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anti aging free neck रिंकल्स फ्री गर्दन

जब त्वचा का ध्यान रखने की बात आती है तो केवल चेहरे पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, चिन के नीचे यानी गर्दन की त्वचा पर भी ध्यान देना जरूरी है।क्योंकि गर्दन पर सबसे अधिक धूप पड़ती है और यहां की त्वचा चेहरे से भी पतली होती है और सबसे ज्यादा झुरियां इसी जगह पर होती हैं। इसलिए अपनी गर्दन का ध्यान भी उसी तरह रखना चाहिए, जिस तरह आप अपने चेहरे का रखती हैं। डॉ. गुलिमा अरोड़ा कहती हैं कि त्वचा पर कहीं भी नजर आती झुरियां उम्रदराज होने की निशानी होती हैं, जो अच्छी नहीं लगती हैं, खासकर जब उम्र कम हो। आज ब्यूटी एवं एंटीएजिंग उद्योग की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई है और कोई भी समय से पहले उम्रदराज नहीं दिखना चाहता। आखिर क्या है गर्दन पर रिंकल्स की वजह और इससे कैसे बचें, आइए जानें-
रिंकल्स की खास वजह :-  झुरियों का कारण त्वचा की अंदरूनी परतों में कोलेजन और इलास्टिन का अभाव होता है, जो त्वचा को आकर्षक बनाता है, लेकिन इसके अभाव में त्वचा में ढीलापन और झुरियां पडऩे लगती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, त्वचा को सूर्य की किरणों से होने वाली क्षति, धूम्रपान, असंतुलित खानपान, डिहाइड्रेशन, तनाव, प्रदूषण, चेहरे के हावभाव, स्वाभाविक उम्र, गलत तरह से करवट लेकर सोना इत्यादि कई ऐसी वजह हैं जिनसे गर्दन पर झुरियां जल्दी पड़ती हैं।

7 स्टेप उठाएं और झुरियों को दूर भगाएं :- हम आपको यहां कुछ ऐसे स्टेप बता रहे हैं, जिनसे गर्दन पर जल्दी झुरियां नहीं आएंगी और इसकी रफ्तार धीमी हो जाएगी-
पहला स्टेप :- अपनी त्वचा को स्मूथ और झुरियों से मुक्त रखने के लिए जरूरी है कि आप बहुत सारा विटामिन ए, सी और ई लें। सब्जियों और फलों के साथ संतुलित भोजन लेना अनिवार्य है। इनमें मिनरल, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो स्वस्थ त्वचा के लिए जरूरी हैं। मछली और सोयाबीन का विशेष रूप से सेवन करें। खूब सारा तरल पदार्थ लें और दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। इसके अलावा ग्रीन टी, पालक, अखरोट, बादाम, कीवी, बीन्स, टमाटर जैसे एंटीऑक्सीडेंट पूर्ण खाद्य लेने से समय पूर्व झुरियां नहीं आती हैं। कोलेजन की मौजूदगी वाले जिलेटिन सप्लीमेंट्स भी अच्छा विकल्प हैं।
दूसरा स्टेप :- ध्यान रखें कि चेहरे की खूबसूरती के लिए आप जो उपाय करती हैं, उन्हें गर्दन पर भी आजमाएं। जो भी एंटी एजिंग क्रीम और सीरम अपने चेहरे पर लगाते हैं, उन्हीं को गर्दन पर भी लगाएं। वे उत्पाद जिनमें एंटी एजिंग रेटिनॉइड्स होते हैं, जिस तरह वे चेहरे पर काम करते हैं, उसी तरह गर्दन पर भी काम करते हैं और आपकी गर्दन से एजिंग के निशानों का अच्छे से उपचार करते हैं।

