व्यायाम हमारे स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है और इसमें शामिक प्लैंक से पूरे शरीर को मजबूती मिलती है। आपको ये जरूरत मालूम होना चाहिए कि नियमित प्लैंक करना क्यों जरूरी है। ये करना थोड़ा मुश्किल होता है इसलिए अधिकतर लोग इसे नज़रअंदाज़ ही कर देते हैं। लेकिन नियमित प्लैंक करने से कई फायदे होते हैं इसलिए इसे अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल बहुत जरूरी होता है। जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और पूरे शरीर का वजन अपनी कोहनियों और पैरों की उंगलियों पर टिका दें। कमर को सीधी रखें और इसी पोजीशन में कुछ मिनट तक रहें।
प्लैंक वाकई में बहुत मुश्किल होते हैं लेकिन इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे करने के लिए आपको किसी इक्यूपमेंट या ट्रेनर की जरूरत नहीं पड़ती है। ये एक्सरसाइज़ प्रमुख रूप से पूरे शरीर पर केंद्रित होती है। लेकिन अगर आपको इसके ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने हैं तो इसकी प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी है ताकि पूरा शरीर अच्छे से स्ट्रेच हो सके।
संतुलन कोहनी और पैरों की उंगलियों पर पूरे शरीर को टिका कर संतुलन पाया जाता है जिससे आपको अपनी ग्रैविटी के केंद्र के बारे में पता चलता है। इस बिंदु से आप अपने शरीर को किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं। ये वो बिंदु होती है जहां पर आपके शरीर का भार विपरीत ओर संतुलित होता है। संतुलन बनाए रखने और समन्वय को बेहतर करने के लिए साइड प्लैंक काफी मददगार साबित होते हैं।
शरीर का पॉश्चर प्लैंक की प्रैक्टिस करते समय आपको अपनी कमर को सीधी रखने की जरूरत होती है। शुरुआत में आपको थोड़ा कमर दर्द हो सकता है लेकिन कुछ समय बाद शरीर इस पॉश्चर को अपना लेगा और इससे आपकी कमर को भी मजबूती मिलेगी। बढिया बॉडी पॉश्चर से शरीर की उत्पादकता बढ़ती है, मूड बेहतर होता है।
प्लैंक करने से पूरे शरीर को मजबूती मिलती है। इसमें एक ही समय पर शरीर की सभी प्रमुख मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और इससे निम्न फायदे होते हैं : अधिक वजन उठाने में मदद करता है। एथलीट्स की परफॉर्मेंस को बेहतर करता है। झुकने और कमर को ट्विस्ट करने की क्षमता को बढ़ाता है। कमर को मजबूत करता है। कमर की चोट का खतरा करे कम प्लैंक में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आपके नितंबों और स्पाइन पर ज्यादा दबाव ना पड़े। नियमित प्लैंक करने से कमर दर्द कम होता है और कमर के ऊपरी हिस्से मजबूत बनते हैं।
प्लैंक के सबसे महत्वपूर्ण फायदों में से एक है कि ये मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर करता है। प्लैंक एक समय पर पूरे शरीर पर दबाव बनाता है। इस वर्कआउट से कैलोरी भी घटती है। मांसपेशियों को मजबूत करने वाली इस एक्सरसरसाइज़ से दिनभर के लिए एनर्जी मिलती है। दिन में 19 बार प्लैंक करने से मेटाबोलिज्म मजबूत होता है।
वर्कआउट के दौरान लगने वाली चोटों का प्रमुख कारण शरीर में लचीलेपन की कमी होती है। ये एक्सरसाइज़ कंधों, कॉलरबोन, हैमरस्ट्रिंग्स और अन्य मांसपेशियों को मजबूती देती है। अपने नियमित प्लैंक में साइड प्लैंक को शामिल कर आप अपने पूरे शरीर को लचीला बना सकते हैं।
हर तरह से व्यायाम मूड को बेहतर करता है। हालांकि, प्लैंक करने का ये सबसे बढिया और महत्वपूर्ण फायदा होता है। जो मांसपेशियां व्यायाम के दौरान सख्त हो जाती हैं प्लैंक उन्हें राहत देता है। ऐसे व्यायाम से शारीरिक तनाव कम होता है।
