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तुलसी अर्क

श्रीराज तुलसी रस  पांच प्रकार की तुलसी का रस है 
तुलसी रस के फायदे 
श्रीराज तुलसी रस का उपयोग बहुत से उत्पादों में किया जाता है।  
सौंदर्य उत्पादों में 
खाने पीने के उत्पादो में 
हर्बल उपचार में 

दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है।

मासिक धर्म के दौरान कमर में दर्द हो रहा हो तो एक चम्मच तुलसी का रस लें।

तुलसी रस में बहुत से पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं जो हमारी कई सामान्य और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। तुलसी रस के फायदों में तनाव को कम करना, रक्त शर्करा को नियंत्रित करना, सूजन को ठीक करना, त्वचा स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, शरीर की विषाक्तता को बाहर निकालना, प्रतिरक्षा में सुधार करना आदि शामिल हैं। 

 यह एक औषधीय पौधा है जिसके प्रत्येक भाग का कुछ न कुछ औषधीय उपयोग होता है। इसकी पत्तियां, फूल, फल, तना और जड़ आदि सभी हमारे लिए उपयोगी होती हैं। लेकिन क्या आपने कभी तुलसी रस का उपयोग किया है। जो गुण तुलसी के अलग-अलग भागों में होते हैं वे सारे गुण एक साथ तुलसी रस में होते हैं। इसे आप तुलसी पौधे का रस भी कह सकते हैं। आप इस जड़ी बूटी का उपयोग अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए कर सकते हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी का उपयोग विभिन्न दवाओं में प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। क्योंकि इसमें बहुत से खनिज पदार्थ, पोषक तत्व, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। तुलसी में प्रोटीन की अच्‍छी मात्रा होती है। इसके अलावा इसमें विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K और फोलेट भी पाया जाता है। खनिज पदार्थों में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्‍फोरस, पोटेशियम और सोडियम की अच्छी मात्रा होती है।
तुलसी रस पोषक तत्वों से भरा हुआ है। इसमें मौजूद घटक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं।

तुलसी रस तनाव दूर करने में – 

इस औषधीय पौधे में फाइटोकेमिकल्‍स की अच्‍छी मात्रा होती है जो कार्टिसोल के स्‍तर को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए तुलसी के अर्क का उपयोग करने पर यह तनाव से छुटकारा दिला सकता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि तनाव को कम करने के लिए तुलसी अर्क एक प्राकृतिक दवा का काम करती है। तुलसी अर्क में आपके शरीर में मौजूद तनाव हार्मोन को नियंत्रित कर आपके शरीर के अनुकूल बनाने की क्षमता होती है। नियमित रूप से तुलसी के पत्‍तों या तुलसी अर्क का उपभोग ऑक्‍सीडेटिव तनाव के लक्षणों को भी कम कर सकता है। इसके अलावा यह कार्डियोवैस्‍कुलर स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकता है।

तुलसी रस रक्त शर्करा नियंत्रित करता है  – 

मधुमेह के प्रभाव को कम करने की क्षमता तुलसी अर्क में होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस रस में ऐसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन और खनिज पदार्थ शरीर में इंसुलिन स्राव को बढ़ाने में मदद करते हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि तुलसी अर्क मधुमेह टाइप 2 वाले मरीजों में रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तुलसी में फाइटोकेमिकल यौगिक जैसे सैपोनिन्स, ट्राइटरपेन्स और फ्लैवोनोइडस\ होते हैं जो इसके हाइपोग्लाइमिक प्रभाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। मधुमेह रोगी तुलसी अर्क का उपभोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

तुलसी रस का उपयोग सूजन को दूर करे 

प्रमुख शारीरिक समस्‍याओं में से एक सूजन है जो अधिकांश बीमारीयों में होती है। इसके अलावा सूजन कई बीमारीयों का कारण भी होती है। लेकिन आप सूजन चाहे वह गठिया की हो या हृदय की इन सभी का उपचार करने के लिए तुलसी अर्क का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तुलसी के रस में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इस स्‍वादिष्ट जड़ी बूटी के अर्क में बीटा-कैरीओफिलीन (beta-caryophyllene) की उच्च मात्रा होती है जिसका उपयोग गठिया जैसी सूजन संबंधी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि तुलसी से निकाले गए रस त्वचा की सूजन और लाली का भी प्रभावी इलाज कर सकती है।