तीसरा स्टेप :- रोजाना अपनी गर्दन पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं। ऑयल फ्री मॉइश्चराइजर लगाना सबसे सही होगा क्योंकि यह आपकी त्वचा के पोर्स को लॉक नहीं करेगा। रोज सुबह और रात में अपने चेहरे और गर्दन को साफ करने के बाद अच्छे से मॉइश्चराइजर लगाएं। मॉइश्चराइजर को कॉलर बोन से शुरू करते हुए चिन तक लगाएं। मॉइश्चराइजिंग का तत्काल असर होता है। इससे आपकी त्वचा में नमी आती है और त्वचा मुलायम बनती है। इसके लिए आप नारियल, ऑर्गन, जैतून, जजोबा या ग्रेपसीड तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं, जो आपकी त्वचा के लिए उपयुक्त हो। मेडिकेटेड बॉडी बटर या मॉश्चराइजर भी अच्छे होते हैं।
 
चौथा स्टेप :-  अगर आप बाहर काम करती हैं तो कम से कम 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएं। धूप की वजह से झुरियां होना आम बात है, इसलिए हमेशा अपनी गर्दन को सुरक्षित रखें। गर्दन की नाजुक त्वचा को सूर्य की नुकसानदेह किरणों से बचाने के लिए पैराबीन-फ्री सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। 30 से 50 एसपी को दिन में कम से कम तीन बार आजमाएं और जब पहाड़ों या समुद्र तटों की यात्रा पर रहें तो ज्यादा बार इसे लगाएं।
 
पांचवा स्टेप :- अपनी गर्दन और चेहरे का रोज व्यायाम  करें। यह आपकी मसल्स को टाइट करता है और लटकी हुई त्वचा को भी ठीक कर सकता है। आप एक जगह बैठकर गर्दन को ऊपर नीचे कर सकते हैं और अपनी गर्दन को ऊपर रखकर अपने होठों को ऐसे बनाएं जैसे आप आसमान को चूमना चाहते हो। ऐसी स्थिति में अपनी जीभ से अपनी नाक को छूने की कोशिश करें। कुछ समय तक ऐसा करने से आपको अपनी गर्दन में थोड़ा दर्द महसूस होगा। लेकिन रोज करने पर इसकी आदत हो जाएगी।
 
छटा स्टेप :- अगर आपके ऊपर कोई भी रिंकल उपचार काम नहीं करता तो अपने त्वचा चिकित्सक से लेजर ट्रीटमेंट के बारे में बात करें। इस उपचार में लेजर आपकी त्वचा की सबसे ऊपर वाली लेयर पर असर करती है। एक बार ठीक होने के बाद आपकी त्वचा टाइट और स्मूथ हो जाएगी।
 
सातवां स्टेप :- धूम्रपान से उम्रदराज होने के सभी लक्षण तेजी से उभरने लगते हैं, इसलिए त्वचा समय से पहले ही लटकने लगती है। अपने शरीर और त्वचा को आराम देते हुए कम से कम आठ घंटे की नींद लें। इसके अलावा मसाज और कुछ आसान एक्यूपंचर से भी आप लंबे समय तक झुरीयों से बच सकती हैं।

घरेलू उपाय
  • केला और पपीता को आपस में मिलाकर मास्क बनाएं, इनमें भरपूर मिनरल्स होते हैं और ये त्वचा को अच्छी तरह हाइड्रेट करते हैं।
  • अंडे का सफेद हिस्सा, नींबू और शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं। यह पैक त्वचा में मिनरल्स, विटामिन सी तथा पानी की कमी को दूर करने में कारगर होता है।
  • त्वचा पर एलोवेरा जूस लगाएं, लगाते ही इसका तत्काल असर दिखता है। इससे त्वचा की मरम्मत और हाइड्रेशन हो जाती है।

anti aging एंटी-एजिंग क्रीम इस्तेमाल करने की सही उम्र

हर महिला बढ़ती उम्र में भी खुद को खूबसूरत और जवां बनाएं रखना चाहती है। इसके लिए एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल बेहतर तो है लेकिन उम्र से पहले नहीं बल्कि सही उम्र में। आपके मन में भी इस बात को लेकर सवाल रहता है कि आखिर एंटी-एजिंग क्रीम का कब यूज करना चाहिए तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कब लगनी शुरू करें यह क्रीम। 


क्यों इस्तेमाल करनी पड़ती है एंटी-एजिंग? 

