मानव शरीर में रोमांस या सेक्स करने की चाहत हार्मोंस से ही होती है। ये हार्मोन्स ही मानव शरीर में यौन इच्छा को जागृत करते हैं। शारीरिक संबंध बनाने के बाद महसूस होने वाली ताजगी असल में टेस्टोस्टोरेन के कारण होती है जो कि पुरुष के शरीर में होता है। ऑक्सीटोसीन का स्त्राव एक अच्छे हार्मोन का स्त्राव माना जाता है।
जिस हार्मोन के कारण रोमांस का अनुभव होता है, उसे वैज्ञानिकों ने किस्पेटिन नाम दिया है। खोज में सामने आया कि यह हार्मोन किस हार्मोन कहलाता है, जिससे मस्तिष्क में यौन उत्तेजना पैदा होती है। यह हार्मोन प्राकृतिक रूप से असर दिखाता है और रसायन के स्त्राव के साथ ही यह प्रजनन की गतिविधि भी बढ़ाता है।
एक अध्ययन में पाया गया था कि यौन चित्रावली व यौन साहित्य को देखने के बाद यह हार्मोन मस्तिष्क को संदेश भेजता है जिसके चलते ही यौन उत्तेजना बढ़ती है। इस शोध के सामने आने के बाद एक नई मनोवैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिल सकता है जो कि यौन समस्या से जुड़ी हो और जो जैविक तौर पर किसी नज़रिए से देखी गई हो।
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