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Sex Feeling according to age उम्र के हिसाब से सेक्स एहसास

ख़ुशहाल जीवन जीने के लिए आनंददायक सेक्स ज़रूरी है, पर हर उम्र में सेक्स की चाहत में भी बदलाव आते रहते हैं. वजह चाहे उम्र का तकाज़ा हो, बढ़ती ज़िम्मेदारयां हों या फिर हार्मोंस में बदलाव. सेक्स की चाहत हर उम्र में बदलती रहती है. किस उम्र में सेक्स की इच्छा में क्या बदलाव आते हैं,  सेक्स पर अब तक न जाने कितनी बातें कही और सुनी गई हैं. लेकिन उम्र के अनुसार सेक्सुअल डिज़ायर, एक्शन-रिएक्शन में किस तरह के बदलाव आते हैं, इस पर बहुत कम ही बात की जाती है.


टीनएज
* टीनएज यानी किशोरावस्था में सेक्स हार्मोंस का स्तर काफ़ी तेज़ी से बढ़ता है व सेक्स को लेकर उत्सुकता और रोमांच भी काफ़ी होता है. इसलिए सेक्स को लेकर एक्सपेरिमेेंट्स भी इस उम्र में अधिक होते हैं.
* सेक्स को लेकर सबसे ज़्यादा फैंटेसी, ड्रीमिंग भी इसी उम्र में होती है.
* लड़कियों की सेक्सुअल इच्छा काफ़ी हद तक रोमांस, फोरप्ले व पार्टनर के प्रति भावनात्मक लगाव पर निर्भर करती है.
* वहीं लड़कों की सेक्स की जानकारी अधिकतर सेक्स से जुड़ी फिल्मों व क़िताबों के अलावा आपसी बातचीत पर निर्भर करती है. उनके लिए सेक्स इमोशनल से अधिक फिज़िकल बनकर रह जाता है.
* लड़कियां भी फिल्मी रोमांस व सुनी-सुनाई बातों के आधार पर सेक्स को लेकर अपनी धारणा बनाती हैं.


20 से 35 तक की उम्र
* इस उम्र में सेक्सुअल संतुष्टि के लिए मन में बहुत उत्साह व उत्तेजना रहती है.
* एक-दूसरे को छूना, सहलाना, किस-हग करना और फिर वे ये मानकर चलते हैं कि सेक्स इसी के आगे का एक ख़ूबसूरत पड़ाव है.
* युवा लड़के अक्सर तरह-तरह के ख़्वाब व फैंटेसी की दुनिया में खो जाते हैं.
* वे आपस में सेक्स के बारे में चर्चा भी ख़ूब करते रहते हैं. उनमें सेक्स को लेकर कई तरह की जिज्ञासाएं व उत्तेजना भी बहुत रहती है.
* यूं तो बहुत-सी युवा लड़कियां भी इसी तरह के मनोभाव से गुज़रती हैं, पर कुछ सेक्सुअल रिलेशन से अधिक अन्य बातों के होने के बाद ही सेक्स में सहज हो पाती हैं, जैसे- सबसे पहले वे पार्टनर के साथ काफ़ी अच्छा समय बिताएंगी, दोनों के बीच प्यारभरी बातचीत होगी व दोनों में एक-दूसरे के प्रति प्यार, चाहत व समर्पण की भावना जागेगी. तभी सही मायने में वो उस व्यक्ति के साथ सेक्सुअली इन्वॉल्व होंगी.
* इस उम्र में अधिकतर लड़कियां अपनी इच्छाओं को बताने से ख़ुद को रोकती हैं व उन्हें दबाती हैं.
* वे चाहती हैं कि पार्टनर ख़ुद उन्हें समझें. यदि प्रेमी या पति इसे नहीं समझते या वे अधिक संवेदनशील नहीं हैं, तो इससे उनमें तनाव व डिप्रेशन बढ़ने लगता है.
* इसी तरह लड़कियों का अपनी इच्छा को दबाना ग़ुस्से, तनाव व विभिन्न तरह के मानसिक-शारीरिक असंतुलन को उत्पन्न करता है.
* आमतौर पर इस उम्र की युवतियों में कई बार तीव्र सेक्सुअल इच्छा होती है, पर वे पार्टनर से अपने मन की बात कहने से हिचकिचाती हैं और चाहती हैं पार्टनर उनकी इच्छा को ख़ुद ही समझ जाए.
* एकबारगी देखें, तो वे प्रेग्नेंट होने के लिए भी बहुत एक्साइटेड रहती हैं और जैसे ही वे गर्भवती होती हैं, उनकी सेक्सुअल डिज़ायर में कमी आने लगती है.