उम्र से पहली ही त्वचा पर झुर्रियां पड़ना,त्वचा में नमी की कमी,तनाव, धूम्रपान, आंखों के आस-पास पड़ती झुर्रियां,डार्क सर्कल,महीन रेखाएं और स्किन केयर की अनदेखी इसके कारण हैं। इन परेशानियों से बचने के लिए सबसे पहले अपनी दिनचर्या पर ध्यान दें। संतुलित आहार के साथ-साथ एंटी-एंजिग क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है।  

क्रीम इस्तेमाल करने की सही उम्र

25 साल की उम्र के बाद एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए। इससे स्किन यह स्किन को रिपेयर करने का काम करती हैं। जिससे उम्र से पहले ही चेहरे पर पड़ने वाली बुढ़ापे के निशान गायब होने लगते हैं। 

anti aging productsजिंग क्रीम इस्तेमाल करने की सही उम्र

repairing in rain season जब बारिश में होनी हो घर की रिपेयरिंग

वैसे तो बरसात के दिनों किसी भी प्रकार की मरम्मत यानि रिपेयरिंग, पेंट अथवा घर को रेनोवेट करने वाली तमाम चीज़ों से बचा जाता है लेकिन कई बार मानसून सीजन में होने वाली प्रॉब्लम्स जैसे लीकेज, सीलन के कारण रिपेयरिंग करवाना ज़रूरी हो जाता है। तो अगर इस मानसून में आप भी अपने घर की रिपेयरिंग करवाने जा रही हैं तो इन बातों का खास ख़्याल रखें।

लीकेज से बचाव
बरसात के दिनों में लीकेज की समस्या आम होती है, इसलिए घर की रिपेयरिंग करने से पहले घर, छत या टैरेस फ्लोर की जांच कर लें। इसके साथ ही दीवारों पर प्लास्टर करवाते समय भी दरारों पर ध्यान दें क्योंकि इन क्रैक्स के कारण भी लीकेज की समस्या होती है और बरसात का पानी घर में आता है ऐसे में दरारों को सीमेंट से तुरंत भरवा दें।
 सीलन का भी रखें ध्यान
इस मौसम में रिपेयरिंग करवाते वक्त सीलन कहां पर और किस कारण से है, इसका भी ध्यान रखें। किचन या टॉयलेट की पाइप लाइन में लीकेज होने से भी सीलन की समस्या होती है। वैसे सीलन का मुख्य कारण ग्राउंड वॉटर भी होता है। यदि ग्राउंड वॉटर एक दीवार पर चढ़ता है, तो पूरी बिल्डिंग पर चढ़ जाता है। 
रेनोवेशन के दौरान
घर को यदि मानसून सीज़न में रेनोवेट करवा रही हैं तो याद रखें कि प्लास्टर से पहले पुट्टी ज़रूर करवाएं। इसके साथ ही प्लास्टर के समय वॉटर प्रूफिंग कंपाउंड भी करवा लें। यदि घर में पेंट करवा रही हैं तो भी एक बार दीवारों के प्लास्टर को चैक करें। यदि दरार हो तो उसे ठीक करवाकर ही वॉटरप्रूव पेंट करवाएं। वैसे तो मानसून में पेंट करवाने से बचना ही चाहिए क्योंकि बारिश के दिनों में पेंट या पॉलिश के अंदर नमी रह जाती है, जिससे बाद में सीलन नज़र आती है। यदि आप घर में प्लास्टर करवाने के बाद पेंटिंग करवाना चाह रही हैं तो इसे शुरू करने से पहले पेंटर से नमी स्तर की जांच ज़रूर करवा लें। ये मॉयश्‍चर मीटर की मदद से पता किया जा सकता है।
इन चीज़ों का भी रखें ख़्याल
घर में दरवाज़े अगर लकड़ी के हैं और उन्हें रिपेयर करवाने जा रही हैं तो उसे निकलवाकर उस पर पेंट करवाएं, उसके बाद दोबारा फिक्स करवाएं। वैसे बेहतर होगा लकड़ी को पानी से बचाने के लिए उस पर प्लास्टिक की पट्टी लगाएं, जिससे पानी पड़ने से वो फूले नहीं। यदि बाथरूम या छत की कोई टाइल टूट-फूट गई है, तो उसे भी तुरंत सील कर दें।

