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things should not eat empty stomach खाली पेट ये 6 चीजें भूलकर भी न खाएं

स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के चलते अधिकांश व्यक्ति स्वस्थ रहने के लिए हैल्दी भोजन और स्वस्थ दिनचर्या अपनाने लगे हैं। लेकिन फिर भी कई लोगों की यह समस्या रहती है कि इतनी स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के बाद भी उनकी परेशानियाँ समाप्त क्यों नहीं हो रही हैं।

अक्सर होता ऐसा है कि हमें यह तो पता है कि यह आहार स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन हमें यह नहीं पता होता कि इसे कब और कैसे खाना है। यदि गलत तरीके से कोई हैल्दी भोजन भी खाया जाए तो वह भी परेशानी का कारण बनता है। आइये यहाँ जानते हैं कि ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जिन्हें कभी भी खाली पेट नहीं लेना चाहिए –



ग्रीन टी या चाय- काफी
ज़्यादातर लोग सुबह उठकर सबसे पहले ग्रीन टी या चाय लेते हैं, लेकिन इन्हें खाली पेट लेना सेहत के लिए अच्छा होने के वजाय हानिकारक हो सकता है। इनमें मौजूद कैफीन से पेट में हाइड्रो क्लोरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे एसिडिटी, गैस और बदहजमी की समस्या हो सकती है। इसलिए बेहतर है कि इनके साथ एक या दो बिस्किट लें, यदि न लेना चाहें तो इन्हें लेने से पहले एक गिलास पानी जरूर पिएँ।
दूध- दही
सुबह खाली पेट दूध पीने से कफ की समस्या हो सकती है। दूध में प्रोटीन और सेचुरेटेड फैट होते हैं जो पेट की मांसपेशियों को कमजोर बनाते हैं। पेट पर अधिक दबाब पड़ने से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, जिससे दस्त जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। सुबह के समय पेट में हाइड्रो क्लोरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, खाली पेट दही लेने से यह एसिड दही में उपस्थित लाभदायक बैक्टीरिया को खत्म कर देता है।
केला
ज़्यादातर लोग जिम जाने से पहले केला खाते हैं ऐसा वे वजन बढ़ाने के लिए करते हैं लेकिन इससे शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा में असंतुलन हो जाता है। जो हमारे हार्ट के लिए भी हानिकारक होता है।
खट्टे फल
खट्टे फलों में भी एसिड होता है। यदि इन्हें खाली पेट लिया जाए तो ये पेट में एसिडिटी पैदा कर सकते हैं और गैस्ट्रिक अल्सर होने का भी खतरा हो सकता है।
 मिठाई या चॉकलेट
खाली पेट इन्हें लेने से लीवर और डाइजेस्टिव सिस्टम पर दबाब पड़ता है। जिससे इनकी कार्य क्षमता प्रभावित होती है। जो कि आगे चलकर किसी गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। खाली पेट मीठा लेने से शुगर का लेवल भी बढ़ जाता है इससे आप दिन भर थकान महसूस करते हैं।
मसालेदार भोजन
खाली पेट कभी भी मसालेदार भोजन को न खाएं। ऐसा खाना एसिडिक होता है जो पेट में पहुँचकर एसिड की मात्रा को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। इससे एसिडिटी और जलन होने लगती है। एसिड की ज्यादा मात्रा से पेट की अंदरूनी लेयर पर घाव भी हो सकते हैं, जो अल्सर का कारण बन सकता है।  

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  • गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर खाली पेट पीएं। इसके उपरान्त 12 औंस गाजर व 4 औंस पालक का रस पीने से मोटापा कम हो जाता है।
  • सुबह- सुबह 250 ग्राम पानी में 1 नींबू निचोड़कर पीएं, दोपहर को 10 ग्राम शहद, 125 ग्राम पानी में मिलाकर पियें। केवल गर्मियों में दो महिने पीने से ही अपको हल्का महसूस होगा।

