SU-SHMA TIPS
हम हमेशा से सफेद नमक का प्रयोग करते रहे हैं पर क्या आपको पता है कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। सेंधा नमक सबसे शुद्ध नमक माना जाता है, क्योंकि इसमें मिलावट और रसायन नहीं होते हैं। सेंधा नमक (rock salt) का उपयोग आयुर्वेद में काफी लाभकारी माना गया है. पंजाब के सिंध क्षेत्र में पाये जाने से इसे ‘सेंधा’ कहते हैं. काला नमक भी सेंधा नमक का ही प्रकार है, जिसमें सोडियम क्लोराइड के अलावा सल्फर सामग्री भी शामिल है.बहुत कम लोग जानते हैं कि यह नमक सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि इसमें सारे तत्व शामिल है जो एक शरीर की जरुरत होते हैं। जैसे की लोहा, कैल्शियम,
पोटेशियम, जिन्क और भी बहुत कुछ सेंधा नमक में मौजूद होता हैं। इसे आप खाने में मिलाकर खा सकते हैं या फिर बाजार में सप्लीमेंट्स, पाउडर और पिल्स मौजूद होती है जिसे आप ले सकते है। इस धरती पर पाये जाने वाले जितने भी प्रकार के नमक है उनमे सबसे ज्यादा उत्तम व शुद्ध नमक कोई है तो वो वह सच में सेंधा नमक ही है | सेंधा नमक की उत्पत्ति का इतिहास करोड़ों वर्ष पुराना है | सेंधा नमक का महत्व सोने से भी ज्यादा माना गया है | इसका उपयोग ऋषि मुनि आयुर्वेद में चिकित्षा के लिए करते आये हैं | आज भी यह उतना ही गुणकारी व पोस्टिक है | हर प्रकार से रसायन व प्रदुषण से रहित है |
हम हमेशा से सफेद नमक का प्रयोग करते रहे हैं पर क्या आपको पता है कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। सेंधा नमक सबसे शुद्ध नमक माना जाता है, क्योंकि इसमें मिलावट और रसायन नहीं होते हैं। सेंधा नमक (rock salt) का उपयोग आयुर्वेद में काफी लाभकारी माना गया है. पंजाब के सिंध क्षेत्र में पाये जाने से इसे ‘सेंधा’ कहते हैं. काला नमक भी सेंधा नमक का ही प्रकार है, जिसमें सोडियम क्लोराइड के अलावा सल्फर सामग्री भी शामिल है.बहुत कम लोग जानते हैं कि यह नमक सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि इसमें सारे तत्व शामिल है जो एक शरीर की जरुरत होते हैं। जैसे की लोहा, कैल्शियम,
पोटेशियम, जिन्क और भी बहुत कुछ सेंधा नमक में मौजूद होता हैं। इसे आप खाने में मिलाकर खा सकते हैं या फिर बाजार में सप्लीमेंट्स, पाउडर और पिल्स मौजूद होती है जिसे आप ले सकते है। इस धरती पर पाये जाने वाले जितने भी प्रकार के नमक है उनमे सबसे ज्यादा उत्तम व शुद्ध नमक कोई है तो वो वह सच में सेंधा नमक ही है | सेंधा नमक की उत्पत्ति का इतिहास करोड़ों वर्ष पुराना है | सेंधा नमक का महत्व सोने से भी ज्यादा माना गया है | इसका उपयोग ऋषि मुनि आयुर्वेद में चिकित्षा के लिए करते आये हैं | आज भी यह उतना ही गुणकारी व पोस्टिक है | हर प्रकार से रसायन व प्रदुषण से रहित है |
हमारे शरीर के लिए ज़रूरी सभी 84 प्रकार के सूक्ष्म पौषक तत्व इसमे मौजूद है, जैसे कैल्शियम, आयरन, फोस्फोरस , कॉपर, ज़िंक, आयोडीन आदि | इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है | इसकी पवित्रता व सुद्धता के कारण ही व्रत व् उपवास ये यही नमक काम मे लिया जाता है | इससे भोजन श्रेष्ठ, पवित्र बनाता है |
