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antioxidants benefits एंटीऑक्सीडेंट पदार्थ के फायदे

टीऑक्सीडेंट किस खाद्य पदार्थ में होता है एंटीऑक्सिडेंट सब्जीयों और फलो में अधिक पाये जाते है। एंटीऑक्सिडेंट के उदाहरण में विटामिन सी, विटामिन ई, सेलेनियम, कैरोटीनॉड्स, बीटा-कैरोटीन, लाइकोपीन, ल्‍यूटिन ओर लेक्‍सैथीन शामिल है।
एंटीऑक्सिडेंट अक्‍सर अच्‍छे स्वास्थ्य और बीमारियों को रोकने का काम करते है। एंटीआक्सिडेंट अच्‍छे स्वास्थ्य के लिए बहुत महात्‍वपूर्ण होते हैं। एंटीऑक्स्डिेट हमारे शरीर के हानिकारक तत्‍वों को रोकने का काम करते है। यदि हानिकारक तत्‍वों की रोक थाम न की जाए तो वे हमारे लिए घातक बीमारीयों का रूप ले सकते है।

एंटीऑक्सीडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर में कोशिकाओं को मुक्त कणों द्वारा क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं। मुक्त कण आमतौर पर रसायनों, धूम्रपान, प्रदूषण एवं रेडिएशन के कारण उत्पन्न होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट फल एवं सब्जियों सहित कई तरह के भोज्य पदार्थों (foods) में पाये जाते हैं। इसके अलावा यह पूरक आहार के रूप में भी पाये जाते है। आमतौर पर बीटा-कैरोटिन, ल्यूटिन, लाइकोपिन, सेलेनियम, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। कुछ ऐसे भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इंसान के शरीर के अंदर ही बनते हैं लेकिन ज्यादातर एंटीऑक्सीडेंट संतुलित आहार (balanced diet) के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों के सेवन से शरीर को प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मिलता है और इनके कारण बीमारियों का ख़तरा नहीं होता है।
  • थकान
  • स्मृति में कमी
  • त्वचा और बालों का रंग बदलना
  • अवांछित जख्म उपचार
उच्च जोखिम वाले समूहों में शामिल कुछ कारक:
  • बूढ़े लोग, साथ ही साथ जो अपने स्वयं के एंटीऑक्सिडेंट्स नहीं बना पाते है
  • जो लोग बहुत ज्यादा शराब पीते हैं
  • जिन लोगों को पाचन समस्याएं हैं
  • या वे जो एंटीऑक्सिडेंट को ठीक से अवशोषित नहीं कर सकते हैं
एंटीऑक्सीडेंट कई तरह के खाद्य पदार्थों, जड़ी-बूटियों (herbs) और मसालों में मौजूद होता है। इन्हें आसानी से भोजन में शामिल कर पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट लिया जा सकता है। आइये जानते हैं किन-किन चीजों में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।

