बात चाहे मेट्रो सिटीज की हो या शहर या गांव, प्रदूषण हर जगह पैर प्रसार चुका है। आपके दिल में हर दम भर रहा है जहरीला धुंआ। देश के कई शहर प्रदूषण की चपेट में हैं और कई बार मौसम विशेष में ऐसे हालात बन जाते हैं कि प्रदूषण न सिर्फ स्वास्थ्य खराब करता है बल्कि लोगों को धुंए की वजह से दिखाई देना तक बंद हो जाता है। अगर आलम ऐसा हो जाए तो मतलब है कि प्रदूषण भयानकरूप ले चुका है और कुछ बेहद बड़ा किया जाना जरूरी है।
जब हालत ऐसे हैं तो आपके पास करने के लिए क्या बचता है। आप समझ नहीं पा रहे ऐसा क्या करें जो प्रदूषण आपको नुकसान न पहुंचा पाए। जवाब एकदम सीधा है कि आपके ऑर्गन यानी कि आपका दूषित तत्व बाहर निकालने वाला सिस्टम ही आपको इस खतरे से बचा सकता है। जब बाहर के वातावरण पर नहीं आपका बस तो अंदरूनी ताकत इतनी बढ़ा लीजिए की प्रदूषण कुछ न बिगाड़ पाए आपका।
1. टमाटर : टमाटर में लाइकोपीन होता है| लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह श्वसनतंत्र के चारों तरफ एक सुरक्षा लेयर बना देता है। इससे धूल के कण श्वसनतंत्र में अंदर नहीं जा पाते।
2. आंवला : शोधों से साबित हो चुका है कि आंवला स्वास्थ्य के लिए वरदान है। आंवले का सेवन शरीर से उन सभी विकारों को बाहर निकाल फेंकता है जो प्रदूषित धुंए के कारण पैदा हुए हैं। लिवर को इन प्रभावों से बचाए रखता है।
3. हल्दी : हल्दी सबसे अधिक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है। यह फेंफड़ों को धुंए के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित रखती है। यह लिवर का भी शोधन करती है। हल्दी और घी को मिलाकर खाने से खांसी और अस्थमा से छुटकारा मिलता है।
4. तुलसी : तुलसी के पत्ते फेंफड़ों को प्रदूषण से बचाए रखते हैं। जहां तुलसी होती है वहां की वायु अपने आप शुद्ध हो जाती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए तुलसी पौधा आसपास जरूर रखें। तुलसी का ज्यूस हर दिन पिएं।
5. विटामिन सी से भरे फल : ऐसे कोई फल जिनमें संतरा, नींबू, कीवी, मौसंबी और अमरूद शामिल हैं आपको प्रदूषण बचाएंगे। ये नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट हैं।
6. गुड़ : सांस से जुडी समस्याओं के लिए गुड़ बेहद फायदेमंद है। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में गुड़ के सेवन से आराम मिलता है। तिल के साथ गुड़ सांस की मुश्किलों को दूर कर देगा।
7 . ग्रीन टी : एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी के सेवन से शरीर के दूषित तत्व बाहर निकल जाते हैं। हर दिन दो कप ग्रीन टी और आपका श्वशनतंत्र एकदम साफ़।