यह नमक कई रोगों से हमारा बचाव करता है जैसे की अस्थमा, साइनस, थाइराइड, उच्च रक्तचाप व निम्न रक्त चाप, लकवा, मधुमेह, अपच, वायु रोग, कब्ज, मूत्र संबधी रोग आदि | यह स्वास क्रिया को ठीक करता है, शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रॉल व मांशपेशियों को ताकत देता है, शरीर के पी॰ अच् । मन को नियंत्रित करता है, शरीर से खराब कोलोरेसट्रोल को बाहर निकल देता है व इसके उपयोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है| शरीर में सेंधा नमक से जो – जो पौषकता मिलती है, इसी पौषकता की कमी होने से लकवा होता है व इसी पौषकता की कमी होने से ब्रेनहेमरेज होता है |
यह नमक कई रोगों से हमारा बचाव करता है जैसे की अस्थमा, साइनस, थाइराइड, उच्च रक्तचाप व निम्न रक्त चाप, लकवा, मधुमेह, अपच, वायु रोग, कब्ज, मूत्र संबधी रोग आदि | यह स्वास क्रिया को ठीक करता है, शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रॉल व मांशपेशियों को ताकत देता है, शरीर के पी॰ अच् । मन को नियंत्रित करता है, शरीर से खराब कोलोरेसट्रोल को बाहर निकल देता है व इसके उपयोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है| शरीर में सेंधा नमक से जो – जो पौषकता मिलती है, इसी पौषकता की कमी होने से लकवा होता है व इसी पौषकता की कमी होने से ब्रेनहेमरेज होता है |
सब्जियों को बनाने से पहले यदि सेंधा नमक के घोल मे रखा जाए तो काफी हद तक कीट नाशक के जहर को कम करता है | इसके प्रयोग से सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है | अगर आचार मे डाला जाए तो आचार ज्यादा दिनों तक खराब नहीं होता |
सेंधा नमक के साबुत पत्थर को यदि ऑफिस, दुकान व कमरे आक्तद मे रखा जाए तो यह उस स्थान की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकल कर उस स्थान को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है व यदि इसे कम्प्यूटर या टीवी के सामने रख दें तो अल्ट्रा वायलेट रेज़ को अपने मे खीच कर लेता है |
समुद्री नमक : इस नमक मे 97.5% सोडियम क्लोराइड है व बाकी 2.5% मे, पोटैशियम आयोडाइड, सोडियम बाईकाबोनेट, एल्युमीनियम सिलिकेट व् सोडियम ग्लूटामेट, इसमें डालियाँ न बने इसकेलिए इसमें कुछ Anti-caking agents ( पोटैशियम और सोडियम फरोशयानिडे ) आदि केमिकल्स है |
इनमे सबसे ज्यादा खतरनाक पोटैशियम आयोडाइड व एल्युमीनियम सिलिकेट है, यह दोनों ही केमिकल्स यदि शरीर मे जाए तो नपुंसगता लाते है | ये सब शरीर के घातक विष है |
एल्युमीनियम हमारे मस्तिष्क और नाड़ियो को छतिग्रस्त करता है और अलझाइमर जैसे रोग पैदा करता है | इसी कारण आयोडीन युक्त नमक दुनिया के कई देशो मे प्रतिबंधित है |
एल्युमीनियम हमारे मस्तिष्क और नाड़ियो को छतिग्रस्त करता है और अलझाइमर जैसे रोग पैदा करता है | इसी कारण आयोडीन युक्त नमक दुनिया के कई देशो मे प्रतिबंधित है |
नमक की एक विशेषता होती है की वह वातावरण की नमीं को अपने अंदर खिंचता है , ऐसा न हो व नमक एक्स्ट्रा फ्री फ्लो हो इसके लिए इस नमक मे कई प्रकार के केमिकल्स (मैग्नीशियम कार्बोनेट , कैल्शियम सिलिकेट , सोडियम सिलिको -अलुमिनाते और त्रिकालसिम फॉस्फेट । ) मिलाये जाते है व इसको सफ़ेद करने के लिए ब्लीचिंग एजेंट्स मिलाये जाते जो शरीर को नुकशान करते है |
रिफाइंड नमक के प्रयोग से शरीर को किसी भी प्रकार के मिनरल्स नहीं मिलते हैं. इसके सेवन से उच्च रक्तचाप, किडनी फेल्योर, कॉलेस्ट्रोल, ब्रेन हेमरेज एवं रक्त दोष, हृदय रोग, आंतों के रोग, सिरदर्द आदि और भी कई रोग होने की संभावना होती है. भारत में यह घातक रोग केमिकल वाले नमक के उपयोग करने के बाद ही आए हैं.
