पीरियड्स शुरू होते ही लड़कियां यह उम्मीद करनी शुरू हो जाती हैं कि जल्दी ठीक हो जाएं। तीन से पांच दिन पीरियड्स होना सामान्य होती है लेकिन हर बार इससे ज्यादा हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही अगर इन दिनों में ऑफिस या फिर कॉलेज जाना हो तो दर्द के साथ परेशानी और भी बढ़ जाती है।पीरियड्स के दौरान होने वाली असहनीय दर्द की वजह हमारी कुछ गलतियां भी हो सकती हैं। जिन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
1. अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए कुछ महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं। कई बार समय पर गोली खाना भूल जाने पर अगले दिन इकट्ठे दो गोलियों का सेवन करना तेज ब्लीडिंग का कारण बनता है। इससे हॉर्मोंस में असंतुलन पैदा होने लगता है, पीरियड्स में यह उथल-पुथल और भी ज्यादा बढ़ जाती है। जिससे तेज ब्लीडिंग होने लगती है।

2.पेट में दर्द या फिर क्रैम्पस होने पर अक्सर हम लोग लेट जाते हैं। पीरियड्स में होने वाले दर्द से बचने के लिए न तो ज्यादा आराम करना चाहिए और न ही ज्यादा काम। इस समय बाहर जाकर हल्की सैर करने से बहुत आराम मिलता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन जाने से दर्द को आराम मिलता है। घर के अंदर बैठने से दर्द बढ़ने लगता है।

4.रात भर जागना या फिर देरी से सोना भी पीरियड्स की परेशानियों का कारण बनता है। नींद की कमी से शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन बनता है। इसे कोर्सिटोल कहते हैं, इसका असर पिटयूटरी ग्लैंड पर पड़ता है। यह ग्रंथि शरीर में बनने वाले हॉर्मोंस को कंट्रोल करने का काम करती है। अगर इसमें गड़बड़ी आ जाए तो सीधा असर पीरियड्स की मुश्किलें बढ़ा देता है।

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