तुलसी रस के लाभ कैंसर के लिए 

आश्‍चर्य जनक रूप से तुलसी का रस कैंसर का उपचार करने में मदद कर सकता है। एक अध्‍ययन के अनुसार तुलसी के अर्क में रेडियोप्रोटेक्टिव (radioprotective) गुण होते हैं जो शरीर में ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करते हैं। इसके अलावा तुलसी में यूजीनॉल होता है जो एंटीकैंसर गुणों के लिए जाना जाता है। तुलसी में अन्य फाइटोकेमिकल्स जैसे कि रोस्मरिनिक एसिड (rosmarinic acid), मायरेटेनल (myretenal), ल्यूटोलिन और एपिगेनिन (luteolin and apigenin) आदि भी होते हैं जो कैंसर के विभिन्‍न रूपों को रोकने में सहायक होते हैं। एक अन्‍य अध्‍ययन में तुलसी के पत्ते से निकाले गए अर्क को मानव अग्नाशयी कैंसर कोशिकाओं के ट्यूमरिजेनेसिस और मेटास्टेसिस को कम करने के लिए पाया गया था। तुलसी अर्क का उपयोग स्‍तन कैंसर के विकास को रोकने में मदद करता है।

तुलसी रस हृदय स्वास्थ्य के लिए

कार्डियोवैस्‍कुलर बीमारियां आज दुनिया की गंभीर बीमारियों में से एक है। इस प्रकार की समस्याओं का प्रमुख कारण उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल होता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि तुलसी अर्क इन सभी समस्‍याओं का प्रभावी इलाज कर सकता है। तुलसी में फ्लैवोनोइड्स होते हैं जो धमनियों की दीवारों पर थक्‍के बनाने वाले प्लेटलेट्स के खतरे को कम करते हैं। जिससे कोरोनरी हृदय रोग और दिल के दौरे आदि की संभावना कम हो जाती है।
तुलसी का अर्क शरीर में मौजूद अतिरिक्‍त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होता है। जिसके परिणाम स्‍वरूप दिल को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में मदद मिलती है। नियमित रूप से तुलसी की पत्तियों या अर्क का सेवन करने पर यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

श्रीराज तुलसी रस  वजन कम करने में फायदेमंद है।  

कुछ अध्‍ययन बताते हैं कि तुलसी का रस रक्‍त ग्‍लूकोज और रक्‍त कोलेस्‍ट्रॉल को कम कर सकते हैं। ये दोनो ही कारक वजन बढ़ने का कारण होते हैं। तुलसी का रस कोर्टिसोल, तनाव हार्मोन भी वजन बढ़ाने मे योगदान देता है। जबकि तुलसी के अर्क में इन सभी समस्‍याओं को दूर करने की क्षमता होती है। इस तरह से आप अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए तुलसी के रस का उपयोग कर सकते हैं। एक अध्‍ययन से पता चलता है कि तुलसी पत्‍ती से निकाले गए रस के 250 मिलीग्राम कैप्‍सूल का सेवन करने से मोटापे के रोगियों में लिपिड प्रोफाइल और अतिरिक्‍त वजन में सुधार पाया गया। आप भी अपने वजन को कम करने के लिए तुलसी अर्क या इससे बने कैप्‍सूल का उपयोग कर सकते हैं।

तुलसी रस का उपयोग प्रतिरक्षा बढ़ाए 

जैसा की आप जानते हैं कि तुलसी का पौधा एक आयुर्वेदिक औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें ऐसे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मौजूद रहते हैं जो आपके शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव से बचा सकते हैं। तुलसी को श्वसन संबंधी विकारों का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। अस्‍थमा उन में से एक है। इसके अलावा यह ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के संक्रमण को भी रोक सकते हैं जो कमजोर प्रतिरक्षा के कारण हो सकते हैं। पारंपरिक उपचार के रूप में तुलसी के पत्‍तों और अर्क का उपयोग बुखार, सर्दी खांसी आदि के इलाज में भी उपयोग किया जाता है। इसमें मौजूद फ्लैवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा हमारे शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि आप बार-बार सामान्य सर्दी या खांसी से ग्रसित होते हैं तो इसके उपचार के लिए तुलसी अर्क का उपयोग कर सकते हैं। यह आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है।