यह हमारे शरीर में किस तरह से काम करते हैं, यह जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। हम सभी जानते हैं कि हमारा शरीर परमाणुओं से मिलकर बना है। दो या दो से अधिक परमाणु एक अणु का निर्माण करते हैं। ये अणु सिर्फ तभी तक मजबूत बने रहते हैं जब तक इनके पास पर्याप्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। जब इन अणुओं के पास इलेक्ट्रानों खत्म हो जाते हैं तो यह मुक्त कणों में बदल जाता है। यह अस्थिर होकर अन्य अणुओं के साथ प्रतिक्रिया करता है और उन्हें क्षतिग्रस्त कर देता है। इस तरह ये अणु एक श्रृंखला बना लेते हैं और पूरी तरह से मुक्त कणों में बदल जाते हैं और शरीर में गड़बड़ी उत्पन्न करने लगते हैं।
इसके बाद व्यक्ति को एंटीऑक्सीडेंट लेने की जरूरत पड़ती है। एंटीक्सीडेंट मुक्त कणों को इलेक्ट्रॉन डोनेट करते हैं  जिससे वे प्रभावी ढंग से निष्क्रिय हो जाते हैं। हालांकि हमें मुक्त कणों और एंटीऑक्सीडेंट के बीच संतुलन बनाये रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि जब मुक्त कण एंटीऑक्सीडेंट से अधिक हो जाते हैं तो ऑक्सीडेटिव तनाव उत्पन्न हो जाता है।
एंटीऑक्सीडेंट का सेवन करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है और कई तरह के विकारों को दूर करने में भी यह फायदेमंद होता है। शरीर को मुक्त कणों और सूजन के प्रभाव से बचाने में एंटीऑक्सीडेंट फायदेमंद होता है। यह हृदय को स्वस्थ रखता है और यादाश्त में भी सुधार करता है। इसलिए एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करके अपनी सेहत में फर्क देखा जा सकता है। आइये जानते हैं कि एंटीऑक्सीडेंट के फायदे क्या हैं।
एक स्टडी में पाया गया है कि एंटीऑक्सीडेंट रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करता है और दर्द से राहत प्रदान करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट के एंटी इंफ्लैमेटरी गुण के कारण होता है। बेरी और खट्टे फलों में पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है जो अर्थराइटिस के दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है।
आमतौर पर एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं  जो कैंसर होने का कारण बनता है। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार कैंसर के लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं और सूजन को भी कम करने में सहायक होते हैं।
एक अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन सी, बीटा कैरोटिन, और विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट उम्र संबंधी आंखों के रोगों से रक्षा करते हैं।स्वीट पोटैटो, गाजर,और  पालक  एंटीऑक्सीडेंट के अच्छे स्रोत हैं जो आंखों की रोशनी को ठीक रखने में मदद करते हैं।
जब शरीर के अंगों में ऑक्सीडेसिव तनाव उत्पन्न होता है तो लीवर संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। एंटीऑक्सीडेंट लीवर के कार्य को सामान्य रखने में मदद करता है। इसलिए लीवर को मजबूत बनाने एवं इसकी क्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
ग्रीन टी और डार्क चॉकलेट में फ्लैनॉयड पाया जाता है जो त्वचा में सूजन होने से बचाता है। एक स्टडी में पाया गया है कि ग्रीन टी सूर्य के हानिकारक किरणों से बचाने में मदद करती है। इसलिए ज्यादातर लोग त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग करते हैं।
मुक्त कण पूरे शरीर में विचरण करते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं से इलेक्ट्रॉन चुरा लेते हैं। इसके कारण त्वचा क्षतिग्रस्त हो जाती है और चेहरे पर मुंहासे होने लगते हैं। एंटीऑक्सीडेंट इन मुक्त कणों को दूर करता है और मुंहासों को ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा यह हानिकारक पदार्थों से त्वचा की रक्षा करता है।

एंटीऑक्सीडेंट के नुकसान

अगर अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट लिया जाता है तो एंटीऑक्सीडेंट के कुछ स्रोत विषाक्त हो सकते हैं। बहुत अधिक खुराक लेना और साथ ही एंटीऑक्सीडेंट में समृद्ध भोजन खाने से एंटीऑक्सीडेंट विषाक्तता का कारण बनता है। उदाहरण के लिए, बहुत अधिक विटामिन ए लेना, विटामिन ए विषाक्तता का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप जन्म दोष, यकृत असामान्यताएं, ऑस्टियोपोरोसिस या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र विकार उत्पन्न हो सकते हैं। विटामिन सी की बड़ी खुराक से भी नुकसान हो सकते हैं जैसे दस्तमतली, और पेट की ऐंठन आदि।

एंटीऑक्सीडेंट की जरूरी मात्रा कितनी होती है – 

आपके लिए एंटीऑक्सीडेंट की जरूरी मात्रा आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करती है। प्रत्येक एंटीऑक्सिडेंट के लिए अनुशंसित दैनिक मात्रा लेना महत्वपूर्ण है जब तक कि आपका डॉक्टर इसे बढ़ाने की अनुशंसा नहीं करता। अन्य कारक, जैसे कि गर्भावस्था और बीमारियां, आपकी आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट लेने की मात्रा को भी प्रभावित करती हैं।