35-50 तक की उम्र
* बहुत से पुरुष व महिला जब 35 की उम्र तक पहुंचती हैं, तब उनका सेक्स के प्रति झुकाव कम होने लगता है.
* लेकिन ऐसा नहीं है कि उनकी इच्छाओं में कमी होती है, बल्कि ये परिवर्तन शारीरिक स्तर से उठकर भावनात्मक व समझदारी की ओर मुड़ जाता है.
* दोनों की ही पहली ज़रूरत यह होती है कि वे एक-दूसरे से भावनात्मक व बौद्धिक स्तर पर जुड़ें, तभी वे एक-दूसरे की सेक्सुअल इच्छाओं को महसूस कर सकते हैं.
* 35 की उम्र में सेक्स की फ्रीक्वेंसी 20 की उम्र के मुक़ाबले कम हो जाती है, पर सेक्स की क्वॉलिटी में इज़ाफ़ा ज़रूर हो जाता है, क्योंकि दोनों पार्टनर काफ़ी मैच्योर हो चुके होते हैं. एक-दूसरे को समझ चुके होते हैं.
* साथ ही इस उम्र की महिलाएं सेक्स मेें एक्टिव रूप से हिस्सा लेती हैं.
* यह भी उतना ही सच है कि यही उम्र होती है, जब महिला (यदि वर्किंग है) व पुरुष भी अपने करियर को संवारने में अधिक गंभीरता से जुट जाते हैं, जिससे शारीरिक ऊर्जा व मानसिक शक्ति अधिक ख़र्च होने लगती है. समय की कमी के चलते और इन तमाम कारणों से सेक्स लाइफ काफ़ी हद तक प्रभावित होती है.
* लेकिन सर्वे भी कुछ अलग ही कहानी बयां करते रहते हैं. जैसे हाल ही में एक हेल्थ मैग्ज़ीन द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, चालीस या उससे अधिक उम्र की महिलाएं सेक्स को सबसे ज़्यादा एन्जॉय करती हैं.
* इस उम्र तक आते-आते दोनों पार्टनर जान चुके होते हैं कि एक-दूसरे को किस तरह से आनंद व रिलैैक्सेशन देना है और किसे क्या पसंद हैैं. इस कारण इस उम्र में सेक्स बेहतर व संतुष्टि देनेवाला होता है.
* महिलाओं में हार्मोनल बदलाव सबसे अधिक इसी उम्र में होते हैं. मेनोपॉज़ के क़रीब होने की वजह से भी मूड में बदलाव, सेहत संबंधी परेशानियां सेक्स लाइफ को प्रभावित करती हैं.


50 के बाद की उम्र
* पचास के बाद की उम्र तक आते-आते अधिकतर स्त्री-पुरुष सेक्स के बारे में बात करने से कतराते हैं.
* उन्हें लगता है कि अब उनकी सेक्स एन्जॉय करने या इस बारे में सोचने की उम्र नहीं रही, क्योंकि अब वे सास-ससुर व दादा-दादी बन गए हैं.
* दूसरे इस उम्र में उतनी एनर्जी,
चुस्ती-फुर्ती न रहने और ठीक तरह से सेक्सुअल रिलेशन न कर पाने के डर के कारण भी सेक्स से दूर रहना ही बेहतर समझते हैं.
* लेकिन अपवाद यह भी है कि ऐसे लोगों की भी तादाद कम नहीं हैं, जिनकी
50-60 की उम्र में भी जीवनसाथी के साथ अच्छी अंडरस्टैंडिंग होती है और हेल्दी लाइफस्टाइल के कारण वे इस उम्र में भी अपनी सेक्स लाइफ एंजॉय करते हैं.

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