक अच्छे सहवास सुख के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में सैक्स के दौरान प्यार भरी बातें करें. यदि ऐसा नहीं हो तो पत्नी को लगता है कि पति को केवल सैक्स की ही भूख है, प्यार की नहीं. इसलिए प्यार भरी बातों को नजरअंदाज न करें.
स्थान व समय को बदलें

कई बार पतियो का ये कहना है की अगर वे रोजरोज पत्नी के साथ यौन संबंध नहीं बनाएंगे तो दूसरे दिन औफिस में तरोताजा हो कर काम नहीं कर पाएंगे. लेकिन उन की पत्नी को कोई मजा नहीं आता है, क्योंकि यह रोज के ढर्रे जैसी बात बन गई है. उस में कोई भी नवीनता नहीं रहती. सहवास का भरपूर आनंद उठाने के लिए कभी सोफा, कभी फर्श, कभी कालीन तो कभी छत पर और अगर घर में झूला लगा हो तो झूले पर, नहीं तो लौन पर चटाई बिछा कर सैक्स का आनंद लिया जा सकता है. पत्नियां सैक्स को प्यार से जोड़ती हैं. प्यार के इस अनुभव को वे घर के अलग अलग स्थानों पर अलगअलग समय पर नएनए तरीके से करना चाहती हैं. लेकिन अकसर पति यह बात समझ कर भी नहीं समझते.
शुरुआत धीरेधीरे करें
एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि कई पत्नियों की यह शिकायत रहती है कि उन के पति सहवास की शुरुआत धीरे धीरे न कर के उन्हें बिना उत्तेजित किए जल्दीबाजी में करते हैं. जबकि सहवास की शुरुआत धीरे धीरे विभिन्न सैक्स मुद्राओं जैसे गालों को काटना, सैक्स के हिस्सों पर थप्पड़ लगाना, किस करना  आदि को अपना कर ही करनी चाहिए और उस के बाद ही सैक्स सुख का आनंद लेना चाहिए.
फोर प्ले का आनंद उठाएं
पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ चुंबन, आलिंगन, उसे सहलाना, केशों में उंगलियां फेरना, अंगों को स्पर्श करना वगैरह की अहमियत को समझे. ऐसा कर के वह पत्नी को उत्तेजित कर के मानसिक और शारीरिक रूप से सहवास के लिए तैयार करे. पत्नी का और्गेज्म तक पहुंचना जरूरी होता है. और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाने के कारण घर में अकसर तनाव का माहौल पैदा हो जाता है, जो आपसी संबंधों में दिक्कतें भी पैदा करता है. एक सर्वे के मुताबिक 55% लोगों का मानना है कि सैक्स के दौरान जो आनंदमयी क्षण आते हैं, उन का अनुभव बेहद महत्त्वपूर्ण है.
बराबर का साथ दें
सैक्सुअल लाइफ बेहद रोमांटिक तभी बन पाती है, जब पतिपत्नी सैक्स संबंध बनाते समय बराबर का साथ दें. सहवास के दौरान 70% महिलाएं बिस्तर पर चुपचाप ही पड़ी रहती हैं. पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद नहीं करते. सहवास के दौरान बराबर का साथ पति पसंद करते हैं. यदि पत्नी ऐसा करती है तो सैक्स का आनंद और भी ज्यादा बढ़ जाता है.’’
फालतू बातों को तूल न दें
मैरिज काउंसलर कहते हैं कि पतिपत्नी जब भी यौन संबंध बनाएं, पत्नी घर की समस्याओं या शिकायतों का पिटारा खोल कर न बैठे. पत्नी जब भी पति  के साथ सहवास करती थी, कोई न कोई शिकायत ले कर बातें शुरू कर देती थी. इस से पति असहज हो जाता था. आगे चल कर इन की समस्या इतनी बढ़ गई कि इन्हें आपसी संबंधों को सहज बनाने के लिए मैरिज काउंसलर की सहायता लेनी पड़ी.
संबंधों में गरमाहट बनी रहे इस के लिए ऐसी बातों को तूल न दे कर सैक्स लाइफ को ऐंजौय करें. पति का साथ दें, उन के साथ बिस्तर पर सक्रिय बनी रहें.
सैक्सी कपड़ों में लुभाएं
कई पत्निया गोरी और खूबसूरत नैननक्श वाली है. लेकिन वह अपने पति के पास उन्हीं कपड़ों में जाती है, जो उस ने सुबह से पहने होते हैं. पत्नी को तरोताजा न देख कर पति सहवास में ढंग से सहयोग नहीं कर पाते हैं.
पति को लुभाने व उत्तेजित करने के लिए सैक्सी ड्रैस व हौट लुक में अपने पार्टनर को ऐसा सरप्राइज दें कि यौन संबंधों में नवीनता तो आए ही, सहवास सुखद भी बने. ऐसा होने से पतिपत्नी का आपसी विश्वास व प्यार भी बराकरार रहता है.
नएनए प्रयोग करें

