हम आपको ऊपर ही बता चुके हैं कि ऑर्गेज्म की प्राप्ति सेक्स का अंतिम चरण माना जाता है। इससे महिलाओं को पूर्ण संतुष्टि प्राप्त होती है और वे मानसिक तनाव से मुक्त एवं प्रसन्न रहती हैं। लेकिन इसके अलावा भी महिलाओं को चरम सुख (ऑर्गेज्म) के कई फायदे होते हैं।
एक स्टडी में पाया गया है कि यदि कोई महिला हफ्ते में कम से कम एक बार सेक्स के दौरान चरम सुख या ऑर्गेज्म को प्राप्त करती है तो उसका मासिक धर्म नियमित और सामान्य रहता है। इसके अलावा उनकी पेल्विक कैविटी सुदृढ़ रहता है और स्वस्थ कोशिकाओं का विकास होता है।
सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म का सुख प्राप्त करने से हाइपोथैलमस ग्रंथि पूरी तरह ऊर्जा से भर जाती है और महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा यह भूख, शरीर के तापमान, भावनाएं और पीयूष ग्रंथि (pituitary gland) को भी नियंत्रित करती है जिसके कारण प्रजनन हार्मोन तेजी से बनते हैं और अंडाशय में अंडे बनने की क्रिया तेज होती है।
female anatomy facts (ऑर्गेज्म) चरम सुख क्या होता है,
सेक्स के दौरान चरम सुख या ऑर्गेज्म की प्राप्ति होने पर महिलाओं को एक तरह की संतुष्टि (satisfaction) मिलती है और उन्हें सेक्स का भी पूरा आनंद मिलता है जिसके कारण मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर हो जाता है। इसलिए ऑर्गेज्म को आनंद का अंतिम चरण माना जाता है।
सेक्स के दौरान या मस्टरबेशन करने से ऑर्गेज्म मिलने पर जननांगों के क्षेत्रों (genital area) में सर्कुलेशन बेहतर होता है और जननांगों को मजबूत भी बनाता है।
महिलाओं को सेक्स के दौरान चरम सुख मिलने पर दिल का दौरा पड़ने (heart attack) की संभावना कम हो जाती है। एक स्टडी में पाया गया है कि जिन महिलाओं की यौन इच्छाएं पूरी होती है और वह सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म से संतुष्ट होती हैं उन्हें हार्ट अटैक नहीं आता है और वे चिंतामुक्त रहती हैं।
सप्ताह में एक या दो बार सेक्स के दौरान चरम सुख का सुख लेने से शरीर में इम्यूनोग्लोबुलिन ए नामक एंटीबॉडी का स्तर बढ़ता है जो इम्यूनिटी को बढ़ाता है और संक्रमण एवं सर्दी जुकाम होने से बचाता है।
महिलाओं को सेक्स के दौरान चरम सुख की प्राप्ति होने से उनके शरीर को राहत मिलती है और उन्हें अच्छी नींद आती है। एक स्टडी में पाया गया है कि ऑर्गेज्म प्राप्त करने पर महिलाओं के शरीर में एंडोर्फिन्स नामक रसायन का स्राव होता है जिसके कारण नींद अच्छी आती है।
एक स्टडी में पाया गया है कि यदि कोई महिला हफ्ते में कम से कम एक बार सेक्स के दौरान चरम सुख या ऑर्गेज्म को प्राप्त करती है तो उसका मासिक धर्म नियमित और सामान्य रहता है। इसके अलावा उनकी पेल्विक कैविटी सुदृढ़ रहता है और स्वस्थ कोशिकाओं का विकास होता है।
सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म का सुख प्राप्त करने से हाइपोथैलमस ग्रंथि पूरी तरह ऊर्जा से भर जाती है और महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा यह भूख, शरीर के तापमान, भावनाएं और पीयूष ग्रंथि (pituitary gland) को भी नियंत्रित करती है जिसके कारण प्रजनन हार्मोन तेजी से बनते हैं और अंडाशय में अंडे बनने की क्रिया तेज होती है।
female anatomy facts (ऑर्गेज्म) चरम सुख क्या होता है,
सेक्स के दौरान चरम सुख या ऑर्गेज्म की प्राप्ति होने पर महिलाओं को एक तरह की संतुष्टि (satisfaction) मिलती है और उन्हें सेक्स का भी पूरा आनंद मिलता है जिसके कारण मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर हो जाता है। इसलिए ऑर्गेज्म को आनंद का अंतिम चरण माना जाता है।
सेक्स के दौरान या मस्टरबेशन करने से ऑर्गेज्म मिलने पर जननांगों के क्षेत्रों (genital area) में सर्कुलेशन बेहतर होता है और जननांगों को मजबूत भी बनाता है।
महिलाओं को सेक्स के दौरान चरम सुख मिलने पर दिल का दौरा पड़ने (heart attack) की संभावना कम हो जाती है। एक स्टडी में पाया गया है कि जिन महिलाओं की यौन इच्छाएं पूरी होती है और वह सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म से संतुष्ट होती हैं उन्हें हार्ट अटैक नहीं आता है और वे चिंतामुक्त रहती हैं।
सप्ताह में एक या दो बार सेक्स के दौरान चरम सुख का सुख लेने से शरीर में इम्यूनोग्लोबुलिन ए नामक एंटीबॉडी का स्तर बढ़ता है जो इम्यूनिटी को बढ़ाता है और संक्रमण एवं सर्दी जुकाम होने से बचाता है।
महिलाओं को सेक्स के दौरान चरम सुख की प्राप्ति होने से उनके शरीर को राहत मिलती है और उन्हें अच्छी नींद आती है। एक स्टडी में पाया गया है कि ऑर्गेज्म प्राप्त करने पर महिलाओं के शरीर में एंडोर्फिन्स नामक रसायन का स्राव होता है जिसके कारण नींद अच्छी आती है।
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