अशोक मुख्य रूप से वर्षा वाले वनों को पेड़ है और यह सुस्वादित पत्तों और सुंदर नारंगी-पीले फूलों से भरा होता है। फूल के गुच्छे भारी औऱ सुगंधित होते हैं। अशोक का पेट आमतौर पर हिमालय की तलहटी में ज्यादा पाया जाता है। अशोक का पेड़ महिलाओं के लिए वरदान माना जाता है। क्योंकि यह स्त्रियों की कई सारी समस्याओं एवं बीमारियों को ठीक करता है और उन्हें जवान बनाए रखने में भी मदद करता है। स्त्रियों के शरीर में होने वाले दर्द को यह दूर करने में लाभकारी होता है और उन्हें स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
अशोक के पेड़ में बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते हैं और इसके तने पत्ते और फूलों को कई जगहों पर लोग सुखाकर अपने घरों में रखते है अशोक के पेड़ के बीज फूल और छालों का उपयोग टोनिक और कैप्सूल बनाने में किया जाता है और भारत में कई तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए अशोक के पेड़ का उपयोग किया जाता है। स्त्री रोगों से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए अशोक का पेड़ बहुत ही उपयोगी माना जाता है। यह स्त्रियों में मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। यह जड़ी-बूटी के रूप में गर्भाशय की मांसपेशियों एवं एंडोमेट्रियम के लिए टॉनिक का काम करता है और आंत एवं पेट दर्द को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके अलावा यह मासिक चक्र को ठीक रखता है और मासिक धर्म की अनियमितता को खत्म करता है। यह ल्यूकोरिया और अल्सर की समस्या को भी खत्म करने में फायदेमंद होता है।
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अशोक का पेड प्राकृतिक रूप से त्वचा के रंग को बेहतर करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह खून को प्यूरिफाई करता है और त्वचा के एलर्जी से बचाता है। यह विषाक्त पदार्थों को दूर कर त्वचा के रंग को साफ करने में मदद करता है। अशोक के पेड़ के छाल का अर्क त्वचा के जलन को दूर करने में बहुत लाभप्रद माना जाता है। अशोक के पेड़ में कई तरह के दर्द निवारक गुण पाये जाते हैं और यह सुरक्षित रूप से एनाल्जेसिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अशोक के पेड़ का छाल उतारकर और उसका महीन पेस्ट बनाकर लगाने से घुटनों एवं पैरों के दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
आंतरिक रक्तस्राव के इलाज के लिए अशोक का पेड़ काफी प्रभावी रूप से कार्य करता है। अशोक के फूल का इस्तेमाल पेचिश के इलाज में किया जाता है। अशोक के फूल को पीसकर इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से पेचिश एवं पेट की अन्य समस्या सहित मल में खून आने की समस्या भी पूरी तरह दूर हो जाती है।
इसके कई बड़े फायदों में एक फायदा यह भी है कि अशोक के सूखे फूलों का इस्तेमाल करने से डायबिटीज को दूर करने में फायदा मिलता है। इसके फूलों की बनी टॉनिक या रेगुलर सूखे फूलों को सेवन करने से मधुमेह रोगियों को इस रोग से राहत मिलती है। अशोक के पेड़ का उपयोग बवासीर में भी किया जाता है। इसके पेड़ का अर्क अंदरूनी बवासीर और बवासीर में खून आने की समस्या को दूर कर देता है। इसकी जड़ी बूटियों से तैयार सप्लिमेंट बाजारों में भी बिकते हैं, इन जड़ी बूटियों से काढ़ा बनाकर पीने से भी बवासीर में बहुत राहत मिलती है।
कवकों एवं जीवाणुओं के इंफेक्शन को दूर करने में अशोक के पेड़ की छाल बहुत ही लाभदायक होती है। इसके छाल में बहुत सारे गुण पाये जाते हैं। यह शरीर को प्यूरीफाई करने का काम करता है और शरीर के संक्रमण को भी दूर करता है।
कृमि के संक्रमण को दूर करने में भी अशोक के पेड़ का इस्तेमाल किया जाता है। अशोक के पेड़ की पत्तियों और छालों को खाने से पेट में मौजूद कृमि मरकर पेट से बाहर निकल आते हैं। इसके साथ ही यह पेट के दर्द और सूजन को भी कम करने में मदद करता है।
बिना किसी तरह का नुकसान पहुंचाए हुए अशोक का पेड़ दस्त (diarrhea) को दूर करने में बहुत ही लाभकारी होता है। अशोक के पेड़ की पत्तियां, फूल और छाल टॉनिक का काम करते हैं और डायरिया से निजात दिलाने में मदद करते हैं। यह खून को प्यूरिफाई करके शरीर की क्रिया को बेहतर बनाते है।
अशोक के बीज का पावडर गुर्दे की पथरी को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करता है। इस पावडर को पानी के साथ नियमित रूप से लेने पर यह पेट में पथरी से होने वाले भयंकर दर्द को कम करता है। अशोक के पेड़ में शरीर की तमाम बीमारियों को दूर करने के गुण मौजूद होते हैं। इसलिए लोग अशोक के पेड़ को अधिक महत्व देते हैं।
अशोक का पेड़ बीमारियों को दूर करने के गुण के लिए जाना जाता है। इसके बावजूद भी इसके इस्तेमाल से कुछ नुकसान हो सकता है। आइये जानते हैं कि आखिर अशोक का पेड़ हमें किस तरह नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रेगनेंट महिलाओं को अशोक के पेड़ का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा महिला को गर्भपात हो सकता है।