अकसर पुरुष सैक्स को ले कर ज्यादा ही उत्साहित होते हैं. वे नएनए आसनों का प्रयोग कर सहवास को सुखद बनाते हैं. लेकिन पत्नी यदि किसी तरीके को अनकंफर्टेबल महसूस करे तो पति को बताए जरूर.
बहुत सी महिलाएं यौन संबंध बनाते वक्त नएनए प्रयोगों से घबराती हैं. वे ऐसा न कर के पति के साथ सहवास में प्रयोग करें. उम्र कोई बाधा नहीं, दिलदिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने और वैवाहिक जीवन को सफल बनाने में नए प्रयोग हमेशा मददगार ही साबित होते हैं.

Loss of Sex sideffect सेक्स न करने के नुक्सान

यौन संबंध बनाना हर इंसान की शारीरिक आवश्यकताओं में से एक होता है। सेक्स करने के जितने फायदे होते है। नहीं करने के उतने नुकसान भी होते है। अगर आप सेक्स से करने से परहेज करते हैं तो आपको नहीं मालूम आप कहीं न कहीं अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हो सकता है कि आपके स्पर्म की क्वॉलिटी कम हो जाये ता आपको कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है। शायद आपको ये पता नहीं कि सेक्स करना कितना सेहतमंद होता है क्योंकि इससे दूरी बरतने पर आपको कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं को भी इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।



एक अध्ययन के अनुसार जो सेक्स से दूर रहते हैं वो जल्दी तनाव का शिकार बन जाते है कई मौकों पर उन्‍हें तनाव महसूस होने लगता है, खासकर भीड़भाड़ वाली जगह पर भी कई बार तनाव में आ जाते है क्योंकि सेक्स करने पर एंडोर्फीन हार्मोन यानि फिल गुड हार्मोन का निष्कासन होता है जो स्ट्रेस को कंट्रोल करने में मदद करता है। 

सेक्स से परहेज करने का सबसे बड़ा नुकसान अक्‍सर पुरूष डिप्रेशन में चले जाते हैं उसी तरह महिलायें भी अवसादग्रस्त हो सकती हैं। एक अध्ययन के अनुसार मेलाटोनीन, सेरोटोनीन और ऑक्सिटोसीन पुरूषों के सीमेन या वीर्य में रहता है जो महिलाओं के मूड को बनाने में मदद करता है। 


एक शोध के अनुसार जो लोग हफ़्ते में दो बार सेक्स करते हैं वे इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्‍या से उतना नहीं जूझते है जितने कि सेक्स नहीं करने वाले जूझते है। क्योंकि सेक्स बार-बार करने पर पेनाइल मसल्स को मजबूती मिलती है। 


क्या आपको पता है कि सेक्स कम करने से प्रतिरोधक क्षमता पर फर्क पड़ता है। यानि कम से कम हफ़्ते में एक या दो बार भी सेक्स करने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहती है क्योंकि उनका आईजीए का लेवल ज्यादा रहता है सेक्स नहीं करने वालों की तुलना में। 

अगर आपने सेक्स करना बंद कर दिया है तो जान लें कि शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता भी कमजोर हो जायेगी। अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसियेशन के अनुसार जो बार-बार सेक्स करते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना कम होती है सेक्स न करनेवालों की तुलना में।

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Diet for Father पिता के लिए स्वस्थ आहार