  • अन्नाहार पर नियंत्रण, व्यायाम व योगासनों के साथ-साथ नित्य कच्चा टमाटर, नींबू, नमक और प्याज के साथ खाने से आपका बढ़ा भार धीरे-धीरे कम होने लगेगा।

  • आलू मोटापा नहीं बढ़ाता। आलू का छिलका उतारकर तीखे मसाले, घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में आ जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है। आलू को उबालकर या गर्म रेत में भूनकर खाना लाभप्रद और निरापद है।

  • करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने व उसमें 1/2 ग्राम यवक्षार मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।

  •  त्रिफला चूर्ण के काढ़े में एक चम्मच शहद मिला कर पिएं। ऐसा भी कर सकते हैं कि एक चम्मच शहद और एक चम्मच काढ़ा रोजाना पियें, कुछ ही दिनों में मोटापा दूर हो जायेगा।

  • त्रिफला चूर्ण को पानी में भिगोकर सुबह मसलकर छान लें व शुद्ध शहद मिलाकर पीने से मोटापा अवश्य दूर हो जायेगा।

side effects of makeup on skin अगर आप भी करती हैं हर रोज मेकअप तो, हो सकती हैं ये परेशानियां

क्‍या सुंदर दिखने के लिए आप भी हर रोज मेकअप करती हैं? खास मौकों पर तो हम सभी मेकअप करते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हर रोज मेकअप करते हैं. अगर सही तरीके से मेकअप किया जाए तो स्क‍िन को बहुत अधिक नुकसान नहीं होता है लेकिन गलत तरीके से मेकअप करने पर स्क‍िन बहुत जल्दी खराब हो जाती है. इसके अलावा आप कैसे प्रोडक्ट यूज करते हैं, इस बात से भी बहुत फर्क पड़ता है.


लेकिन रोजाना मेकअप करना सही नहीं है. रोजाना मेकअप करने से त्वचा का नेचुरल ग्लो खो जाता है. साथ ही कई तरह की बीमारियां होने का खतरा भी बना रहता है. त्वचा विशेषज्ञों की मानें तो रोजाना मेकअप करने वालों को ये 5 प्रॉब्लम्स हो सकती है.
1. जो लोग बहुत ज्यादा मसकारा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अक्सर इस प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता है. बहुत अधिक मसकारा यूज करने वालों की पलकें झड़ना शुरू हो जाती हैं.
2. बहुत अधिक आई मेकअप करने वालों की आंखें जल्दी ही ड्राई हो जाती हैं. इससे आंखों में हर समय जलन बनी रहती है. खुजली होती है और भारीपन भी रहता है.
3. अगर आपका स्कि‍न टाइप अचानक से बदल गया है तो हो सकता है कि ये बहुत अधिक मेकअप करने की वजह से हो. मेकअप करने से स्क‍िन पोर्स बंद हो जाते हैं. जिससे पसीना नहीं आता और स्क‍िन ऑयली हो जाती है.
4. बहुत अधिक मेकअप करने से पोर्स बंद हो जाते हैं. जिससे इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है. कई बार इसके चलते मुंहासों की प्रॉब्लम हो जाती है.
5. कई बार बहुत अधिक मेकअप करने से एलर्जी हो जाती है. कई बार इसकी वजह से चेहरे पर लाल चकत्ते भी बन जाते हैं.


