बाहर से स्किन को उबटन या मेकअप आदि की मदद से निखारा जा सकता है , लेकिन अंदर से त्वचा स्वस्थ ना हो तो कितना भी अच्छा मेकअप आदि हो , संतुष्टि नहीं मिलती है और ना ही खूबसूरती नजर आती है। सभी चाहते है की उनकी स्किन जवां और सुन्दर बनी रहे और झुर्रियां आदि न पड़े। स्किन पर झुर्रियां होने से उम्र झलकने लगती है। इसके लिए कई तरह के प्रयास किये जाते हैं।
स्किन पर झुर्रियां पड़ने के कुछ बाहरी कारण हो सकते हैं और कुछ अंदरूनी कारण हो सकते है।
हमारी त्वचा का स्वस्थ रहना और झुर्रियों , लकीरों , दाग धब्बे से बचे रहना तथा जवां बने रहना हमारे द्वारा लिए गए पोषक तत्वों से बहुत प्रभावित होता है । पोष्टिक भोजन से मिलने वाले तत्वों की मदद से शरीर में कोलेजन नामक तत्व का निर्माण होता है।
अलसी के बीज तथा अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते है जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते है। इन्हें शरीर खुद बनाने में असमर्थ होता है। इन्हें भोजन द्वारा ही प्राप्त करना पड़ता है।
सब्जी के रूप में कई प्रकार की फलियां मिलती हैं जैसे सेम फली , ग्वार फली , बाकला फली , बालोड़ , फ्रेंच बीन्स आदि। फलियों में कई प्रकार के तत्व होते है जो स्किन को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते है।
फलियों से मिलने वाले जिंक तथा हायालुरोनिक एसिड ऐसे तत्व होते है जो स्किन में नमी बनाये रखते है। इसके कारण स्किन में रुखापन नहीं आता। त्वचा में नमी बनी रहने के कारण झुर्रियों तथा लकीरों से बचाव होता है।
लाल या गुलाबी रंग के फल जैसे सेब , अनार , गुलाबी अंगूर , तरबूज , चेरी , स्ट्राबेरी तथा लाल रंग की सब्जियां जैसे टमाटर , गाजर , चुकन्दर , लाल मिर्च , लाल पत्ता गोभी , प्याज आदि कोलेजन के निर्माण में सहायक होकर उम्र के प्रभाव को कम करते हैं।
कोलेजन बहुत महत्त्वपूर्ण प्रोटीन होते है जो त्वचा की मजबूती के लिए , कोमलता के लिए तथा नए स्किन सेल्स बनते रहने के लिए आवश्यक होते है। इनके प्रभाव से त्वचा खूबसूरत नजर आती है। कोलेजन की भूमिका शरीर की अन्य कार्यविधि के लिए भी महत्त्वपूर्ण होती है।
उम्र के साथ कोलेजन का बनना कम हो जाता है। इस वजह से स्किन में झुर्रियां और लकीरें दिखने लगती हैं । पर्याप्त मात्रा में विटामिन तथा खनिज लवण से युक्त आहार लेने से कोलेजन बनना कम होने से रोका जा सकता है।
कुछ फल , सब्जी और मेवों से मिलने वाले विटामिन व खनिज कोलेजन के बनने में सहायक होते है। इनका नियमित उपयोग करने से कोलेजन की कमी नहीं होती और त्वचा सुन्दर बनी रहती है।
स्किन पर झुर्रियां होने से बचाने के लिए क्या खाना चाहिए यह सवाल सभी के मन में होता है। रोजाना के उपयोग की जाने वाली चीजों से ही पोष्टिक तत्व आसानी से मिल सकते है। :
कोलेजन के लिए पत्तागोभी एक जाना माना नाम है। पत्ता गोभी में बहुत से लाभदायक तत्व होते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और फीटोन्यूट्रिएंट्स जैसे ल्यूटेनीन आदि तत्व फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाते है तथा त्वचा को मुलायम और स्निग्ध बनाये रखते हैं।
इसमें विटामिन A , B , C और E मिलते हैं। पत्ता गोभी में फायबर , विटामिन B 6 , फोलेट , मेंगेनीज, आयरन , मैग्नीशियम , फास्फोरस , कैल्शियम आदि होने के कारण इसके उपयोग से कोलेजन का निर्माण बढ़ता है। जो पूरे शरीर में काम आता है।
सोयाबीन से बनने वाले सोया दूध और सोया चीज़ झुर्रियां व लकीरें मिटाने तथा स्किन में ग्लो लाने में कारगर साबित होते हैं। इसमें मौजूद जेनिस्टीन नामक हार्मोन कोलेजन के निर्माण में सहायक होते है जो स्किन को लचीला , मजबूत और चमकदार बनाते है।
सोयाबीन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट करिश्माई तरीके से त्वचा को निखारते है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल को रोककर कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं। सोया से बने आहार लेने से त्वचा में कसावट आती है। स्किन जवां दिखती है।
