सुबह नाश्ते में ओट्स खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इससे पेट भी भर जाता है और हमें काम करने के लिए पर्याप्त एनर्जी भी मिल जाती है। माना जाता है कि ओट्स को पानी की बजाय दूध में पकाकर खाने से हमें प्रोटीन भी मिलता है। यह आसानी से पच जाता है और इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक होते हैं।
बाजार में बिकने वाले ज्यादातर ओट्स के पैकेट में पहले से ही चीनी या सोडियम की मात्रा मिली होती है, इसलिए इसे खरीदते समय ध्यान दें। अगर आप ग्लूटेन फ्री भोजन खाने के आदी है तो ओट्स आपके लिए सबसे बेहतर है क्योंकि इसमें ग्लूटेन नहीं पाया जाता है। रोजाना नाश्ते में ओट्स खाने की आदत डालने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ओट्स अनाज की ही एक प्रजाति हे जो अपने बीजों के लिए जाना जाता है। यह जई से बनता है और अधिक मात्रा में फाइबर एवं कई पोषक तत्व मौजूद होने के कारण नाश्ते के लिए सबसे सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर जल में घुलनशील होता है। यह आसानी से पच जाता है इसलिए इसे ब्रेकफास्ट के लिए अच्छा माना जाता है। पिछले कुछ दशकों से ही यह इंसानों द्वारा खाया जाता है।
एक समय ओट्स की कच्ची फसलों को सिर्फ जानवर खाया करते थे। लेकिन बाद में इसे काफी हद तक प्रोसेसस्ड करके इंसानों के खाने योग्य बनाया गया और मार्केट में भी बिकने लगा। खाद्ययुक्त ओट्स कई अलग-अलग रूपों में बाजार में उपलब्ध हैं। इसलिए आपको इसे खरीदते समय ध्यान देना चाहिए। ओट्स में बीटा-ग्लूकॉन और मिनरल सहित कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कई डायबिटीज, मोटापा और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से हमें बचाते हैं। इसके अलावा यह त्वचा और बालों को भी मजबूत रखते हैं। इसलिए इसे ब्रेकफास्ट में खाना फायदेमंद माना जाता है
ओट्स में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में सहायक होता है। ओट्स में मौजूद फाइबर रेक्टल और कोलोन कैंसर से हमारी सुरक्षा करता है। ओट्स पर कुछ सीमित ही रिसर्च हुए हैं जिसमें ओट्स को कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी माना गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि हमें हमेशा अच्छे किस्म के ओट्स का चुनाव करना चाहिए। ओट्स में एवेंन्थ्रामाइड नामक एक विशेष यौगिक पाया जाता है जो कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है और हमें कैंसर से बचाता है।
ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन इम्यूनिटी के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। हमारे शरीर में मौजूद ज्यादातर प्रतिरक्षा कोशिकाएं विशेष रिसेप्टर का काम करती हैं जो बीटा-ग्लूकॉन को अवशोषित कर लेती हैं और ये व्हाइट ब्लड सेल को शरीर से बाहर कर हमें बीमारियों से बचाती है। ओट्स में अधिक मात्रा में सेलेनियम और जिंक पाया जाता है जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन घाव भरने में सहायक होता है और यह एंटीबायोटिक्स के असर को भी बेहतर बनाता है।
ओट्स में ग्लाइसेमिक कम मात्रा में पायी जाती है। इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद करता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण यह आसानी से पच भी जाता है। स्टडी के अनुसार ओट्स टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के सांद्रता को कम करता है। इसके अलावा यह हाइपरग्लाइसेमिया को भी कम करता है। बाजार में ओट्स कि कई किस्में मौजूद हैं। इनमें से कुछ में अधिक मात्रा में शुगर की होता है। डायबिटीज के मरीज इस तरह के ओट्स खाने से बचें।
ओट्स में बीटा-ग्लूकॉन नामक शक्तिशाली फाइबर पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। ओट्स में घुलनशील फाइबर का मुख्य घटक बीटा-ग्लूकॉन है और यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित किए बिना शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। ओट्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी के साथ मिलकर एलडीएल के ऑक्सीकरण को रोकता है जिसकी वजह से हृदय रोगों से हमारे शरीर की सुरक्षा होती है। ओट्स में अन्य पोषक तत्वों के अलावा विटामिन ई भी होता है जो हृदय को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होता है।
ओटमिल खाने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 7.5 प्वाइंट और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 5.5 प्वाइंट तक कम हो जाता है। यह सिर्फ उच्च रक्तचाप को ही कम नहीं करता है बल्कि हॉर्ट की बीमारियों के खतरे को 22 प्रतिशत तक कम कर देता है। इसके लिए आप ऑर्गेनिक ओट्स का भी सेवन कर सकते हैं। उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों के लिए यह रामबाण साबित होता है।
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