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option kitchen ingredients किचन में न हो ये सामग्रियां तो अपनाएं ये

अगर किचन में सामग्री पूरी न हो तो उसका असर हमारे व्यंजन के स्वाद पर पड़ता है। हम आपके लिए लाए हैं, किचन में न होने वाली सामग्रियों के कुछ आसान विकल्प

किचन में अक्सर ऐसा होता है पडऩे वाली सभी सामग्रियों में से कुछ न कुछ कम रह ही जाती है, जिसकी वजह से खाने के स्वाद में कमी आ जाती है। कुकिंग के दौरान इस्तेमाल होने वाली कुछ सामग्रियों के विकल्प, जैसे कि-
 


  1. सूखी सब्जी या परांठा बनाते समय अगर आपके पास धनिया पत्ता खत्म हो जाए तो आप कस्तूरी मेथी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. कटलेट्स और पकौड़े बनाते समय उसमें कुरकुरापन लाने के लिए आप ब्रेड क्रंब्स की जगह चावल के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  3. इमली की जगह नींबू या अमचूर इस्तेमाल कर सकते हैं।
  4. टमाटर नहीं होने पर आप किशमिश से भी टमाटर की जैसी चटनी बना सकते हैं।
  5. चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  6. कोई भी ग्रेवी बनाने के लिए अगर प्याज़  ना हो तो आप लौकी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  7. अगर घर पर पोहा नहीं है तो आप उसकी जगह मुरमुरे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस्तेमाल करने से पहले मुरमुरे को पानी में भिगो दीजिए।
  8. एक बड़ा चम्मच कॉर्नफ्लोर की जगह आप 2/1 बड़ा चम्मच अरारोट या २ बड़े चम्मच ऑल वीट फ्लोर अथवा 1 बड़ा चम्मच आलू के स्टार्च का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  9. अगर किसी व्यंजन में आपको अदरक का इस्तेमाल करना है और अदरक नहीं है तो उसकी जगह सौंठ, सूखी हुई अदरक के पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  10. टमाटर नहीं होने पर आप उसकी जगह दही, अमचूर, टोमैटो सॉस या टोमैटो प्यूरी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  11. उत्तपम या कोई भी साउथ इंडियन डिश बनाते समय अगर सूजी कम हो तो आप उसमें चावल का आटा मिला सकते हैं।
  12. गाजर का हलवा बनाते समय यदि दूध कम है तो आप मिल्कमेड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे स्वाद में भी बढ़ोतरी होती है। 
  13.  कोई भी सूखी सब्जी बनाते वक्त अमचूर ना होने पर आप अचार का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  14. अगर आपके पास नारियल का दूध नहीं है तो आप उसकी बजाय मलाई का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  15. नान या भटूरे का आटा लगाते समय अगर आपके पास बेकिंग पाउडर न हो तो आप सोडा वॉटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  16. पनीर बनाते समय आप नींबू या साइटिक एसिड के बजाय सिरका का उपयोग कर सकते हैं।
  17. कटलेट या चाप बनाते समय ब्रेड क्रम्ब्स या कॉर्नफ्लोर न हो, तब चिड़वा इस्तेमाल कर सकते हैं। चिड़वा को भिगोकर, फिर उसका पानी निकालकर उसे कटलेट में लगाकर फ्राई करें।
  18. इडली बनाते वक्त आप सोडा की जगह इनो (लेमन सॉल्ट फ्लेवर) भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  19. काजू या मगज का बीज न होने पर आप पोस्त दाना या बादाम इस्तेमाल कर सकते हैं।
  20. कोई भी इटेलियन डिश बनाते समय आप मैदा की जगह ब्रेड का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे की कैनलोनी में मैदे में स्टफिंग करते हैं, लेकिन उसकी जगह हम ब्रेड में स्टफिंग कर सकते हैं।
  21. अगर आपको मूंगफली से एलर्जी है तो आप उसकी जगह भुने हुए नट्स जैसे कि बादाम, अखरोट इस्तेमाल करके अपनी डिश में कुरकुरापन ला सकते हैं।
  22. पतली ग्रेवी को थोड़ा गाढ़ा करने के लिए उसमें एक बड़ा चम्मच कॉर्नफ्लोर मिलाएं। अगर कॉर्नफ्लोर नहीं है तो एक चम्मच काजू का पेस्ट भी मिला सकते हैं। बेसन का घोल और दही भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  23. मंचूरियन बॉल बनाने के लिए अरारोट पेस्ट की बजाय आप मैदा या बिस्कुट के क्रंब का उपयोग कर सकते हैं।
  24. चिप्स या कटलेट बनाने के लिए आप ग्रेटेड आलू की जगह ग्रेटेड शकरकंदी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  25. राजस्थानी कढ़ी बनाने के लिए अगर बेसन न हो तो आटा इस्तेमाल किया जा सकता है।
  26. किसी भी ग्रेवी में आप गर्म मसाले की जगह धनिया, इलाइची और भुना हुआ पिसा ज़ीरा भी डाल सकते हैं।
  27. अगर बाजार में क्रीम चीज़ न मिले तो दही का पानी निकालकर उसमें पनीर क्रस्ड मिक्स करके क्रीम चीज़ बना सकते हैं। 
  28. सैलेड बनाते समय फ्रेश क्रीम की जगह हैंड कर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  29. सब्जी में ग्रेवी के लिए आप प्याज़- लहसुन की जगह खोया और काजू के पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