इनमे पाए जाने वाले लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट कोलेजन का निर्माण बढ़ाते हैं तथा सेल्स की गतिविधि सुधारते हैं। इसके प्रभाव से धूप से होने वाले नुकसान भी कम होते हैं। इससे स्किन की सुंदरता बढ़ती है और स्किन झुर्रियों से मुक्त होती है।
गाजर में विटामिन A प्रचुर मात्रा में होता है जो कोलेजन को नष्ट होने से बचाता है। विटामिन A स्किन को मजबूत करता है तथा स्किन की सतह पर रक्त पहुँचाने में सहायक होता है। इससे त्वचा को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलते है और स्किन हेल्थी रहती है।
लहसुन में सल्फर , लिपोइक एसिड , टॉरीन नामक विशेष तत्व उम्र के प्रभाव से नष्ट हुए कोलेजन फायबर को फिर से दुरुस्त कर देते हैं। इसके कारण त्वचा पर इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से नजर आता है। किसी भी रूप में लहसुन का उपयोग जरूर करना चाहिए , लहसुन की चटनी बनाकर खाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
गाजर से मिलने वाले पोषक तत्वों से मेलेनिन कम होता है जिसके कारण यह स्किन को गोरा बनाये रखने में सहायक होते हैं। यह सीबम को कम करके स्किन को पिम्पल्स आदि से बचाती है।
इनकी मदद से ह्रदय तथा दिमाग की कार्यविधि सही तरीके से चलती है। त्वचा के स्वस्थ रहने के लिए भी ओमेगा 3 फैटी एसिड उतने ही जरुरी होते है। ये त्वचा को सूरज की रौशनी से होने वाले नुकसान से बचाते है।
फलों का उपयोग लाभदायक होता है यह तो सभी जानते है लेकिन विटामिन C जिन फलों में ज्यादा होता है वे फल त्वचा के लिए अधिक फायदेमंद होते है। नींबू , संतरा , किन्नू , मोसंबी आदि सिट्रस फल विटामिन C के अच्छे स्रोत होने के कारण स्किन को बहुत फायदा पहुंचाते है।
इनके अलावा अंगूर , पपीता तथा अमरुद जैसे फल जिनमे विटामिन C प्रचुर मात्रा में होता है , स्किन को निखारने के लिए जरूर खाने चाहिए। आंवला भी विटामिन C का भंडार होने के कारण त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है।
विटामिन C एक शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट है प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है तथा त्वचा को कैंसर जैसे गंभीर रोग से भी बचाता है। इनसे सनबर्न के कारण काली पड़ी त्वचा भी प्राकृतिक रूप से दमक उठती है।
स्किन पर झुर्रियां पड़ने के कुछ बाहरी कारण हो सकते हैं और कुछ अंदरूनी कारण हो सकते है।
हमारी त्वचा का स्वस्थ रहना और झुर्रियों , लकीरों , दाग धब्बे से बचे रहना तथा जवां बने रहना हमारे द्वारा लिए गए पोषक तत्वों से बहुत प्रभावित होता है । पोष्टिक भोजन से मिलने वाले तत्वों की मदद से शरीर में कोलेजन नामक तत्व का निर्माण होता है।
अलसी के बीज तथा अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते है जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते है। इन्हें शरीर खुद बनाने में असमर्थ होता है। इन्हें भोजन द्वारा ही प्राप्त करना पड़ता है।
सब्जी के रूप में कई प्रकार की फलियां मिलती हैं जैसे सेम फली , ग्वार फली , बाकला फली , बालोड़ , फ्रेंच बीन्स आदि। फलियों में कई प्रकार के तत्व होते है जो स्किन को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते है।
फलियों से मिलने वाले जिंक तथा हायालुरोनिक एसिड ऐसे तत्व होते है जो स्किन में नमी बनाये रखते है। इसके कारण स्किन में रुखापन नहीं आता। त्वचा में नमी बनी रहने के कारण झुर्रियों तथा लकीरों से बचाव होता है।
लाल या गुलाबी रंग के फल जैसे सेब , अनार , गुलाबी अंगूर , तरबूज , चेरी , स्ट्राबेरी तथा लाल रंग की सब्जियां जैसे टमाटर , गाजर , चुकन्दर , लाल मिर्च , लाल पत्ता गोभी , प्याज आदि कोलेजन के निर्माण में सहायक होकर उम्र के प्रभाव को कम करते हैं।
उम्र के साथ कोलेजन का बनना कम हो जाता है। इस वजह से स्किन में झुर्रियां और लकीरें दिखने लगती हैं । पर्याप्त मात्रा में विटामिन तथा खनिज लवण से युक्त आहार लेने से कोलेजन बनना कम होने से रोका जा सकता है।