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grapes face pack benefits अंगूर का फेस-पैक

अगर आपकी त्वचा भी रूखी, बेजान और बीमार नजर आने लगी है तो घबराने की जरूरत नहीं है. आप चाहें तो मौसमी फलों के इस्तेमाल से त्वचा की रंगत निखारी जा सकती है.
गर्मी के मौसम में तो त्वचा को वैसे भी खास देखभाल की जरूरत होती है. सूरज की तेज रोशनी, धूल, मिट्टी, गंदगी और दूसरे कई कारणों की वजह से हमारी त्वचा रंगत खो देती है. ऐसे में आप चाहें तो मौसमी फलों के इस्तेमाल से अपनी खोई निखरी-जवां त्वचा वापस पा सकते हैं.

 अंगूर इन दिनों में आसानी से मिल जाने वाला फल है. आप चाहें तो इसके अलग-अलग फेस-पैक बना सकते हैं और नेचुरल ग्लो वापस पा सकते हैं.
अंगूर के इन फेस पैक की मदद से निखारे रूप-रंग:
1. अंगूर और पुदीने का फेस पैक 
अंगूर को महीन पीस लें और इसमें पुदीने की कुछ पत्तियों को पीसकर मिला लें. आप चाहें तो इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें भी डाल सकते हैं. इन तीनों को अच्छी तरह मिला लीजिए. इस फेस पैक को चेहरे पर लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दीजिए. उसके बाद चेहरे को हल्के गुनगुने पानी से धो लीजिए. इसके बाद बर्फ के एक टुकड़े को गुलाब जल में डुबोकर पूरे चेहरे पर मलें. इस पैक से चेहरे पर निखार तो आएगा ही साथ ही अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो भी ये आपके लिए फायदेमंद रहेगा.
2. अंगूर और गाजर का फेस पैक 
अंगूर को इतना पीस लीजिए कि वो एकसार हो जाए. इस पेस्ट में एक चम्मच क्रीम मिला लें. साथ ही एक चम्मच चावल का आटा और एक चम्मच गाजर का जूस मिला लें.
इन सभी को अच्छी तरह मिला लें. इस पैक को चेहरे पर लगाकर छोड़ दें. जब ये सूख जाए तो इसे हल्के गुनगुने पानी से धो लें. इस मास्क के इस्तेमाल से त्वचा में कसाव आता है और ग्लो भी.
3. ऑयली स्क‍िन के लिए अंगूर का फेस पैक 
एक छोटी कटोरी में मुल्तानी मिट्टी ले लें. इसमें कुछ बूंदें नींबू के रस की और कुछ बूंदें गुलाब जल की मिला लें. इसके बाद इसमें अंगूर का पेस्ट अचछी तरह मिला लें. इस पैक को चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें. जब ये सूख जाए तो सामान्य पानी से चेहरा धो लें. 

avoid food before romance रोमांस को एन्जॉय करने से पहले ना खाएं ये फूड

अगर आप रोमांटिक लाइफ को हेल्दी बनाना चा‍हते हैं और रोमांस क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो आपको कुछ फूड खाने से परहेज करना चाहिए. दरअसल, कुछ फूड ऐसे होते हैं जो रोमांस क्षमता घटाते हैं. आज हम आपको उन्हीं फूड्स के बारे में बताएंगे जिससे परहेज करके आपकी रोमांटिक लाइफ बेहतर हो सकती है.

कॉर्नफ्लेक्स- आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन कॉर्नफ्लेक्स रोमांटिक इच्छाओं को मारता है. यदि आप सचमुच रोमांटिक लाइफ को एंज्वॉय करना चाहते हैं तो आपको कॉर्नफ्लेक्स से परहेज करना चाहिए.

