आप सेक्स पावर बढ़ाना चाहते हैं या आपको कोई सेक्स प्रॉब्लम है, तो ये सेक्स बूस्टर को आसानी से बड़ा सकते है, जो आसानी से घर पर ही तैयार की जा सकती हैं. ये रेसिपीज़ आपकी सेक्स पावर को बढ़ाएंगी, बल्कि आपको सेहतमंद भी बनाएंगी.जिससे आपकी जिंदगी में रोमांस और बाद जायेगा ,
1.मुलहठी को कूट–पीसकर कपड़छान चूर्ण बना लें. इसे 3 ग्राम की मात्रा में एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर चाटने से स्वप्नदोष का शमन होता है.
2. इलायची के दानों का चूर्ण और मिश्री या शक्कर को सम भाग मेें लेकर आंवले के रस में खरल करके बेर के बराबर गोलियां बना लें और छाया में सुखाकर रख लें. 1-1 गोली सुबह–शाम ताज़े पानी के साथ लेने से स्वप्नदोष की शिकायत दूर हो जाती है.
3. सूखा आंवला और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर कपड़छान बारीक चूर्ण बना लें. 10-10 ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण का सुबह और रात को सोने से पहले पानी के साथ सेवन करें. इससे स्वप्नदोष की शिकायत दूर हो जाएगी. दवा का सेवन एक महीने तक करें.
4. जामुन की गुठली को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को 3-4 ग्राम की मात्रा में सुबह–शाम पानी के साथ सेवन करने से कुछ ही दिनों में स्वप्नदोष रोग दूर हो जाता है.
5. दालचीनी का सूक्ष्म चूर्ण 2-3 ग्राम की मात्रा में सुबह–शाम दूध के साथ सेवन करें. इससे वीर्य बढ़ेगा और शुक्राणु की कमज़ोरी दूर होगी.
6. साठी चावल का भात उड़द की दाल के साथ घी मिलाकर सुबह–शाम खाने से शुक्रक्षय की शिकायत दूर हो जाती है. यह उत्तम शुक्रवर्द्धक नुस्ख़ा है.
7. काकड़ासिंगी को पानी में पीसकर दूध में मिलाकर पीएं तथा शक्कर, दूध एवं घी का सेवन अधिक करें. इससे शुक्र की वृद्धि होती है और संभोगशक्ति बढ़ती है.
8. गोखरू, तालमखाना, शतावर, कौंच बीज, खरेटी, गंगेरन– सभी का सम मात्रा में चूर्ण बनाकर 5 ग्राम की मात्रा में रात को सोने से पहले दूध के साथ सेवन करें. इससे शुक्रक्षय की शिकायत दूर हो जाएगी.
9. पुरानी सेमल वृक्ष की जड़ का स्वरस मिश्री मिलाकर एक सप्ताह तक पीने से शुक्र की वृद्धि होती है और शुक्रक्षय की शिकायत दूर हो जाती है.
10. तुलसी की जड़ का चूर्ण बनाकर रख लें. 10 ग्राम चूर्ण को रात को पानी में भिगोकर रख दें. सुबह उसे मसल–छानकर पीएं. सात दिन तक ऐसा करने से धातुस्राव एवं प्रमेह रोग ठीक हो जाता है.
11. अश्वगंधा के सूक्ष्म चूर्ण को चमेली के तेल में मलहम बनाकर पेनिस (शिश्न) पर लगाने से उसकी शिथिलता दूर होती है तथा उसमें कड़ापन आता है.
12. अश्वगंधा, कूट, जटामांसी, बाराहीकंद– सभी को सम मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर शिश्न पर लेप करने से वह स्थूल तथा कठोर हो जाता है.
13. कपूर एवं पारद की भस्म अथवा सुहागा व पारद की भस्म को एक साथ मिलाकर शहद या पानी के साथ मलहम बना लें. सेक्स करते समय लिंग में इसे लगाने से इसमें कठोरता आती है और स्तंभनशक्ति बढ़ती है.
14. भिंडी की जड़ को सुखाकर चूर्ण बनाकर रख लें. इसे 5 ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार गर्म दूध या ताज़े पानी के साथ 21 दिन तक सेवन करें.इससे पुरानी से पुरानी धातुस्राव की बीमारी ठीक हो जाती है.
15. बरगद का पका हुआ 10 फल प्रतिदिन खाने से धातुस्राव से छुटकारा मिलता है, मर्दाना ताक़त बढ़ती है व वीर्य गाढ़ा होता है. इस नुस्ख़े का प्रयोग कम से कम 40 दिनोें तक करना चाहिए.
16. गोखरू, कौंच बीज, शतावर, बीजबंद, स़फेद मूसली, काली मूसली, सोंठ, सालम मिश्री, सालम पंजा, गिलोय, विदारीकंद और वंशलोचन– प्रत्येक को सम भाग में लेकर कपड़छान चूर्ण बना लें. फिर सभी चूर्ण के बराबर मिश्री मिलाकर रख लें. 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन दूध के साथ इसका डेढ़ महीने तक सेवन करें. इससे धातुपुष्ट होकर कामोत्तेजना बढ़ती है.
17. रात को नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण 5 ग्राम की मात्रा में सादे पानी से लें. इससे पेट साफ़ होगा और कामोत्तेजना में कमी आएगी.
18. शतावर, गोखरू, कौंच के बीज, खरेंटी के बीज– सभी का चूर्ण सम मात्रा में लेकर एक साथ मिलाएं, फिर संपूर्ण चूर्ण के बराबर मिश्री का चूर्ण मिलाकर रख लें. इस चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से वीर्य की तरलता दूर होती है और कामोत्तेजना बढ़ती है.
19. 30 ग्राम अखरोट को पीसकर 250 ग्राम दूध में मिलाएं, फिर इसमें एक रत्ती केसर और आवश्यकतानुसार मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह (दिन में एक बार) पीएं. यह वीर्य की तरलता व शीघ्रपतन में अत्यंत लाभप्रद नुस्ख़ा है.
20. शतावर के चूर्ण को दूध में खीर बनाकर अथवा पाक बनाकर सेवन करने से वीर्य गाढ़ा होता है और सेक्सुअल पावर बढ़ता है.
21. वीर्य की तरलता को दूर करने में मूली के बीज अधिक प्रभावकारी हैं. इसके लिए मूली के बीजों का चूर्ण 5 ग्राम लेकर 100 ग्राम दूध की मलाई में मिलाकर नियमित 21 दिनों तक सेवन करें. इससे वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है और यौनशक्ति भी बढ़ती है.
22. दूध में 3-4 छुहारे उबालकर खाएं और ऊपर से वही दूध पी जाएं. यह वीर्य की तरलता में लाभदायक है.
23. सूखे सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाकर प्रतिदिन सुबह सेवन करें और ऊपर से एक ग्लास गुनगुना दूध पीएं. इससे वीर्य की पुष्टि होती है.
24. अश्वगंधा और शतावर को सम मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर रख लें. इसे 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन गर्म मीठे दूध के साथ सेवन करें.
25.5 ग्राम प्याज़ का रस, 2 ग्राम घी और 5 ग्राम शहद मिलाकर नियमित सुबह–शाम सेवन करें और ऊपर से एक ग्लास दूध पीएं. इससे वीर्य का पतलापन दूर होता है, साथ ही वीर्य वृद्धि भी होती है.
No comments:
Post a Comment