कुछ फल , सब्जी और मेवों से मिलने वाले विटामिन व खनिज कोलेजन के बनने में सहायक होते है। इनका नियमित उपयोग करने से कोलेजन की कमी नहीं होती और त्वचा सुन्दर बनी रहती है।
स्किन पर झुर्रियां होने से बचाने के लिए क्या खाना चाहिए यह सवाल सभी के मन में होता है। रोजाना के उपयोग की जाने वाली चीजों से ही पोष्टिक तत्व आसानी से मिल सकते है। :
कोलेजन के लिए पत्तागोभी एक जाना माना नाम है। पत्ता गोभी में बहुत से लाभदायक तत्व होते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और फीटोन्यूट्रिएंट्स जैसे ल्यूटेनीन आदि तत्व फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाते है तथा त्वचा को मुलायम और स्निग्ध बनाये रखते हैं।
इसमें विटामिन A , B , C और E मिलते हैं। पत्ता गोभी में फायबर , विटामिन B 6 , फोलेट , मेंगेनीज, आयरन , मैग्नीशियम , फास्फोरस , कैल्शियम आदि होने के कारण इसके उपयोग से कोलेजन का निर्माण बढ़ता है। जो पूरे शरीर में काम आता है।
सोयाबीन से बनने वाले सोया दूध और सोया चीज़ झुर्रियां व लकीरें मिटाने तथा स्किन में ग्लो लाने में कारगर साबित होते हैं। इसमें मौजूद जेनिस्टीन नामक हार्मोन कोलेजन के निर्माण में सहायक होते है जो स्किन को लचीला , मजबूत और चमकदार बनाते है।
सोयाबीन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट करिश्माई तरीके से त्वचा को निखारते है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल को रोककर कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं। सोया से बने आहार लेने से त्वचा में कसावट आती है। स्किन जवां दिखती है।
इनमे पाए जाने वाले लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट कोलेजन का निर्माण बढ़ाते हैं तथा सेल्स की गतिविधि सुधारते हैं। इसके प्रभाव से धूप से होने वाले नुकसान भी कम होते हैं। इससे स्किन की सुंदरता बढ़ती है और स्किन झुर्रियों से मुक्त होती है।
गाजर में विटामिन A प्रचुर मात्रा में होता है जो कोलेजन को नष्ट होने से बचाता है। विटामिन A स्किन को मजबूत करता है तथा स्किन की सतह पर रक्त पहुँचाने में सहायक होता है। इससे त्वचा को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलते है और स्किन हेल्थी रहती है।
लहसुन में सल्फर , लिपोइक एसिड , टॉरीन नामक विशेष तत्व उम्र के प्रभाव से नष्ट हुए कोलेजन फायबर को फिर से दुरुस्त कर देते हैं। इसके कारण त्वचा पर इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से नजर आता है। किसी भी रूप में लहसुन का उपयोग जरूर करना चाहिए , लहसुन की चटनी बनाकर खाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
गाजर से मिलने वाले पोषक तत्वों से मेलेनिन कम होता है जिसके कारण यह स्किन को गोरा बनाये रखने में सहायक होते हैं। यह सीबम को कम करके स्किन को पिम्पल्स आदि से बचाती है।
इनकी मदद से ह्रदय तथा दिमाग की कार्यविधि सही तरीके से चलती है। त्वचा के स्वस्थ रहने के लिए भी ओमेगा 3 फैटी एसिड उतने ही जरुरी होते है। ये त्वचा को सूरज की रौशनी से होने वाले नुकसान से बचाते है।
फलों का उपयोग लाभदायक होता है यह तो सभी जानते है लेकिन विटामिन C जिन फलों में ज्यादा होता है वे फल त्वचा के लिए अधिक फायदेमंद होते है। नींबू , संतरा , किन्नू , मोसंबी आदि सिट्रस फल विटामिन C के अच्छे स्रोत होने के कारण स्किन को बहुत फायदा पहुंचाते है।
इनके अलावा अंगूर , पपीता तथा अमरुद जैसे फल जिनमे विटामिन C प्रचुर मात्रा में होता है , स्किन को निखारने के लिए जरूर खाने चाहिए। आंवला भी विटामिन C का भंडार होने के कारण त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है।
विटामिन C एक शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट है प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है तथा त्वचा को कैंसर जैसे गंभीर रोग से भी बचाता है। इनसे सनबर्न के कारण काली पड़ी त्वचा भी प्राकृतिक रूप से दमक उठती है।
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