भले ही लोग गर्मी के मौसम को पसंद ना करते हों, लेकिन गर्मियों का भी अपना ही एक मजा है. मौसम की गर्माहट, साफ आकाश, चेहरे पर पड़ती सूरज की रोशनी, ये सबकुछ एक अलग एहसास देते हैं. लेकिन यही गर्म मौसम आपके इस एहसास को फीका कर सकता है.
वो गर्मी का मौसम ही है, जिसमें मुंहासे आदि होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. मुंहासे होने के कई कारण हो सकते हैं. वंशानुगत समस्या इसकी एक वजह हो सकती है. कभी-कभी हमारी त्वचा पर जमी धूल, तेल और बैक्टीरिया आदि भी मुंहासों का कारण बन सकते हैं.
जिनकी त्वचा तैलीय होती है और जो लोग ज्यादा व्यायाम करते हैं, उन्हें अपनी त्वचा का खास ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि गर्मी और उमस से त्वचा में तेल की मात्रा तो बढ़ती ही है, साथ ही साथ मुहांसे और चकत्ते होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
जैसा कि अक्सर कहा जाता है कि 'इलाज से बेहतर सावधानी है', लिहाज़ा अगर आपका मुंहासों से कभी कोई वास्ता रहा है, तो फिर आपको कुछ टिप्स अपनाने चाहिए और मुंहासों को दूर रखने के कुछ प्राकृतिक उपायों पर गौर करना भी बेहतर विकल्प हो सकता है.
खाने पर ध्यान दें-
आपको ज्यादा ग्लाइसेमिक वाले खाने से परहेज करना चाहिए, जैसे कि डोनट्स, गेहूं की रोटी, सोडा और पके या तले हुए आलू. मीठे तथा स्टार्च उत्पादों को अपने आहार से दूर रखकर आप मुंहासों की रोकथाम कर सकते हैं. साथ ही ऐसा करके आप लंबे समय तक स्वस्थ भी रहेंगे.
आपको ज्यादा ग्लाइसेमिक वाले खाने से परहेज करना चाहिए, जैसे कि डोनट्स, गेहूं की रोटी, सोडा और पके या तले हुए आलू. मीठे तथा स्टार्च उत्पादों को अपने आहार से दूर रखकर आप मुंहासों की रोकथाम कर सकते हैं. साथ ही ऐसा करके आप लंबे समय तक स्वस्थ भी रहेंगे.
तनाव और मुंहासे
महज़ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक तनाव भी मुंहासों का कारण हो सकता है. इसलिए जितना संभव हो, तनाव से बचने का प्रयास करें, फिर चाहे वह कार्यस्थल के चलते होने वाला तनाव हो या फिर व्यक्तिगत जीवन की समस्याओं से उत्पन्न होने वाला तनाव. मुंहासों से दूर रहना है, तो तनाव से भी दूर रहना होगा.
महज़ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक तनाव भी मुंहासों का कारण हो सकता है. इसलिए जितना संभव हो, तनाव से बचने का प्रयास करें, फिर चाहे वह कार्यस्थल के चलते होने वाला तनाव हो या फिर व्यक्तिगत जीवन की समस्याओं से उत्पन्न होने वाला तनाव. मुंहासों से दूर रहना है, तो तनाव से भी दूर रहना होगा.
गलत ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल और मुंहासे
कुछ सौंदर्य प्रसाधन यानि कॉस्मेटिक्स और क्लेंज़िंग उत्पाद भी मुंहासों की एक वजह हो सकते हैं. इसलिए तैलीय तथा ऐसे उत्पादों से बचें, जिनसे त्वचा को नुकसान हो सकता है. साथ ही उन सामग्रियों से भी बचें जिनसे आप को एलर्जी हो. ऐसे उत्पाद आपके त्वचा छिद्रों में रुकावट पैदा करते हैं तथा उसे नुकसान पहुंचाते हैं. परिणामस्वरूप मुंहासे निकल आते हैं.
कुछ सौंदर्य प्रसाधन यानि कॉस्मेटिक्स और क्लेंज़िंग उत्पाद भी मुंहासों की एक वजह हो सकते हैं. इसलिए तैलीय तथा ऐसे उत्पादों से बचें, जिनसे त्वचा को नुकसान हो सकता है. साथ ही उन सामग्रियों से भी बचें जिनसे आप को एलर्जी हो. ऐसे उत्पाद आपके त्वचा छिद्रों में रुकावट पैदा करते हैं तथा उसे नुकसान पहुंचाते हैं. परिणामस्वरूप मुंहासे निकल आते हैं.
पसीना जरूर पोछें
जब आप कड़ी धूप में बाहर निकलते हैं तो आपको पसीना बहुत आता है. आपके पसीने में कई प्रकार के विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन्स) तथा कई गंदगियां भी होती हैं. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा आपके हाथ में पसीने को पोछने के लिए कोई छोटा टॉवेल या रुमाल हो. पसीने से आपकी त्वचा स्वतः ही साफ हो जाती है, लेकिन मुंहासें ना निकले, इसलिए समय-समय पर पसीने को पोछना भी जरूरी है.
