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improve eyesight food आखों की रोशनी बढ़ाने खानपान


  • हरी पत्तेदार सब्जियों के दो तत्व हैं आखों के रक्षक : आखों को स्वस्थ और आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन बहुत जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियों के उदाहरण हैं, पालक, कोलार्ड ग्रीन, शलगम, सलाद पत्ता, सरसों, बंदगोभी आदि। हरी पत्तेदार सब्जियों में कैरोटिनॉयड के रूप में एक विशेष पोषक तत्व होता है, जिसे ल्यूटेन कहते हैं। ये तत्व बढ़ती उम्र के साथ आंखों में पैदा होने वाले मैकुलर डिजनरेशन के खतरे को कम करते हैं।

  • टमाटर में भरपूर हैं आंखों के मित्र पदार्थ : टमाटर में आंखों के मित्र तत्व ल्यूटेन के साथ ही भरपूर लाइकोपेन भी होता है। ये दोनों ही तत्व अच्छी दृष्टि में मदद के लिए जाने जाते हैं। लाइकोपेन आंखों को सूरज से होने वाले नुकसान से भी बचाता है और आंखों की रोशनी बढ़ानेमें सहायता करता है
  • स्वस्थ आँखों के लिए जरूरी हर चीज है गाजर में : जब भी स्वस्थ आखों की बात होती है तो गाजर का नाम सबसे पहले आता है। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि गाजर में स्वस्थ आंखों के लिए सब कुछ है। गाजर में विटामिन ए का अग्रदूत बीटा कैरोटीन है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है। गाजर में लाइकोपेन है, जो अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से आंखों को बचाता है। गाजर में ल्यूटेन है, जो मैकुला डिजनरेशन का खतरा कम करता है।

  • आँखों के लेंस की रक्षण सामग्री से लैस है अंडा : अंडे में दो ऐसे तत्व होते हैं, जिनसे मिलकर आंखों के लेंस का रक्षक तैयार होता है। जी हां, आखों के लेंस के लिए एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है प्रोटीन ग्लूटेथिओन। अपने अंदर सल्फर रखने वाले यौगिक खास तौर से मोतियाबिंद के निर्माण का खतरा कम करते हैं।
  • आंखों के रक्षक के निर्माण में मददगार हैं लहसुन, प्याज : इन दोनों में भी सल्फर अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों के एंटी ऑक्सीडेंट ग्लूटेथिओन को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्लूटेथिओन का बढ़ा हुआ स्तर मैकुलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद यानी तीनों ही समस्याओं को हल करता है | ग्लूकोमा की समस्या में आंख के अंदर के पानी का दबाव धीरे-धीरे बढ़ता जाता है, जिससे देखने में परेशानी आती है और समस्या बढ़ने पर अंधापन भी घेर सकता है। आँख का पानी साधारण पानी नहीं होता। इसे एकुअस ह्यूमर कहते हैं, जो लेंस के आगे की जगह में मौजूद होता है। यह लेंस और कोर्निया को ऑक्सीजन और अन्य जरूरी भोजन पहुंचाता है। किसी भी वजह से इस पानी का बहाव रुकता है तो आखों पर दबाव बढ़ता है। जब दबाव ऑप्टिक नर्व (आँख को दिमाग से जोड़ने वाली नव) पर पड़ता है तो देखने में परेशानी आने लगती है।
  • रात में अच्छा देखने में मदद करती है ब्लू बेरी : ब्लू बेरी आंखों को थकने से बचाती हैं। इसी के साथ इनमें है आंखों को पोषण देने वाला फाइटोन्यूट्रिएंट एंथोसाइएनिन। एंथोसाइएनिन रात में देखने की क्षमता में सुधार करता है। ब्लू बेरी में सेलेनियम और जिंक जैसे तत्व भी हैं, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अच्छे माने जाते हैं।
  • मछली में मौजूद हैं रेटिना के लिए जरूरी फैटी एसिड : मछलियों में भरपूर ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। मछलियों में ईपीए और डीएचए नाम के दो ओमेगा-3 फैट विशेष रूप से पाए जाते हैं, जो कोशिकाओं के स्वास्थ्य लिए बहुत जरूरी होते हैं। रेटिना के लिए जरूरी फैटी एसिड का 30 फीसदी डीएचए से ही बनता है। ओमेगा-3 फैट्स देने के लिए नट्स (बादाम, अखरोट, मूंगफली आदि), अलसी, सरसों का तेल, कद्दू के बीज इस्तेमाल करें। अगर आप नॉन वेज खाना खाते है तो आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए मछली का सेवन अवश्य करें | 

  • आंखों को कई समस्याओं से बचाता है खुबानी : यह फल बीटा कैरोटीन और लाइकोपेन से भरपूर होता है। बीटा कैरोटीन को शरीर विटामिन ए में बदल लेता है, जो कि आंख के लेंस को क्षति से बचाने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। इस प्रकार खुबानी आंखों को मोतियाबिंद और मैकुलर डिजनरेशन जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है। जिससे आंखों की रोशनी बढती है |
  • मोतियाबिंद के विकसित होने को रोकती है तोरी : तोरी या तोरई नाम की सब्जी भी ल्यूटेन और जेक्सेंथिन की धनी होती है। ये दोनों तत्व रेटिना के मध्य भाग (मैकुला) को ब्लू और अल्ट्रावायलेट प्रकाश से बचाते हैं। इसके अलावा ये दोनों पदार्थ एक साथ मिलकर मोतियाबिंद के विकसित होने का खतरा कम करते हैं। मोतियाबिंद : इस समस्या में आंखों का लेंस अपारदर्शी (ओपेक) हो जाता है, जिससे हमें धुंधला दिखाई देता है।
  • रेटिना को फ्री रेडिकल्स से बचाती है ब्रोकोली : ब्रोकोली भी हरी पत्तेदार सब्जियों में ही आती है, मगर इसको अलग से बताना इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह आंखों के रेटिना को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाती है। यह बचाव ब्रोकोली में मौजूद सल्फोराफेन नाम का पदार्थ करता है, जो फ्री रेडिकल्स के खिलाफ शरीर की खुद की रक्षा प्रणाली तैयार करता है। सल्फोराफेन फूलगोभी में भी पाया जाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए इसका नियमित सेवन करना चाहिए |
  • विटामिन ए के लिए कुछ पदार्थ और : आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए विटामिन ए भी जरूरी होता है। ऊपर जिन पदार्थों का जिक्र किया गया है, उनमें से अनेक में (अंडा, गाजर, टमाटर, मछली का तेल, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि) में विटामिन ए होता है
इसी के साथ कुछ आसानी से मिलने वाले पदार्थ और हैं, जिन्हें हमें विटामिन ए के लिए जरूर लेना चाहिए। ये हैं, दूध, मक्खन, सभी अनाज, कद्दू, शकरकंद, आम, केला, पपीता आदि। सस्ते दाम पर आसानी से मिलने वाले कद्दू में भरपूर विटामिन ए और बीटा कैरोटीन होता है, जिससे यह आंखों की रोशनी के लिए बहुत काम का है। विटामिन ए की कमी से अंधेरे में न दिखाई देने वाली बीमारी ‘नाइट ब्लाइंडनेस” भी हो जाती है। आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अपने आहार में इन सब पदार्थो को जरुर शामिल करें |


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