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yoga mudra benefits योग मुद्रा क्या है प्रकार और फायदे

योग मुद्रा एक प्राचीन तकनीक है जिसका अभ्यास हम प्राणायाम और मेडिटेशन के दौरान करते हैं। मुद्रा संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ हावभाव  है। प्राचीन काल में साधु संत शरीर के अंदर मौजूद पांच तत्व हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी और आकाश को संतुलित रखने के लिए योग मुद्राएं करते थे। हमारी उंगलियों में इन तत्वों की विशेषता होती है और इनमें से प्रत्येक पांच तत्वों का शरीर के अंदर एक विशिष्ट और महत्वपूर्ण कार्य होता है। यही वजह है कि आज भी लोग योग मुद्रा का अभ्यास करते हैं।

योग मुद्राएँ क्या है?  योग मुद्रा शारीरिक गतिविधियों  का एक समूह है जो व्यक्ति के मन, मनोभावऔर प्रत्यक्ष ज्ञान  को बदलता है। योग मुद्रा मस्तिष्क के विशेष भागों में ऊर्जा का प्रवाह करने का काम करता है। आमतौर पर हमारे शरीर में मौजूद कई तत्व संतुलित अवस्था में नहीं होते हैं जिसके कारण शरीर में विभिन्न बीमारियां लग जाती हैं और व्यक्ति हल्के से लेकर गंभीर समस्याओं से पीड़ित रहने लगता है। ऐसी स्थिति  में योग मुद्रा शरीर के पांच तत्वों को संतुलित करने का काम करता है और पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है।

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि शरीर में पांच तत्व मौजूद होते हैं और इन तत्वों के असंतुलित होने पर व्यक्ति व्याधियों से जकड़ जाता है। इन पांच तत्वों की विशेषता हमारे हाथों की उंगलियों में समाहित होती है। हाथ की पांच उंगलियों में वायु तर्जनी उंगली पर, जल छोटी उंगली पर, अग्नि अंगूठे पर, पृथ्वी अनामिका उंगली पर और आकाश मध्यमा उंगली पर स्थित होता है।


इन्हीं के आधार पर योग मुद्रा को पांच समूहों में बांटा जाता है और यह आमतौर पर अभ्यास किये जाने वाले शरीर के अंगों पर निर्भर करते हैं।

ये पांच समूह निम्न हैं।

हस्त 
मन
काया 
बंध 
आधार 
वैसे तो योग मुद्राएं सैकड़ों प्रकार की होती हैं लेकिन शरीर में मौजूद अलग-अलग बीमारियों (diseases) को दूर करने के लिए अलग-अलग योग मुद्राओं का अभ्यास किया जाता है।

आमतौर पर योग मुद्रा शरीर के विभिन्न अंगों  पर निर्भर करता है लेकिन चूंकि शरीर में पाये जाने वाले पांच तत्वों का उल्लेख उंगलियों से ही किया जाता है इसलिए हस्त योग मुद्रा अधिक प्रसिद्ध  है। 

वरुण मुद्रा 

यह मुद्रा शरीर में पानी के तत्व  को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। चेहरे पर निखार लाने का कार्य करता है क्योंकि शरीर में मौजूद तरल पदार्थों का सही तरीके से प्रवाह होता है और यह चेहरे का अच्छे से मॉश्चराइज करता है।

वरुण मुद्रा करने का तरीका


फर्श पर आराम से बैठ जाएं और अपनी छोटी उंगली  और अंगूठे को हल्का सा झुकाकर एक दूसरे के पोरों से सटाएं।
हाथ की बाकी उंगलियों को सीधा रखें।
इसके बाद हथेली को जांघ  के ऊपर जमीन की तरह थोड़ा सा झुकाकर रखें।
आंखें बंद करके कुछ देर तक इसी मुद्रा में बैठे रहें।

इस मुद्रा को करते समय इस बात का विशेष ध्यान दें कि उंगली के पोर को नाखून से न दबाएं अन्यथा शरीर में पानी के तत्व संतुलित होने के बजाय आपको निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है।

वरुण मुद्रा के फायदे

मस्तिष्क को शांत रखने, त्वचा से जुड़े रोगों को दूर करने में  यह मुद्रा बहुत फायदेमंद है।

वरुन मुद्रा का प्रतिदिन अभ्यास करने से शरीर में तरल पदार्थों का सर्कुलेशन सही तरीके से होता है जिसके कारण व्यक्ति को संक्रमण नहीं होता है और मुंहासे से छुटकारा मिलता है।