एक पिता अपने बच्चों के सपनों को साकार करने में अपनी पूरी जिंदगी लगा देता है और उन सपनों में अपनी जिंदगी जी लेता है। पूरी जिंदगी एक एक पूंजी बचाकर अपने बच्चों के सुनहरें भविष्य की नींव रखता है। अपनी जरुरतों को दरकिनार करते हुए अपने बच्चों की हर ख्‍वाह‍िश का ध्‍यान रखता है हर पिता। इस फादर्स डे के मौके पर क्‍यों न हम भी अपने पिता के स्वास्थय का ध्‍यान रखते हुए क्यों न उनके डाइट पर ध्यान दें। इस फादर्स डे पर अपने पिता के स्वास्थय से जुड़ी हेल्दी डाइट का खास ख्याल रख इससे अच्छा तोहफा उन्हें नहीं सकते है।


विटामिन बी 12 हमारे शरीर की आवश्यक तत्‍वों में से एक होता है जो कि हमारे शरीर में लाल कोशिकाओं और डीएनए बनने में महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा यह शरीर के नर्व सिस्‍टम को भी प्रभावित करता है। आदमी बूढ़ा होता है इस विटामिन को अवशोषित करना शरीर के ल‍िए एक चुनौती हो जाता है। एक पोष्टिक आहार लेने के बावजूद शरीर तक पहुंच नहीं पाता है। इसलिए अभी से अपने पिता की सेहत के ल‍िए आज से ही विटामिन बी 12 को उनकी डाइट का हिस्सा बनाएं। इसके ल‍िए विटामिन बी 12 से भरपूर डाइट जैसे कि अंडें, दुग्ध उत्पाद, मांस और मछली पर ध्यान दें। 
केल्शियम शरीर के ल‍िए बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है। बहुत सारे सर्वों में ये बात साबित हो चुकी है कि जैसे जैसे हम बूढ़े होते जाते है वैसे वैसे हमारी हड्डियां कमजोर होती जाती है। इसलिए मजबूत हड्डियों के लि‍ए भरपूर मात्रा में केल्शियम लेना बहुत जरुरी होता है। इसलिए इनकी आपूर्ति के ल‍िए केल और ब्रोकली को अपनी डाइट में जरुर शामिल करें। इसके अलावा दूध और दही पर ध्यान दें। 

विटामिन डी सभी विटामिंस में से शरीर के ल‍िए आवश्यक तत्‍व होता है। यह आपकी हड्डियाें को घनत्व और मजबूती देता है। विटामिन डी शरीर को क्रोनिक बीमारी से बचाता है और आपको हेल्‍दी रखता है। ये विटामिन सूर्य की रोशनी से मिलती है इसलिए इसे सनशाइन विटामिन भी कहते हैं। अगर आप विटामिन डी डिफेशेंसी से गुजर रहें है तो डॉक्टर से जरुर बात करें। 
फलों पर ध्यान दें पुरुषों को अपने आहार में फलों को उचित स्थान देना चाहिए। पुरुष फलों को खाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते है। फलों में न केवल पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है बल्कि यह जल्दी पचने वाले, आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं। भूख लगने पर बिना झंझट तुरंत इन्हें खाया जा सकता है। फलों को मौसम के अनुरूप ही खाएं जिससे केवल स्वाद ही न मिले आपको ताजे और शरीर को फायदा पहुंचाने वाले फल मिल सकें। 
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मैथी और हरे मटर खाए। ये पोषक तत्वों से भरी होती हैं और तेज़ी से आपका पेट भर देती हैं | इन्हें साधारण रूप से ऑलिव आयल में लहसुन से साथ हल्का सा तलें और थोडा नमक और मिर्च मिलाकर खाएं जिससे आपको पोषण से भरपूर एक स्वस्थ स्वादिष्ट भोजन मिल जायेगा

बढ़ती उम्र में प्रतिदिन 10 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक कैलोरी प्रोटीन के द्वारा ग्रहण करने का लक्ष्य बनायें। प्रोटीन आपकी मांसपेशियों को बनाने में और पूरे दिन आपको ऊर्जावान बनाये रखने में मदद करता है | 