डेयरी प्रोडक्ट्स - आजकल बाजारों में उपलब्ध डेयरी प्रोडक्ट्स नैचुरल नहीं होते. हाई फैट युक्त डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे चीज़ आपकी शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. इससे आपके मूड में भी बदलाव होता है. इनके सेवन से बॉडी में टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं जिससे की डिस्फंक्शन की समस्या शुरू हो सकती है.

क्रिप्सी डिलाइट्स- चिप्स शरीर में मौजूद टिश्यूज और सेल्स को नष्ट करता ही है साथ ही इच्‍छा भी घटाता है. आलू चिप्स, क्रिप्सी स्नैक्स ये सभी चीजें बांसी तेल से बनती हैं और बहुत तेज तापमान में बनती हैं. इनमें मौजूद बैड फैट और उच्च तापमान से लव मूड भी खराब हो जाता है.

कॉफी- सुबह-सवेरे एक कप कॉफी से मूड अच्छा हो जाता है लेकिन बहुत ज्यादा कॉफी के सेवन से स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बॉडी में बढ़ जाता है. बहुत ज्यादा कैफीन के सेवन से तनाव और हार्मोंस में असंतुलन आता है. इसलिए जब भी रोमांस का मूड हो तो कैफीन के सेवन से बचें.

सोया- ये बेशक हेल्दी और मीट की जगह ले सकता है लेकिन सोया में मौजूद कंटेन से पुरुषों का रोमांस हार्मोंन बिगड़ जाता है. इसके सेवन से इंफर्टिलिटी की समस्या होने लगती है और शरीर से बाल गिरने लगते हैं. इतना ही नहीं, पुरुषों के ब्रेस्ट ग्रोथ करने लगते हैं.

सोडा ड्रिंक्स- रोजाना सोडा और फ्लेवर्ड बेवरेजस से ना सिर्फ वजन बढ़ता है बल्कि मूड भी बदलता है. सोडा और ऐसी ड्रिंक्स के सेवन से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे मोटापा, कैवेटी, डायबिटीज बढ़ जाती है. इन समस्याओं से रोमांटिक इच्छाएं यूं भी कम होने लगती हैं.

मिंट- अगर माउथफ्रेशनर के रूप में मिंट का सेवन करने जा रहे हैं तो जरा रूके. पाचन तंत्र को सुधारने और मुंह की दुर्गन्ध दूर करने के लिए बेशक मिंट फायदेमंद है लेकिन ये आपकी रोमांटिक इच्छाओं को प्रभावित करता है.

एल्कोहल- बेशक आप ड्रिंक्स करके आरामदायक महसूस करते हो लेकिन वास्तव में ये आपकी संवदेनशीलता खत्म कर देता है. अगर आप रोमांटिक महसूस कर रहे हैं और अपने पार्टनर संग इंटीमेट होना चाहते हैं तो रोमांस से पहले एल्कोहल का सेवन बिल्कुल ना करें.

फ्राइड फूड और जंक फूड- फ्रेंच फ्राइस, हैमबर्गर जैसे फ्राइड फूड और जंक फूड आपके रोमांस को मार सकता है. ऐसे फूड्स से आपको टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का स्तर गिर जाता है. पुरुषों में स्पर्म प्रोडक्शन कम होता है. जब आप रोमांटिक मूड में हो तो ये सब जंक और ऑयली फूड ना खाएं.

ये रिसर्च के दावे पर हैं. हम  इसकी पुष्टि नहीं करते . आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.

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carbohydrates side effects ज्यादा कार्बोहाइड्रेड खाने से हो सकता है कैंसर

सीमित मात्रा में कार्बोहाइड्रेड का सेवन नुकसान नहीं करता लेकिन अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेड के सेवन से ना सिर्फ वजन बढ़ता है बल्कि इससे कैंसर का इलाज करवा चुके मरीजों को दोबारा कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है. हाल ही में आई एक रिसर्च में भी ये बात सामने आई है.