यह मुद्रा मांसपेशियों के दर्द से निजात दिलाता है और चेहरे पर प्राकृतिक निखार लाता है।

ज्ञान मुद्रा 

यह सबसे मौलिकयोग मुद्रा है जो एकाग्रता और ज्ञान को बेहतर बनाने में मदद करता है।

ज्ञान मुद्रा करने का तरीका

फर्श पर बिल्कुल आराम से पदमासन की मुद्रा में बैठ जायें।
इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली को मोड़े और अंगूठे के ऊपर सटाएं।
बाकी तीन उंगलियों को बिल्कुल सीधा रखें और ये तीनों उंगलियां एक दूसरे को छूनी नहीं चाहिए।
अब हाथ को घुटने के ऊपर रखें और हथेली को घुटने से हल्का सा नीचे झुकाए रखें।
हाथ पर किसी तरह का तनाव न दें और आंखें बंद करके इस मुद्रा में कुछ देर तक बैठे रहें।

ज्ञान मुद्रा अनिद्रा  की समस्या दूर करने में काफी फायदेमंद होता है।
यह मुद्रा एकाग्रता को बढ़ाता है और यादाश्त की क्षमता भी मजबूत करता है।
प्रतिदिन ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने से मनोवैज्ञानिक समस्याएं जैसे गुस्सा, डिप्रेशन, तनाव और चिंता (anxiety) दूर हो जाती है।
यह मुद्रा शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है और कमर दर्द (waist pain) से राहत दिलाने में बहुत फायदेमंद होता है।

वायु मुद्रा 

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है, वायु मुद्रा शरीर में वायु का संतुलन बनाये रखने के लिए किया जाता है।

वायु मुद्रा करने का तरीका

अपनी तर्जनी उंगली को मोड़े।
इसके बाद अपने अंगूठे के आधार पर तर्जनी उंगली (index finger) को मोड़कर हड्डी को दबाते हुए आधार के पास रखें।
हाथ की बाकी तीन उंगलियों को बिल्कुल सीधा (straight) रखें और उंगलियों पर किसी तरह का दबाव न दें।
इसके बाद हथेली को घुटने के ऊपर रखें और आंखें बंद करके कुछ देर तक बैठे रहें।
वायु मुद्रा बेनिफिट्स इन हिंदी

यह मुद्रा शरीर से अधिक वायु बाहर निकालने का कार्य करता है और गैस के कारण सीने में उत्पन्न दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।

वायु मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से घबराहट  और बेचैनी दूर होती है और मन शांत रहता है।

यह मुद्रा वात दोष को दूर करने और अर्थराइटिस, गैस की समस्या, साइटिका, घुटनों एवं मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में प्रभावी होता है।

इसके अलावा यह मुद्रा अधिक झींक  आने, जम्हाई आने की समस्या को भी दूर करने में फायदेमंद होता है।

प्राण मुद्रा 

(प्राण मुद्रा) व्यक्ति के शरीर के जीवन तत्व को संतुलित रखने के लिए किया जाता है। यह योग मुद्रा इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है और बीमारियों से शरीर की सुरक्षा  करता है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्रा इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा से भर देता है।

प्राण मुद्रा करने का तरीका

आराम से बैठ जाएं और अपनी अनामिका उंगली और छोटी उंगली  को हल्का सा झुकाएं और इन्हें अंगूठे के पोर से सटाएं।
हाथ की बाकी दो उंगलियों को ऊपर की ओर बिल्कुल सीधा  रखें।
अब अपनी हथेली को घुटनेके ऊपर रखें।
हाथों और कंधों को आराम दें और आंखें बंद करके कुछ देर तक इसी मुद्रा में बैठे रहें।