not interested in sex.what can i do पार्टनर सेक्स से भागने लगा है, ये हो सकती है वजह

सेक्स एक हेल्दी रिलेशनशिप में बहुत अहमियत रखता है। सेक्स से दो लोगों के रिश्ते और भी प्रगाढ़ होते है। लेकिन कई कारणों की वजह से सेक्स लाइफ भी ऊबाउ लगने लगती है और पुरुष सेक्स लाइफ से दिलचस्पी खोने लगते है। कई बार महिलाएं इस चीज को समझ नहीं पाती है। उन्हें लगता है कि शायद अब उनमें वो सेक्‍स अपील नहीं रही, शायद इस वजह से उनके पार्टनर उनमें दिलचस्पी खोते जा रहे हैं।


हालांकि, यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके मेल पार्टनर की सेक्स लाइफ में दिलचस्पी कम हो जाने के पीछे कोई दूसरी वजह से भी हो सकती है। जिसकी तरफ आपका ध्यान नहीं गया हो। पुरुषों की सेक्स के प्रति उदासीनता के पीछे कई कारण हो सकते है। 


 टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में सेक्स की इच्‍छा को बढ़ाता है। इस हार्मोन के कम हो जाने से सेक्स ड्राइव में भी कमी आ जाती है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी की कई वजह हो सकती हैं। असल वजह जानने के लिए आप काउंसलर या डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं।




आपको इस बात का दूर तक अहसास न हो लेकिन हो सकता है कि आपका मेल पार्टनर डिप्रेशन का शिकार हो। इस वजह से सेक्स में उसकी दिलचस्पी खोती जा रही है और कई बार वो इसके बारे में बात करते हुए भी बोर‍ियत महसूस करने लगते हैं। उनकी मानसिक स्थिति आपको समझनी चाह‍िए। इस समय मानसिक रुप से आपको अपने पार्टनर को सपोर्ट करना चाह‍िए।

