अगर आपको फूलों का शौक है तो अब तक तो आपने अपने घर के गमलों में गेंदे के पौधे लगा लिए होंगे. गर्मियों में खिलने वाले गेंदे के फूल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह कई दिनों तक ताजा बना रहता है और इसकी सुगंध भी लंबे वक्त तक बनी रहती है. गेंदा बाग-बगीचों, घर-आँगन और रास्तों के किनारे बहुतायत में उगता हुआ देखा जा सकता है। ये बाज़ार में भी काफी सस्ता बिकता है। भारत के अधिकांश राज्यों में इसके सुंदर फूलों के लिए खेती की जाती है, कहा जाता है कि देवी-देवताओं को गेंदा के फूलों से काफी लगाव है।
देश के कई हिस्सों में गेंदे के फूल की खेती की जाती है. सजावट से लेकर गेंदे के फूल का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है. गेंदे के फूल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो दर्द में आराम दिलाने का काम करते हैं. घाव भरने में भी ये कारगर औषधि की तरह प्रभावी है. अगर किसी को अल्सर की समस्या है तो गेंदे के फूल की चाय पीना उसके लिए विशेषतौर पर फायदेमंद रहेगा. गेंदा का वानस्पतिक नाम टेजेटेस इरेक्टा है। वैसे आपको ये तो पता होगा कि गेंदे का इस्तेमाल सजावट और पूजा आदि के लिए किया जाता है, लेकिन ये बात शायद कम ही लोग जानते हैं कि गेंदे का इस्तेमाल गेंदे अनेक हर्बल नुस्खों के तौर पर भी किया जाता है। चलिए आज
1)गेंदे का फूल एक बेहतरीन सौंदर्य उत्पाद है. ये त्वचा को लंबे समय तक जवान बनाए रखता है.
2)गेंदे के फूल को गरीबों का केसर भी कहा जाता है. गेंदे के फूल का इस्तेमाल रंजक के रूप में भी किया जाता है.
2) जिन पुरुषों को स्पर्मेटोरिया (पेशाब और मल करते समय वीर्य जाने की शिकायत) हो उन्हे गेंदे के फूलों का रस पीना चाहिए।
3) गेंदा के पत्तों का रस कान में डाला जाए तो यह कान दर्द को खींच लेता है। इसकी पत्तियों को कुचलकर रस तैयार करें और इस रस की २ बूंदों को कान में डालने से दर्द कम हो जाता है।
4) यदि गेंदा के फूलों को सुखा लिया जाए और इसके बीजों को एकत्र कर मिश्री के दानों के साथ समान मात्रा (५ ग्राम प्रत्येक) का सेवन कुछ समय तक दिन में दो बार किया जाए तो यह पुरुषों को शक्ति और प्रदान करता है। इसे भी पढ़ें
5) सूखे हुए गेंदे के फूल को मिश्री के साथ खाने की सलाह उन रोगियों को दी जाती है जिन्हें दमा और खाँसी की शिकायत है।
6) गेंदे के फूल में कई ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. जो आंखों से जुड़ी कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद साबित होते हैं.
7)गेंदा के पत्तों को मोम में गर्म करके ठंडा होने पर पैरों की बिवाई पर लगाने से आराम मिल जाता है, तालु चिकने हो जाते है।
8) बवासीर के रोगी को यदि गेंदा की पत्तियों का रस, काली मिर्च और नमक का घोल पिलाया जाए तो आराम मिल जाता है। इसे भी पढ़ें – आलू-टमाटर से दूर करें चेहरे की झुर्रियां, दाग-धब्बे और मुंहासे
9) गेंदे के फूल की पंखुडियों को एकत्र कर पीस लिया जाए और शरीर के सूजन वाले हिस्सों में लगाया जाए तो सूजन मिट जाती है।
10) गेंदे के फूल का इस्तेमाल एंटी-बायोटीक के रूप में किया जाता है. जिन्हें सिर में फोड़े, फ़ुन्सियाँ और घाव हो जाए उन्हे मैदा के साथ गेंदा की पत्तियों और फूलों के रस को मिलाकर सप्ताह में दो बार सिर पर लगाना चाहिए, आराम मिल जाता है।
11)गेंदे के फूल से नेचुरल कलर भी तैयार किया जाता है.