प्राण मुद्रा के फायदे

प्राण मुद्रा का अभ्यास करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
प्रतिदिन इस मुद्रा का अभ्यास  करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और दृष्टि तेज होती है।
आंखों से जुड़ी बीमारियों और आंखों की थकान दूर करने के लिए यह मुद्रा बहुत फायदेमंद है।
शरीर को एक्टिव रखने में भी इस मुद्रा के बहुत फायदे हैं।
शरीर में विटामिन की कमी को दूर करने, बीमारियों से रक्षा करने और आंतरिक अंगों  को क्रियाशील बनाने में यह मुद्रा बहुत फायदेमंद है।

शून्य मुद्रा 
इस मुद्रा को स्वर्ग की मुद्रा भी कहा जाता है और इस मुद्रा का अभ्यास करने पर चित्त को एक विचित्र तरह की शांति मिलती है।

शून्य मुद्रा करने का तरीका

फर्श पर आराम से बैठ जाएं।
इसके बाद अपनी मध्यमा उंगली  को झुकाकर बीच की हड्डी के पास से मोड़ें और इस उंगली के नाखून के ऊपर अपने अंगूठे के पोर को रखें।
हाथ की बाकी तीन उंगलियां अर्थात् तर्जनी,अनामिका और छोटी उंगली को एकदम सीधे और एक दूसरे से अलग रखें।
अब हाथ को घुटने के ऊपर हल्का सा जमीन को ओर लटका कर रखें।
हाथ और कंधों को आराम की मुद्रा में रखें और आंखें बंद करके कुछ देर तक शांत बैठे रहें।
शून्य मुद्रा के फायदे

शून्य मुद्रा का अभ्यास करने से कानों से न सुनाई देने या कम सुनाई देने की समस्या काफी हद तक ठीक हो जाती है। इसके अलावा कान के दर्द को दूर करने में भी यह मुद्रा फायदेमंद है।

हृदय रोगों को दूर करने, गले की समस्या, आंखों में पानी  आने की समस्या को दूर करने और हड्डियों को मजबूत रखने में यह मुद्रा लाभदायक है।

सूर्य मुद्रा

यह मुद्रा व्यक्ति के शरीर में सूर्य तत्व को संतुलित रखने में मदद करता है। सूर्य की ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए यह मुद्रा तड़के सुबह करना चाहिए।

सूर्य मुद्रा करने का तरीका

जमीन पर आराम से बैठ जाएं।
अपनी अनामिका उंगली  को बीच से मोड़े और इसके ऊपर अंगूठे को मोड़कर इसके पोर को रखें और हल्का सा अनामिका उंगली के ऊपर अंगूठे से दबाव बनाए रखें।
हथेली की बाकी उंगलियों को एकदम सीधे रखें और इन्हें झुकाएं नहीं।
तड़के सुबह रोजाना इस मुद्रा का आधे घंटे तक अभ्यास करें।

सूर्य मुद्रा के फायदे 

सूर्य मुद्रा का अभ्यास करने से वजन नियंत्रित रहता है और मोटापे की समस्या नहीं होती है।
यह मुद्रा शरीर में अग्नि तत्व को बढ़ाता है और शरीर के तापमान  को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
सूर्य मुद्रा पाचन की समस्या,भूख न लगने की समस्या, कंपकंपी, हाथों और पैरों में अधिक ठंड लगने से बचाने में प्रभावी रूप से कार्य करता है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने और पाचन क्रिया को बेहतर रखने में भी यह मुद्रा फायदेमंद है।

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argan oil benefits चेहरे के लिए आर्गन ऑयल से बढ़िया कुछ नहीं, खूब हैं फायदे

इसमें कोई शक नहीं है कि आपके बालों के लिए आर्गन ऑयल जादू की तरह काम करता है. लेकिन इसके फायदे केवल बालों तक सीमित नहीं है.अगर आप अपनी त्वचा की ठीक तरीके से देखभाल करना चाहते हैं तो आर्गन ऑयल से बेहतर कोई और विकल्प नहीं है.
आर्गन ऑयल आपकी त्वचा को मॉइश्चराइज करता है. इस तेल में विटामिन ई, एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा फैटी एसिड्स मौजूद होते हैं. एक एक्सपर्ट के मुताबिक, आर्गन ऑयल आपकी तव्चा के लिए सबसे बेहतर सुपरफूड है. अगर आपको अपनी त्वचा बहुत ऑयली लगती है और किसी ग्रीस की दुकान की तरह नजर आने लगती है तो आपको बता दें कि यह तेल बहुत ही लाइट होता है. त्वचा इसे जल्द ही सोख लेती है.'