क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, डायट में कार्बोहाइड्रेड और शुगर की मात्रा अधिक होने से सिर और गले के कैंसर का इलाज करवा चुके मरीजों को दोबारा इस कैंसर का खतरा बढ़ सकता है और वह मौत का कारण बन सकता है. रिसर्च में ये भी पाया गया है कि कैंसर के इलाज से पहले के साल में जिन्होंने कार्बोहाइड्रेट और सुक्रोज, फ्रक्टोज, लैक्टोज और माल्टोज के रूप में शुगर का सेवन ज्यादा किया है उनमें मृत्यु का खतरा अधिक होता है.

कैसे की गई रिसर्च-
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में पब्लिश इस रिसर्च में कैंसर के 400 मरीजों में 17 फीसदी से अधिक मरीजों में कैंसर दोबारा होने की पुष्टि की गई, जबकि 42 फीसदी की मौत हो गई.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
अरबाना शैंपैन स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अन्ना ई. आर्थर ने बताया कि कार्बोहाइड्रेट खाने वाले मरीजों और अन्य मरीजों में कैंसर के प्रकार और कैंसर के चरण में अंतर पाया गया.

हालांकि उपचार के बाद कम मात्रा में वसा और अनाज, आलू जैसे स्टार्च वाले फूड खाने वाले मरीजों में बीमारी के दोबारा होने की आशंका और मौत के खतरे कम हो सकते हैं.

ये रिसर्च के दावे पर हैं. हम पुष्टि नहीं करते . आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.

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pomegranate benefits खून के साथ साथ रूप निखारे अनार

हम सभी जानते हैं कि अनार खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. खास बात ये भी है कि इसका स्वाद काफी अच्छा होता है. जिस वजह से बच्चे भी आराम से इसे खा लेते हैं. ये फाइबर, विटामिन सी और के का एक बहुत अच्छा माध्यम है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स के भी ढ़ेरों फायदे हैं.
अनार के छोटे-छोटे दानों में रस भरा होता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये एक ऐसा फल है जिसके बीज और छिलके में भी कई गुण होते हैं. अनार का सेवन करने से दिल से जुड़ी बीमारियों में बचाव होता है. ये कैंसर होने की आशंका से भी बचाता है. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और सेक्स लाइफ को भी खुशहाल बनाता है.
अनार में बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने का विशेष गुण होता है. हर रोज अनार का जूस पीने से चेहरे पर निखार आता है. साथ ही ये कील-मुंहासों की समस्या में भी फायदेमंद है. इसके अलावा अनार के और भी कई फायदे है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होगा.

 1. सूरज की तेज रोशनी से बचाव
अनार, सूरज की नुकसानदायक यूवी किरणों से त्वचा को सुरक्षित रखने का काम करता है. अनार के छिलकों में सन-ब्लॉकिंग एजेंट्स होते हैं जोकि नेचुरल तरीके से त्वचा को सुरक्षित रखता है.
2. एंटी-एजिंग गुणअनार में उच्च मात्रा में विटामिन ए, ई और सी होता है. ये विटामिन बढ़ती उम्र के लक्षणों को जल्दी आने से रोकते हैं. ये त्वचा की महीन रेखाओं और झुर्रियों को जल्दी आने से रोकता है.
3. नई कोशिकाओं के निर्माण में 
अनार, त्वचा की ऊपरी परत को सुर‍क्षित करने का काम करता है. साथ ही ये कोशिकाओं के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जिससे चेहरे पर निखार आता है.
4. मॉइश्चर करने के लिएअनार त्वचा को हाइड्रेटेड रखने का काम करता है. अनार की बीजों से निकले तेल का इस्तेमाल त्वचा को कोमल और मुलायम बनाए रखता है.
5. कील-मुंहासों की समस्या में
अनार विटामिन सी का एक बहुत अच्छा माध्यम है. अनार का जूस पीने से पाचन क्रिया अच्छी होती है. साथ ही इसका एंटी-ऑक्सीडेंट गुण कील-मुंहासों की समस्या को दूर रखने में फायदेमंद है.
6. क्लीनर के तौर पर 
अनार के छिलके को पीसकर, उससे चेहरे पर मसाज करने से डेड स्किन साफ हो जाती है. साथ ही ब्लैकहेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है. आप चाहें तो इसे ब्राउन शुगर और हनी के साथ मिलाकर भी लगा सकते हैं. 