बढ़ती उम्र के साथ संयमित मात्रा में नमक की ज़रूरत होती है लेकिन बहुत अधिक मात्रा से उच्च रक्तचाप या निम्नरक्तचाप , ऑस्टियोपोरोसिस और आमाशय में अतिअम्लीयता या हाइपरएसिडिटी हो सकती है। खाना बनाते समय ही नमक को पकाकर खाएं, उसके बाद ऊपर से अतिरिक्त नमक छिड़ककर न खाएं। संयम रखें किसी भी एक या एक प्रकार के भोज्य पदार्थ का अत्यधिक उपभोग न करें। बल्कि इसकी बजाय, अपनी डाइट में विभिन्नता लाने की कोशिश करें जिससे आप सभी चीज़ों की थोड़ी-थोड़ी संयमित मात्रा खा सकें। 
कुछ लोग बहुत आसानी से मांस, चीनी, अल्कोहल या अन्य भोज्य पदार्थों को छोड़ सकते हैं लेकिन हममे से कई लोग इन्हें आसानी से छोड़ नहीं पाते। इसलिए अपनी इच्छाशक्ति को मज़बूत करके इन्हें छोड़ने की कोशिश करें |

पानी पीएं नियमित रूप से डाइट चार्ट का पालन कीजिए, एक दिन में 8-10 गिलास पानी पीजिए। एक बार में ज्‍यादा खाने से बचिए। सुबह-सुबह जॉगिंग और योगा जरूर कीजिए। नियमित रूप से चेकअप कराइए और कुछ भी खाने से पहले एक बार चिकित्सक से कंसल्ट अवश्य कीजिए।


how to handle office romance आफिस में कैसे करना चाहिये रोमांस

वैसे तो आफिस में रोमांस करना ही नहीं चाहिये, लेकिन अगर आप का नेचर ही फ्लर्टी किसम का है, तो आपको कोई नहीं रोक सकता। हर ऑफिस में आपको फ्लर्ट करने वाले लोग मिलेंगे जो हर समय लड़कियों से फ्लर्ट करने से नहीं चूकते और ऐसी लड़कियां भी मिलेंगी जो लड़कों को अपनी दिलकश अदाओं से रिझाती रहती हैं। आइये जानते हैं कि आफिस में किस तरह से रोमांस किया जाए कि वहां पर मौजूद किसी दूसरे इंसान को ज़रा सा भी शक ना हो पाए।

1. चैटिंग और रोमांटिक बातचीत करने के लिये कभी भी कंपनी दा्रा दिये गये ई-मेल आई डी का प्रयोग ना करें। क्‍योंकि कंपनी को कभी भी आप पर शक हो सकता है और वह आपसे आपका अकाउंट खुलवा कर कुछ भी चेक कर सकती है। 
2. छोटी कंपनी में रोमांस करने से बड़ा रिस्क होता है। यहां पर गौसिप रौशनी की स्पीड से भी तेजी से फैलती है। ऐसे में जरूरी है कि आप इस बात का ध्यान रखें कि आपके प्यार के चर्चे किसी तीसरे को पता ना चलें। 
3. अगर आप नए-नए आफिस में आएं हैं, तो कोशिश करिये कि कुछ महीनों तक अपना बेस्ट बीहेवियर दिखाएं। इसी तरह से अगर आफिस में कोई नई लड़की आई हो, तो भी उसके सामने कुछ दिनों तक शरीफ बने रहिये और फिर बाद में उससे फ्लर्ट कीजिये। 
4. आफिस में गौसिप का विषय बनने से अच्छा है कि आप-दोनों ऑफिस के दौरान कोई एक समय और जगह निश्चित कर लें जहां आप दोनों रोजाना मिल पाएं। 

5. आफिस में आपके दूसरे दोस्‍त भी काम करते हैं, इसलिये यह जरूरी नहीं कि आप हर समय अपने प्रिय साथी के ही पास चिपके बैठे रहें। अन्य साथियों को भी समय दें और अपने काम पर भी उतना ही फोकस करें। 
6. अगर आप अपनी साथी से सीनियर हैं, तो ऑफिस में उससे वैसे ही संपर्क करें। दूसरों के सामने उससे ज्यादा हंस-खिलखिला कर बात करने से लोग कुछ और ही समझने लगेगे। एक दूसरे के सम्मान का भी बराबर ख्याल रखें।