तुलसी का रस पेट दर्द को ठीक करे

अपचन, पेट दर्द, पेट की गैस आदि समस्‍याएं आपके जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन यदि आप तुलसी के पत्‍तों और अर्क का उपभोग करते हैं तो इन समस्‍याओं से बच सकते हैं। तुलसी आपके पेट के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत अच्‍छी होती है। इनमें पेट के दर्द, पेट फूलनाएसिडिटी और कब्ज शामिल है। यह पेट के अल्‍सर का भी इलाज करने में सहायक होते हैं। पेट दर्द का इलाज करने के लिए आपको तुलसी के पत्‍तों से निकाले गए (10 मिलीलीटर) रस और नींबू के (20 मिलीलीटर) रस को अदरक के रस के साथ मिलाकर सेवन करें। इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर भी सेवन कर सकते हैं जो कि अतिसंवेदनशीलता से राहत दिला सकता है।

श्रीराज तुलसी रस त्वचा के संक्रमण को रोकता है 

अपने एंटीबायोटिक गुणों के कारण तुलसी का रस संक्रमण से त्वचा की रक्षा करता है। इसकी पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व एंथ्रेसीस और ई कोलाई जैसे जीवाणुओं के विकास को प्रतिबंधित करते हैं जो त्वचा संक्रमण का कारण बनते हैं। त्वचा संक्रमण का इलाज करने के लिए तिल के तेल और तुलसी के अर्क की बराबर मात्रा को मिलाकर त्वचा संक्रमण में लगाना चाहिए। यह खुजली और अन्य प्रकार के संक्रमण से रक्षा करता है। इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों को पीसकर इसमें बराबर मात्रा में नींबू का रस मिलाएं। इस मिश्रण को दाद पर लगाएं। यह दाद का इलाज करने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा तुलसी अर्क में एंटीमाइक्रोबायल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं जो कई अन्य त्वचा संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।

तुलसी अर्क पीने के अन्य फायदे

हमारे आस-पास सामान्य रूप से उपलब्ध जड़ी बूटीयों में तुलसी है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं में हमारी मदद करती है। तुलसी की पत्तियों और इससे निकाले गए अर्क के कुछ अन्य फायदे इस प्रकार हैं।

तुलसी रस सिरदर्द और माइग्रेन में लाभदायक  – क्या आपको सिरदर्द या इससे संबंधित किसी प्रकार की समस्या है। यदि ऐसा है तो तुलसी के रस का उपयोग आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इस प्रकार की समस्‍याओं से बचने के लिए 1 सप्‍ताह तक प्रतिदिन तुलसी रस का सेवन करें। यह आपको राहत दिला सकता है।

बुखार – यदि आप बुखार से पीड़ित हैं तो तुलसी सबसे प्रभावी घरेलू उपाय हो सकता है। बुखार का उपचार करने के लिए आप तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना सकते हैं। इसके अलावा आप तुलसी से निकाले गए अर्क को भी पानी में उबाल सकते हैं। शरीर के तापमान को कम करने के लिए तुलसी के अर्क को हर 2-3 घंटों में दिया जाना चाहिए। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित कर बुखार का उपचार कर सकता है।
तुलसी रस पथरी बाहर निकलने में लाभदायक  – गुर्दे के पत्थर के मामले में यदि 6 माह तक तुलसी अर्क का सेवन करना चाहिए। यदि नियमित सेवन किया जाता है तो यह पथरी को तोड़ कर मूत्र पथ के माध्‍यम से इसे बाहर निकालने में सहायक होता है।
गले की खरास – सामान्‍य सर्दी होने के बाद अक्सर खांसी या गले की खराश  हो जाती है। जिससे आपको गले में दर्द हो सकता है। गले की खरास को दूर करने के लिए आप तुलसी अर्क का उपयोग कर सकते हैं। आप थोडें से पानी को गुनगुना करें और इसमें तुलसी अर्क को मिलाएं। इस पानी से आप गरारे करें। यह आपके गले की सूजन और खरास दोनो को ठीक कर सकता है।
प्रसव दर्द – प्रसव के दौरान होने वाले दर्द और जन्‍म में लगने वाले समय को कम करने के‍ लिए तुलसी अर्क का उपयोग किया जा सकता है।
बच्चों की उल्‍टी – बच्‍चों की बीमारी जैसे खांसी, सर्दी, बुखार, उल्टी और दस्त जो कि सामान्य बाल रोग होते हैं। इन समस्याओं का उपचार करने के लिए तुलसी के पत्तों का रस अनुकूल होता है। तुलसी और अदरक के रस को हल्का गर्म कर बच्चे को पिलाने से पेट दर्द से तत्काल राहत मिल सकती है।

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