आर्गन तेल अल्‍ट्रा-हाइड्रेटिंग और प्राकृतिक है. यह आपकी एक्‍सट्रा ड्राई और डैमेज स्किन को आसानी से ठीक करता है और बहुत जल्‍दी अवशोषित हो जाता है. इससे आपकी त्‍वचा में जलन भी नहीं होती है और साथ ही इसमें एक्जिमा, सोरायसिस, सूजन, और रोजेसिया जैसे त्वचा रोगों को नियंत्रित करने की शक्ति होती है. त्वचा को ऑयली बनाने के बजाए यह त्वचा से प्राकृतिक रूप से निकले तेल की मात्रा को भी नियंत्रित करता है.
आपकी आंखों के नीचे झुर्रिया पड़ी होती है. यह बहुत ही संवेदनशील हिस्सा होता है. यहां कुछ भी लगाने से जलन होने लगती है लेकिन आर्गन ऑयल के इस्तेमाल के साथ ऐसा नहीं है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है. यह आपको जल्द उम्रदराज लगने से बचाता है.
आपकी त्वचा के लिए आर्गन ऑयल कितना फायदेमंद है, यह तो हम बता ही चुके हैं लेकिन यह लिप्स के लिए भी उतना ही असरदार है. सर्दियों में लिप्स पर आर्गन ऑयल लगाने से लिप बाम का काम अपने आप हो जाएगा.

fruits peels benefits घर पर कैसे करें आयुर्वेदिक स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट

स्किन पीलिंग त्वचा की मूल रूप से एपिडर्मिस को हटाने के रूप में जानी जाती है घर पर आयुर्वेदिक स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट का उपयोग कर इसे हटाया जा सकता है त्वचा शरीर का बाहरी आवरण होती है और यह शरीर का सबसे बड़ा अंग भी होती है। हमारी त्वचा कई परतों से मिलकर बनी होती है जिसमें तीन मुख्य परतें होती हैं।