सेक्स के दौरान पुरुष अपनी महिला पार्टनर को संतुष्ट कर पाएंगे या नहीं इस बात की चिंता उन्हें सताती है। कई बार पुरुष इस बात को अपनी मर्दानगी से जोड़कर देखते हैं। इस वजह से कई बार । परफॉर्मेंस एंग्जायटी होने लगती है। जिस वजह से भी पुरुष पूरी तरह से पार्टनर के साथ सेक्स से दूरी बना लेते हैं।



सेक्स लाइफ में मर्द और औरत दोनों की अलग-अलग जरुरत होती है। ज्यादातर मामलों में सेक्सुअल रिलेशनशिप में पुरुष पार्टनर नई चीजें ट्राइ करना चाहते हैं लेकिन कई बार महिलाएं इसमें दिलचस्पी खोने लगती है। महिलाओं की खोती दिलचस्पी के वजह से पुरुष पार्टनर सेक्स में बोर‍ियत महसूस करने लगते है। इस वजह से वो कहीं न कहीं सेक्स में रुचि खोने लगते हैं।


lack of sex in a relationship सेक्स एक हेल्दी रिलेशनशिप

सेक्स एक हेल्दी रिलेशनशिप में बहुत अहमियत रखता है। सेक्स से दो लोगों के रिश्ते और भी प्रगाढ़ होते है। लेकिन कई कारणों की वजह से सेक्स लाइफ भी ऊबाउ लगने लगती है और पुरुष सेक्स लाइफ से दिलचस्पी खोने लगते है। कई बार महिलाएं इस चीज को समझ नहीं पाती है। उन्हें लगता है कि शायद अब उनमें वो सेक्स अपील नहीं रही, शायद इस वजह से उनके पार्टनर उनमें दिलचस्पी खोते जा रहे हैं।
हालांकि, यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके मेल पार्टनर की सेक्स लाइफ में दिलचस्पी कम हो जाने के पीछे कोई दूसरी वजह से भी हो सकती है। जिसकी तरफ आपका ध्यान नहीं गया हो। पुरुषों की सेक्स के प्रति उदासीनता के पीछे कई कारण हो सकते है। 


टेस्टोस्टेरोन में कमी है की वजह से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में सेक्स की इच्‍छा को बढ़ाता है। इस हार्मोन के कम हो जाने से सेक्स ड्राइव में भी कमी आ जाती है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी की कई वजह हो सकती हैं। असल वजह जानने के लिए आप काउंसलर या डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं।

कही डिप्रेशन में तो नहीं है वो आपको इस बात का दूर तक अहसास न हो लेकिन हो सकता है कि आपका मेल पार्टनर डिप्रेशन का शिकार हो। इस वजह से सेक्स में उसकी दिलचस्‍पी खोती जा रही है और कई बार वो इसके बारे में बात करते हुए भी बोर‍ियत महसूस करने लगते हैं। उनकी मानसिक स्थिति आपको समझनी चाह‍िए। इस समय मानसिक रुप से आपको अपने पार्टनर को सपोर्ट करना चाह‍िए।

सेक्स परफॉर्मेंस की चिंता सेक्स के दौरान पुरुष अपनी महिला पार्टनर को संतुष्ट कर पाएंगे या नहीं इस बात की चिंता उन्हें सताती है। कई बार पुरुष इस बात को अपनी मर्दानगी से जोड़कर देखते हैं। इस वजह से कई बार । परफॉर्मेंस एंग्जायटी होने लगती है। जिस वजह से भी पुरुष पूरी तरह से पार्टनर के साथ सेक्स से दूरी बना लेते हैं।

बोरियत होने लगे तब सेक्स लाइफ में मर्द और औरत दोनों की अलग-अलग जरुरत होती है। ज्यादातर मामलों में सेक्सुअल रिलेशनशिप में पुरुष पार्टनर नई चीजें ट्राइ करना चाहते हैं लेकिन कई बार महिलाएं इसमें दिलचस्पी खोने लगती है। महिलाओं की खोती दिलचस्पी के वजह से पुरुष पार्टनर सेक्स में बोर‍ियत महसूस करने लगते है। इस वजह से वो कहीं न कहीं सेक्स में रुचि खोने लगते हैं।

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