जब आप कड़ी धूप में बाहर निकलते हैं तो आपको पसीना बहुत आता है. आपके पसीने में कई प्रकार के विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन्स) तथा कई गंदगियां भी होती हैं. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा आपके हाथ में पसीने को पोछने के लिए कोई छोटा टॉवेल या रुमाल हो. पसीने से आपकी त्वचा स्वतः ही साफ हो जाती है, लेकिन मुंहासें ना निकले, इसलिए समय-समय पर पसीने को पोछना भी जरूरी है.
चेहरे को साफ रखें
समय-समय पर अपने चेहरे को किसी सौम्य क्लेंज़र से धोते रहें. चेहरे पर पानी के छींटों से त्वचा में नई ताज़गी आती है और हाइड्रेशन की वजह से मुंहासे व पिंपल दूर रहते हैं.
समय-समय पर अपने चेहरे को किसी सौम्य क्लेंज़र से धोते रहें. चेहरे पर पानी के छींटों से त्वचा में नई ताज़गी आती है और हाइड्रेशन की वजह से मुंहासे व पिंपल दूर रहते हैं.
अपने भोजन में फलों व सब्ज़ियों को शामिल करें
ज़्यादा से ज़्यादा हरी सब्ज़ियां व फल खाएं. इस तरह का भोजन ना सिर्फ आपकी सेहत का ख्याल रखता है बल्कि ये एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के प्रमुख स्रोत भी हैं, जो मुंहासों के निशान मिटाने में मदद करते हैं और मुंहासों से ग्रस्त त्वचा को ठीक भी करते हैं.
ज़्यादा से ज़्यादा हरी सब्ज़ियां व फल खाएं. इस तरह का भोजन ना सिर्फ आपकी सेहत का ख्याल रखता है बल्कि ये एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के प्रमुख स्रोत भी हैं, जो मुंहासों के निशान मिटाने में मदद करते हैं और मुंहासों से ग्रस्त त्वचा को ठीक भी करते हैं.
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
गर्मियों में ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीने का प्रयास करें. पानी से शरीर के सिस्टम में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन्स) तथा गंदगी खत्म होती है और आपकी त्वचा भी कोमल बनी रहती है. सुस्त व मंद जीवन शैली से बचें -
अपने शरीर को हमेशा एक्टिव रखने का प्रयास करें . योग तथा व्यायाम से त्वचा की रंगत बढ़ती है और मेटाबॉलिज़म भी बढ़िया रहता है.
गर्मियों में ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीने का प्रयास करें. पानी से शरीर के सिस्टम में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन्स) तथा गंदगी खत्म होती है और आपकी त्वचा भी कोमल बनी रहती है. सुस्त व मंद जीवन शैली से बचें -
अपने शरीर को हमेशा एक्टिव रखने का प्रयास करें . योग तथा व्यायाम से त्वचा की रंगत बढ़ती है और मेटाबॉलिज़म भी बढ़िया रहता है.
आरामदायक कपड़े ही पहनें
ढीले कपड़े पहनें ताकि त्वचा को नुकसान ना पहुंचे. गर्मी, घर्षण तथा तंग टोपी आदि से होने वाले दबाव से बचने का प्रयास करें. सिंथेटिक जॉगिंग सूट या योगा आउटफिट की बजाए सूती के कपड़े ही पहनें.
ढीले कपड़े पहनें ताकि त्वचा को नुकसान ना पहुंचे. गर्मी, घर्षण तथा तंग टोपी आदि से होने वाले दबाव से बचने का प्रयास करें. सिंथेटिक जॉगिंग सूट या योगा आउटफिट की बजाए सूती के कपड़े ही पहनें.
व्यायाम के बाद शरीर साफ रखें
व्यायाम के बाद स्नान अवश्य करें, ताकि पसीना साफ हो जाए. जब व्यायाम के बाद आपको पसीना आता है तो आपकी त्वचा पर मृत कोशिकाएं जमा हो जाती हैं. इसलिए जल्द से जल्द इन्हें हटाना ज़रूरी होता है. अगर ये मृत कोशिकाएं त्वचा पर रह जाए तो मुंहासे होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए इससे बचने के लिए आप नहा लीजिए या एक रिफ्रेशिंग शॉवर ले लीजिए.
व्यायाम के बाद स्नान अवश्य करें, ताकि पसीना साफ हो जाए. जब व्यायाम के बाद आपको पसीना आता है तो आपकी त्वचा पर मृत कोशिकाएं जमा हो जाती हैं. इसलिए जल्द से जल्द इन्हें हटाना ज़रूरी होता है. अगर ये मृत कोशिकाएं त्वचा पर रह जाए तो मुंहासे होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए इससे बचने के लिए आप नहा लीजिए या एक रिफ्रेशिंग शॉवर ले लीजिए.
इन नुस्खों से आपको फायदा तो मिलेगा, लेकिन यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि मुंहासे कई प्रकार के होते हैं. साथ ही इस बात का ध्यान भी रखना होगा कि उम्र और स्वास्थ्य कारणों (मधुमेह आदि) की वजह से भी मुंहासे होते हैं. इसलिए आपको ज़्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है. मुंहासे किसी प्रकार के भी हों, होमियोपैथी इसके इलाज का सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
No comments:
Post a Comment