7. अपनी प्यार भरी बातों के लिए किसी तीसरे को मीडिएटर ना बनाएं यानी किसी तीसरे व्यक्ति से अपनी बातें साझा ना करें बल्कि सीधे अपने पार्टनर से बात करें। 
8. अगर आपको अपना संबन्ध केवल फ्लर्टिंग तक ही सीमित रखना है, तो बेवजह खुद को उस लड़की के साथ इमोशनली इनवॉल्व ना करें। इससे वह हर वक्‍त आपको अपनी जरुरत के लिये परेशान करेगी, जिससे दोनों के रिश्ते बेवजह खराब हो सकते हैं।


how to call husband with sweet names पति एक नाम अनेक

पति और पत्नी, दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्‍ता निभाते है। इस रिश्ते में प्यार, भरोसा और केयर होती है जिसमें दोनों तरफ से बराबर अपनापन होता है। इस प्‍यार और स्‍नेह को कई तरीकों से जाहिर किया जा सकता है। सेक्स, रोमेंटिक डेट या प्‍यार भरी बातें,दोनों को हमेशा करीब लाती है। पतियों को आप अक्सर अपनी पत्नियों को स्वीटू बुलाते देख सकते है जिसमें उनका प्यार और अपनापन झलकता है। औरतें इस नाम को पसंद भी करती है। लेकिन पति को भी किसी प्‍यार भरे नाम से बुलाना चाहिए। हालांकि, पति अक्सर दिखाते है कि उन्‍हे ऐसे नाम अच्छे नहीं लगते या उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन मन ही मन वो आपको इन नाम को पुकारते हुए ही याद करते है। प्यार भरे नाम लेने से आप दोनों के बीच अपनापन और बढ़ेगा। यहां हर प्रकार के पतियों के लिए अलग - अलग नाम बताएं जा रहे है जिन्हे पत्नी, अपने पति की कैटेगरी के हिसाब से सेलेक्ट कर सकती है।

1)इंडिया में कई औरतें अपने पति का नाम लेने में हिचकिचाती है। ऐसे में वह हमेशा आप या चुन्नू के पापा कहकर काम चला लेती है। ऐसा पुकारने से वह सम्‍मान देती है। इस तरह से बुलाने का एक फायदा है कि आपको कभी भी दूसरे के सामने अपने बुलाने का तरीका बदलना नहीं पड़ता है।  




 2)आमतौर पर लिए जाने वाले भारतीय नाम : भारत में आप कहीं भी जाएं, महिलाएं अपने पति को काफी पारम्‍परिक तरीके से बुलाती है। जैसे - हिन्दी में : सुनते हो, मराठी में : अहो और न जाने क्‍या - क्‍या। ये प्‍यार भरे नाम नहीं होते है लेकिन इनके पुकारने का तरीका बेहद अपनापन भरा होता है। अगर आप चाहें तो कई और भी नामों से बुला सकती हैं जैसे - बच्चा, सोना, बाबू, जान, बेबो और जानेमन। आप चाहें तो स्थानीय भाषा में बोले जाने वाले प्यारे शब्दों से भी उन्हे पुकार सकती है। 


 3) रात के समय : जब भी आपको पति आपके नजदीक हो, आपके साथ वह अकेले हों, तो आप उन्‍हे इन नामों से पुकार सकती है। पति के साथ फोन पर बात करते हुए भी आप इन नामों से उन्‍हे पुकार सकती है, इससे उन्हे अच्छा लगेगा। जानू , हॉटी , सेक्सी ,मॉय मैन हीरो , डार्लिंग 


4) आप अपने पति को पुकार सकती है। अगर आपके हसबैंड बहुत  स्वीट है तो इन नामों का इस्तेमाल हमेशा के लिए कर सकती है। हबी - हसबैंड को संक्षिप्त रूप में हबी कहते है। हनी स्वीटी सुगर अगर आप इनमें से किसी नाम को लेने के बारे में नहीं सोच रही है या हिचकिचा रही है तो आपको पहले उनसे प्यार करना सीखना पड़ेगा।

5) रोमेंटिक हीरो - अगर आपके पति रोमेंटिक किस्‍म के है तो उन्‍हे हमेशा रोमेंटिक नाम से बुलाएं। जैसे - रोमियो, रांझणा और मंजनू आदि। ये सभी नाम फिल्‍मी हीरो के है जो अपने ज़माने में रोमेंस के लिए जाने जाते थे। ये तो पक्का है कि हर रोमेंटिक आदमी को खुद को रोमियों कहलाना पसंद होता है।


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