 त्वचा की पहली परत एपिडर्मिस होती है जिसे आउटर लेयर  यानि की बाहरी परत भी कहा जाता है। त्वचा की दूसरी परत डर्मिस  होती है जिसे मिडल  लेयर यानि मध्य परत भी कहा जाता है और त्वचा की तीसरी परत हाइपोडर्मिस होती है जिसे आंतरिक परत कहा जाता है। एक निश्चित समयान्तराल पर बाहरी परत यानि की एपिडर्मिस को नई त्वचा रिप्लेस  करती रहती है। इस दौरान मृत कोशिकाएं खत्म हो जाती है और नई कोशिकाएं सतह पर आती है जो कि स्किन रिपेयर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। त्वचा की बाहरी परत पर नई कोशिकाएं आने से त्वचा जवां और खूबसूरत बनती है।
स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट एट होम से आप जब चाहें त्वचा को केमिकल्स की मदद से खूबसूरत बना सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि कैसे आप घर पर कि प्राकृतिक तत्वों की मदद से स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि प्राकृतिक चीजों की मदद से आप घर पर ही कैसे स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट कर सकते हैं।
अंडा त्वचा में कसावट लाता है और झुर्रियों को कम करता है। नई कोशिकाओं को सतह पर लाने और झुर्रियों से छुटकारा दिलाने के लिए यह पील ऑफ ट्रीटमेंट लाभकारी होता है। इसे बनाने के लिए एक कटोरी में एक एग व्हाइट, आधा कप खीरे का पल्प और एक नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगा लें। मिश्रण के सूखने के 20 मिनट बाद हल्के गर्म पानी से अपना चेहरा धों लें।
चीनी और योगर्ट से एएचए केमिकल पीलिंग ट्रीटमेंट बनाया जाता है। इसमें नेचुरल एक्सफोलिएट गुण होते हैं जो कि पुरानी और मृत त्वचा को हटाकर सतह पर सुंदर त्वचा लेकर आता है। इसमें एएचए यानि कि एल्फा हाइड्रोक्सी एसिड होता है, इसे बनाने के लिए एक कटोरी में एक चौथाई कप चीनी और एक चौथाई कप योगर्ट मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर 20 मिनट तक लगाकर रखने के बाद  हल्के गर्म पानी से अपना चेहरा धों लें।
इसे बनाने के लिए एक कटोरी में एक चम्मच बेकिंग सोडा, एक कप पानी, 12 एस्प्रीन टेबलेट और नींबू का रस डालकर मिला लें। पीलिंग ट्रीटमेंट को चेहरे पर 20 मिनट तक लगाकर रखने के बाद हल्के गर्म पानी से अपना चेहरा धों लें। इस स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट में बीटा हाइड्रोक्सी एसिड  होता है जो कि त्वचा से मृत कोशिकाओं और अतिरिक्त तेल को निकालने में मदद करता है।


इस पीलिंग ट्रीटमेंट में एक्सफोलिएट करने के गुण तो होते ही है साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि त्वचा को खूबसूरत बनाते हैं। इसे बनाने के लिए एक बड़े प्याले में एक कप ग्रीन टी, एक कप कैमोमाइल टी, एक कप खीरे का रस, एक कप जेलेटिन और पानी मिलाकर ब्लैंड कर लें। इस मिश्रण को लगाने से पहले फ्रीजर में पहले ठंडा कर लें और फिर 20 मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखें। चेहरे के सूख जाने पर पील ऑफ मास्क को गर्म पानी की मदद से धोकर उतार लें।
मुंहासों के जिद्दी दागों को खत्म करने के लिए और त्वचा पर से झाइंयों  को साफ करने के साथ-साथ मृत कोशिकाओं को खत्म करने के लिए यह पीलिंग ट्रीटमेंट काफी फायदेमंद होता है। इसे बनाने के लिए एक प्याले में एक चम्मच एप्पल सॉस और एक चम्मच ऑर्गेनिक एप्पल साइडर वेनेगर डालकर पीलिंग ट्रीटमेंट बनाएं और चेहरे पर 20 मिनट तक लगाकर रखें। इसके बाद हल्के गर्म पानी से चेहरे को धो लें।
पैरों की त्वचा की खूबसूरती भी उतनी ही जरुरी होती है इसलिए पैरों की त्वचा को सुंदर बनाने के लिए भी स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए एस्प्रीन की 10-12 गोलियों का पाउडर बना लें और उसमें नींबू का रस और कोई भी गाढ़ा मॉइश्चराइजर मिलाएं। इससे पैरों की त्वचा पर लगाकर रखें और सूखने के 20 मिनट बाद हल्के गर्म पानी से अपना चेहरा धों लें।



फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इनसे बना स्किन पीलिंग ट्रीटमेंट त्वचा को सुंदर बनाने के साथ-साथ तरोताजा और जवां भी बनाता है। इसे बनाने के लिए एक कप में आधा कप पाइनेप्पल पल्प, एक चौथाई कप पपीते का पल्प और आधा चम्मच शहद मिला कर पीलिंग फेस ट्रीटमेंट बना लें। इसे चेहरे और गर्दन पर 30 मिनट लगाकर रखें और फिर हल्के गर्म पानी से चेहरा धो लें जिससे त्वचा सुंदर बनती है।

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