इस नमक को यदि दही में डाल कर खाते हैं तो कई बीमारियां होती है. कारण इस से दही में मौजूद सभी जीवाणु जोकि शरीर के लिए लाभकारी है समाप्त हो जाते हैं. जबकि सेंधा नमक से दही में मौजूद जीवाणु समाप्त नहीं होते. वह दही शरीर को नुकसान करने के बजाय फायदा करता है
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We have always been using white salt, but do you know that it can prove to be harmful to your health. Rock salt is considered to be the most pure salt, because it does not contain adulteration and chemicals. Rock salt is considered to be very beneficial in Ayurveda. Being found in the Sindh region of Punjab, it is called 'sand'. Black salt is also the type of rock salt, In addition to sodium chloride, sulfur content is included. Many people know that this salt is not just a spice, but it contains all the ingredients that require a body. Like iron, calcium, potassium, gink and many other stones are present in the salt. You can eat it in a meal or you can have supplements, powder and pills in the market, which you can take. Any kind of salt found on this earth is one of the best and pure Salt, then it is really rock salt. The history of the origin of rock salt is billions of years old. Rock salt is considered more than gold. It has been used by Sage Muni for medicines in Ayurveda. Even today, it is equally proficient and postal. Is devoid of chemical and pollution in every way.
All 84 kinds of micronutrients present in our body are present in it, such as calcium, iron, phosphorus, copper, zinc, iodine etc. It contains less sodium content. Due to its purity and goodness, this salt is taken in fasting and fasting. This makes the food superior, pure.
This salt protects us from many diseases such as asthma, sinus, thyroid, high blood pressure and low blood pressure, paralysis, diabetes, indigestion, air disease, constipation, urinary diseases etc. It cures the swelling process, gives bad cholesterol and muscles in the body, P. Ach. Mind controls, Exposes bad colloarrotrol from the body and its use increases the immunity of the body's disease. The rock salt in the body - which gets nutrients, is paralyzed due to the lack of nutrients, and due to the lack of this nutrient brain brain storage.
Before making the vegetables, if the rock is placed in salt solution, then it reduces the poison of pests. Its use increases the taste of the vegetable. If it is added in the conduct, the conduct will not last for long.
If the entire stone of the rock salt is placed in office, shop and room, then it exits the negative energy of that place and fills that space with positive energy and if placed in front of the computer or TV, then the ultra violet rays Gets dragged into you.
Sea salt: This salt contains 97.5% sodium chloride and the remaining 2.5% is in the potassium iodide, sodium biconateate, aluminum silicate and sodium glutamate, and there are some anti-caking agents (potassium and sodium foreshiididae) chemicals in it.
The most dangerous of these are potassium iodide and aluminum silicate; if both these chemicals go into the body then they bring impotence. These are all deadly poisons of the body. Aluminum thrips our brain and nerves and produces diseases like Alzheimer's. This is why iodized salt is prohibited in many countries of the world.
There is a specialty of salt that pulls the moisture of the atmosphere in it, and this should not be the salt extra free flow. For this, many types of chemicals (magnesium carbonate, calcium silicate, sodium silico-aluminate and triaxyl phosphate ) Are added and to make it white, bleaching agents are added which harm the body.
Using refined salt, the body does not get any type of mineral. Its consumption is likely to cause high blood pressure, kidney failure, cholesterol, brain hemorrhage and blood defects, heart disease, intestinal disease, headache etc. and many other diseases. In India, this deadly disease has come after using chemicals containing chemicals.
If you eat this salt in yogurt, then there are many diseases. Due to this, all the bacteria present in the curd which is beneficial for the body ends. Whereas the bacteria present in the curd does not end with rock salt. The yogurt benefits the body instead of harming it.