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rice flour benefits चावल के आटे के फायदे

स्क‍िन से जुड़ी बहुत सी परेशानियों को हम घर में मौजूद सामान की मदद से ही दूर कर सकते हैं. हमारे किचन में ही कई ऐसी चीजें होती हैं जिनका सही इस्तेमाल करके हम बहुत सी परेशानियों को दूर कर सकते हैं.
इन घरेलू उपायों का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इनका कोई साइडइफेक्ट नहीं होता है. साथ ही इनके लिए मोटी रकम भी खर्च नहीं करनी पड़ती. चावल का आटा भी एक ऐसा ही उपाय है जिसके इस्तेमाल से आप त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं.

1. आंखों के नीचे के काले घेरे दूर करे 
दो चम्मच चावल के आटे में आधे पके हुए केले को या फिर एक चम्मच मलाई को अच्छी तरह फेंट लें. आप चाहें तो इस मिश्रण में एक चम्मच बादाम का तेल भी मिला सकते हैं. इस पेस्ट को आंखों के नीचे लगाने से काले घेरे दूर हो जाएंगे.
2. कील-मुंहासों की प्रॉब्लम चावल के आटे में एक चम्मच शहद और एलोवेरा जेल मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लीजिए. इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में कील-मुंहासों की प्रॉब्लम दूर हो जाएगी.
3. टैनिंग की प्रॉब्लम दूर करने में मददगार चावल का आटा टैनिंग दूर करने में मददगार है. 1 चम्मच चावल के आटे में नींबू का रस मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लीजिए. इसे चेहरे पर लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें. उसके बाद हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धो लें.
4. एंटी-एजिंग फेस मास्कचावल का आटा एक बेहतरीन एंटी-एजिंग मास्क है. इसमें अंडे को फेंट लें. इस मिश्रण में एक से दो बूंद ग्ल‍िसरीन भी मिला लें. इसे चेहरे पर लगाकर सूखने दें. सूखने के बाद चेहरे को हल्के गुनगुने पानी से साफ कर लें. 