एक बार में कम से कम एक मिनट तक प्लैंक करें। ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिए दिन में 10 बार इसे करें। प्लैंक करते समय घड़ी की तरफ ना देखें। अपना ध्यान दर्द से दूर हटाने की कोशिश करें। बाहर प्लैंक करने की कोशिश करें।
प्लैंक वाकई में बहुत मुश्किल होते हैं लेकिन इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे करने के लिए आपको किसी इक्यूपमेंट या ट्रेनर की जरूरत नहीं पड़ती है। ये एक्सरसाइज़ प्रमुख रूप से पूरे शरीर पर केंद्रित होती है। लेकिन अगर आपको इसके ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने हैं तो इसकी प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी है ताकि पूरा शरीर अच्छे से स्ट्रेच हो सके।
संतुलन कोहनी और पैरों की उंगलियों पर पूरे शरीर को टिका कर संतुलन पाया जाता है जिससे आपको अपनी ग्रैविटी के केंद्र के बारे में पता चलता है। इस बिंदु से आप अपने शरीर को किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं। ये वो बिंदु होती है जहां पर आपके शरीर का भार विपरीत ओर संतुलित होता है। संतुलन बनाए रखने और समन्वय को बेहतर करने के लिए साइड प्लैंक काफी मददगार साबित होते हैं।
शरीर का पॉश्चर प्लैंक की प्रैक्टिस करते समय आपको अपनी कमर को सीधी रखने की जरूरत होती है। शुरुआत में आपको थोड़ा कमर दर्द हो सकता है लेकिन कुछ समय बाद शरीर इस पॉश्चर को अपना लेगा और इससे आपकी कमर को भी मजबूती मिलेगी। बढिया बॉडी पॉश्चर से शरीर की उत्पादकता बढ़ती है, मूड बेहतर होता है।
प्लैंक करने से पूरे शरीर को मजबूती मिलती है। इसमें एक ही समय पर शरीर की सभी प्रमुख मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और इससे निम्न फायदे होते हैं : अधिक वजन उठाने में मदद करता है। एथलीट्स की परफॉर्मेंस को बेहतर करता है। झुकने और कमर को ट्विस्ट करने की क्षमता को बढ़ाता है। कमर को मजबूत करता है। कमर की चोट का खतरा करे कम प्लैंक में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आपके नितंबों और स्पाइन पर ज्यादा दबाव ना पड़े। नियमित प्लैंक करने से कमर दर्द कम होता है और कमर के ऊपरी हिस्से मजबूत बनते हैं।
प्लैंक के सबसे महत्वपूर्ण फायदों में से एक है कि ये मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर करता है। प्लैंक एक समय पर पूरे शरीर पर दबाव बनाता है। इस वर्कआउट से कैलोरी भी घटती है। मांसपेशियों को मजबूत करने वाली इस एक्सरसरसाइज़ से दिनभर के लिए एनर्जी मिलती है। दिन में 19 बार प्लैंक करने से मेटाबोलिज्म मजबूत होता है।
वर्कआउट के दौरान लगने वाली चोटों का प्रमुख कारण शरीर में लचीलेपन की कमी होती है। ये एक्सरसाइज़ कंधों, कॉलरबोन, हैमरस्ट्रिंग्स और अन्य मांसपेशियों को मजबूती देती है। अपने नियमित प्लैंक में साइड प्लैंक को शामिल कर आप अपने पूरे शरीर को लचीला बना सकते हैं।
हर तरह से व्यायाम मूड को बेहतर करता है। हालांकि, प्लैंक करने का ये सबसे बढिया और महत्वपूर्ण फायदा होता है। जो मांसपेशियां व्यायाम के दौरान सख्त हो जाती हैं प्लैंक उन्हें राहत देता है। ऐसे व्यायाम से शारीरिक तनाव कम होता है।
एक बार में कम से कम एक मिनट तक प्लैंक करें। ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिए दिन में 10 बार इसे करें। प्लैंक करते समय घड़ी की तरफ ना देखें। अपना ध्यान दर्द से दूर हटाने की कोशिश करें। बाहर प्लैंक करने की कोशिश करें।
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