हृदय विकारों से पीड़ित मरीजों को भी अशोक के पेड़ का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए अन्यथा उनकी समस्या बढ़ सकती है।
अमेनहोरिया से ग्रसित महिलाओं को भी अशोक के पेड़ का उपयोग नहीं करना चाहिए।
अशोक के पेड़ में बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते हैं और इसके तने पत्ते और फूलों को कई जगहों पर लोग सुखाकर अपने घरों में रखते है अशोक के पेड़ के बीज फूल और छालों का उपयोग टोनिक और कैप्सूल बनाने में किया जाता है और भारत में कई तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए अशोक के पेड़ का उपयोग किया जाता है। स्त्री रोगों से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए अशोक का पेड़ बहुत ही उपयोगी माना जाता है। यह स्त्रियों में मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। यह जड़ी-बूटी के रूप में गर्भाशय की मांसपेशियों एवं एंडोमेट्रियम के लिए टॉनिक का काम करता है और आंत एवं पेट दर्द को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके अलावा यह मासिक चक्र को ठीक रखता है और मासिक धर्म की अनियमितता को खत्म करता है। यह ल्यूकोरिया और अल्सर की समस्या को भी खत्म करने में फायदेमंद होता है।
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अशोक का पेड प्राकृतिक रूप से त्वचा के रंग को बेहतर करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह खून को प्यूरिफाई करता है और त्वचा के एलर्जी से बचाता है। यह विषाक्त पदार्थों को दूर कर त्वचा के रंग को साफ करने में मदद करता है। अशोक के पेड़ के छाल का अर्क त्वचा के जलन को दूर करने में बहुत लाभप्रद माना जाता है। अशोक के पेड़ में कई तरह के दर्द निवारक गुण पाये जाते हैं और यह सुरक्षित रूप से एनाल्जेसिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अशोक के पेड़ का छाल उतारकर और उसका महीन पेस्ट बनाकर लगाने से घुटनों एवं पैरों के दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
आंतरिक रक्तस्राव के इलाज के लिए अशोक का पेड़ काफी प्रभावी रूप से कार्य करता है। अशोक के फूल का इस्तेमाल पेचिश के इलाज में किया जाता है। अशोक के फूल को पीसकर इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से पेचिश एवं पेट की अन्य समस्या सहित मल में खून आने की समस्या भी पूरी तरह दूर हो जाती है।
इसके कई बड़े फायदों में एक फायदा यह भी है कि अशोक के सूखे फूलों का इस्तेमाल करने से डायबिटीज को दूर करने में फायदा मिलता है। इसके फूलों की बनी टॉनिक या रेगुलर सूखे फूलों को सेवन करने से मधुमेह रोगियों को इस रोग से राहत मिलती है। अशोक के पेड़ का उपयोग बवासीर में भी किया जाता है। इसके पेड़ का अर्क अंदरूनी बवासीर और बवासीर में खून आने की समस्या को दूर कर देता है। इसकी जड़ी बूटियों से तैयार सप्लिमेंट बाजारों में भी बिकते हैं, इन जड़ी बूटियों से काढ़ा बनाकर पीने से भी बवासीर में बहुत राहत मिलती है।
कवकों एवं जीवाणुओं के इंफेक्शन को दूर करने में अशोक के पेड़ की छाल बहुत ही लाभदायक होती है। इसके छाल में बहुत सारे गुण पाये जाते हैं। यह शरीर को प्यूरीफाई करने का काम करता है और शरीर के संक्रमण को भी दूर करता है।
कृमि के संक्रमण को दूर करने में भी अशोक के पेड़ का इस्तेमाल किया जाता है। अशोक के पेड़ की पत्तियों और छालों को खाने से पेट में मौजूद कृमि मरकर पेट से बाहर निकल आते हैं। इसके साथ ही यह पेट के दर्द और सूजन को भी कम करने में मदद करता है।
बिना किसी तरह का नुकसान पहुंचाए हुए अशोक का पेड़ दस्त (diarrhea) को दूर करने में बहुत ही लाभकारी होता है। अशोक के पेड़ की पत्तियां, फूल और छाल टॉनिक का काम करते हैं और डायरिया से निजात दिलाने में मदद करते हैं। यह खून को प्यूरिफाई करके शरीर की क्रिया को बेहतर बनाते है।
अशोक के बीज का पावडर गुर्दे की पथरी को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करता है। इस पावडर को पानी के साथ नियमित रूप से लेने पर यह पेट में पथरी से होने वाले भयंकर दर्द को कम करता है। अशोक के पेड़ में शरीर की तमाम बीमारियों को दूर करने के गुण मौजूद होते हैं। इसलिए लोग अशोक के पेड़ को अधिक महत्व देते हैं।
अशोक का पेड़ बीमारियों को दूर करने के गुण के लिए जाना जाता है। इसके बावजूद भी इसके इस्तेमाल से कुछ नुकसान हो सकता है। आइये जानते हैं कि आखिर अशोक का पेड़ हमें किस तरह नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रेगनेंट महिलाओं को अशोक के पेड़ का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा महिला को गर्भपात हो सकता है।
हृदय विकारों से पीड़ित मरीजों को भी अशोक के पेड़ का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए अन्यथा उनकी समस्या बढ़ सकती है।
अमेनहोरिया से ग्रसित महिलाओं को भी अशोक के पेड़ का उपयोग नहीं करना चाहिए।
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