vagina tightening home remedies योनि को टाइट करने के असरदार घरेलू उपाय और तरीके

योनि को किसी कुंवारी लड़की की तरह टाइट करने के उपाय के बारे में हर महिला जानना चाहती है कुछ प्राक्रतिक तरीको की मदद से महिलाएं अपनी योनि में फिर से पहले जैसी कसावट वापिस पा सकती हैं, योनि को टाइट करने के उपाय काफी आसान और सरल है।  योनि महिलाओं के शरीर का जननांग होता है जो कि शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। योनि को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना हर महिला की प्राथमिकता होती है। योनि का ढ़ीला होना आजकल महिलाओं में आम समस्या बन चुकी है।
योनि के ढ़ीला होने के कारण बहुत सारी महिलाओं का आत्मविश्वास कम हो जाता है क्योंकि इससे उनके सेक्सुअल लाइफ  यानि की यौन जीवन पर गंभीर असर पड़ता है। वेजाइनल वॉल के प्राकृतिक रुप से खिंच जाने के कारण योनि के ढ़ीले होने की समस्या पैदा हो सकती है। बच्चे को जन्म देने के बाद, मसल्स के फेलने, सही तरीके से योनि की देखभाल ना करने, सेक्स करने, योनि बहुत ज्यादा चूसने आदि कई कारणों से योनि ढ़ीली हो जाती है। योनि को टाइट करने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकती हैं।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से आपको कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि योनि को टाइट करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं योनि को टाइट करने के लिए कुछ उपयोगी घरेलू उपायों के बारे में।
सेक्स कम करने से इस समस्या का समाधान नहीं होता क्योंकि योनि ढ़ीले होने के और भी कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं योनि के ढ़ीले होने के अन्य क्या कारण होते हैं। जिनमें हैं-
  • शिशु को जन्म देना
  • मोटापा
  • योनि की सर्जरी
  • लगातार भारी चीजें उठाना
  • इंटेस वर्कआउट
  • पेल्विक डिज़ीज
  • क्रोनिक बैक पेन आदि शामिल है। इन सभी कारणों से योनि ढ़ीली हो जाती है।
एलोवेरा जेल काफी लाभकारी होता है। इस जेले में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होने के साथ-साथ त्वचा में कसावट पैदा करने के गुण भी होते हैं इसलिए योनि को टाइट करने के लिए यह काफी उपयोगी घरेलू उपाय होता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए एलोवेरा जेल में साफ उंगली डुबाकर योनि के चारों ओर लगाएं। दिन में 5-6 बार ऐसा करने से योनि टाइट होती है।
गूसबेरी में विटामिन ए, विटामिन सी आदि पर्याप्त मात्रा में होते हैं। साथ ही बैक्टीरिया और कैंसर रोधी गुण भी होते हैं। इसका इस्तेमाल करने से योनि तो टाइट होती ही है साथ ही योनि के रोगों से भी बचा जा सकता है। इसका उपयोग करने के लिए पानी में आंवला उबालें (Gooseberry) और उसको मैश करके जूस निकाल लें। इस जूस को योनि के चारों ओर लगाएं दिन में 4-5 बार ऐसा करने से योनि तेजी से टाइट होती है।
ये हर्ब्स एस्ट्रीजेंट्स (Astringent) से भरपूर होते हैं जो कि पेल्विक मसल्स (pelvic muscles) का लचीलापन बढ़ाता है और योनि को टाइट करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल करने से उत्तक तेजी से लचीलापन पाते हैं और योनि के दोबारा ढ़ीला होने का खतरा भी कम हो जाता है। इस हर्ब (herb) को पीस कर इसका पेस्ट योनि की दीवारों पर लगाने से योनि टाइट हो जाती है।
बहुत सारे योग भी ऐसे होते हैं जो कि पेल्विक मसल्स में कसावट लाते हैं। इसके लिए आपको पवन मुक्तासन औरसेतुबंध आसन आदि योग करने से फायदा मिलता है। रोजाना ये योगासन करने से पेल्विक मसल्स मजबूत बनती है और योनि टाइट होती है। इसके अलावा केगल एक्सरसाइज करने से योनि का ढ़ीलापन दूर करने में मदद मिलती है।

कई रिसर्च में यह पाया गया है कि विटामिन ई (Vitamin E) योनि को टाइट करने के लिए काफी फायदेमंद होता है। विटामिन ई मॉइश्चराइजर योनि के रुखेपन को कम करता है साथ ही वेजाइनल वॉल्स को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। योनि में विटामिन ई कैप्सूल डाल सकती हैं जिससे योनि टाइट होती है। इस कैप्सूल को तोड़ने की जरुरत नहीं होती है क्योंकि योनि खुद विटामिन ई को अवशोषित कर लेती है।
योनि को टाइट करने के लिए वी-टाइट जेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह जेल पेल्विक मसल्स को लचीला बनाता है और योनि को टाइट बनाने में मदद करता है। इसे उंगलियों से वेजाइनल वॉल पर लगाना चाहिए।
स्त्री जननांग को टाइट रखने के लिए जरुरी है कि आप अपनी डाइट में ऐसे
खाद्य पदार्थों को शामिल करें जो कि पेल्विक मसल्स को मजबूती देती है। ऐसे में आप ऑर्गेनिक कार्ब्स और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे मेथी, अनार, सोयाबीन,गाजर, बेरीज और सेब आदि को अपनी डाइट में जरुर शामिल करें।
स्त्री जननांग को साफ करने के लिए हर्बल साबुन या वी-वॉश (v-wash) का इस्तेमाल करें। ये योनि को साफ रखने के साथ-साथ उसे रुखा होने से भी रोकते हैं और बदबू भी मिटाते हैं इसलिए योनि को स्वस्थ बनाए रखने के लिए इसका इस्तेमाल जरुर करें

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