जवान बने रहने के लिए लोग आजकल कई तरह की सर्जरी का सहारा लेते हैं। इसी में से एक है थ्रेड लिफ्ट्स ट्रीटमेंट, यह नॉन सर्जिकल प्रक्रिया है। इससे उम्र के कारण ढीली हुई त्वचा को टाइट किया जाता है। इसे लिफ्ट सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है। गालों,चेहरे,गले और माथे के आसपास पड़ी ढीली त्वचा को सर्जरी के धागों की मदद हल्का-सा खींचा जाता है। इस सर्जरी से स्किन पर किसी भी तरह की कोई निशान नहीं पड़ता।

इस ट्रीटमेंट की शुरुआत में उस जगह पर निशान बनाए जाते हैं, जहां से थ्रेड लिफ्टिंग करनी है। इसमें चोट के लगाए जाने वाले टांको में इस्तेमाल होने वाले धागे प्रयोग किए जाते हैं। इन धागों को डर्माटालजिस्ट सीरिंज की मदद से त्वचा में उतारते हैं। जो एक सस्पेंशन केबल की तरह का काम करता है और त्वचा में धागे के साथ नए कोलजन बनने लगते हैं। जिससे स्किन में कसावट आनी शुरू हो जाती है। इस ट्रीटमेंट की खास बात यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाला धागा घुलनशील होता है। जिसका कोई साइड इफैक्ट नहीं होता।
किन लोगों को करवानी चाहिए थ्रेड फेस लिफ्टिंग
छोटी उम्र में इस तरह की कोई भी ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहिए। 30 साल से ज्यादा और 60 साल की उम्र तक के लोगों इसे करवा सकते हैं।
छोटी उम्र में इस तरह की कोई भी ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहिए। 30 साल से ज्यादा और 60 साल की उम्र तक के लोगों इसे करवा सकते हैं।

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