सर्दी का मौसम हो ऐसे में शाम को मूंगफली न खाई जाए ऐसे कैसे हो सकता है। सर्दी के दिनों में शायद ही कोई घर हो जिसमें मूंगफली न आती हो और परिवार समेत इसका मजा न लिया जाता हो। मूंगफली की तासीर गर्म होती है। इसलिए सर्दी से बचाने के काम तो आती ही है। मूंगफली(Peanut) सेहत का खजाना है। साथ ही, यह वनस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत भी हैं। रोज मूंगफली खाने के कई ऐसे फायदे होते हैं, जो खाने वालों को भी नहीं पता होते हैं। ऐसे में अनजाने में ही कुछ ऐसे हेल्दी फायदे मिलने लगते हैं। दूध और अंडे में इसके मुकाबले कम प्रोटीन होता है। मूंगफली को अगर गरीब का बादाम कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
यह आयरन, नियासिन, फोलेट, कैल्शियम और जिंक का अच्छा स्रोत हैं। थोड़े से मूंगफली के दानों में 426 कैलोरीज, 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 17 ग्राम प्रोटीन और 35 ग्राम वसा होती है। इसमें विटामिन ई, के और बी6 भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसे खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में 5.1 फीसदी की कमी आती है। इसके अलावा कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (एलडीएलसी) की मात्रा भी 7.4 फीसदी घटती है।इसमें स्वाद के साथ साथ कई प्रकार के स्वास्थ्य को लाभ पंहुचाने संबंधी गुण भी होते हैं। मूंगफली को कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। इसका तेल भी स्वाद और स्वास्थ्य के लिए बहुत प्रचलित है। साथ ही हाई प्रोटीन का भी काम करती है। इसमें बादाम की तरह विटामिन A भरपूर मात्रा में होता है और इससे आपका बेहतरीन त्वचा और बाल पाने का सपना निश्चित तौर पर हकीकत में बदल सकता है।इसमें पोटेशियम,मैग्नीज, कॉपर, केल्सियम,आयरन, सेलेनियम और ज़िंक जैसे अतिआवश्यक मिनरल्स पाए जाते हैं जो कि शरीर में होने वाले विभिन्न तरह के फंक्शंस के लिए बहुत ज़रुरी हैं। इसमें एक खास गुण यह होता है कि ऐसी महिलाएं जो मूंगफली को एक हफ्ते में कम से कम दो बार खाती हैं, उनके वजन बढ़ने की संभावना कम हो जाती है।
मूंगफली के लाभ-
मूंगफली खाने से दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
मूंगफली के नियमित सेवन से खून की कमी नहीं होने पाती है।
बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने के लिए भी मूंगफली का सेवन किया जाता है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे बारीक रेखाएं और झुर्रियों को बनने से रोकते हैं।
इसमें कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होती है. ऐसे में इसके सेवन से हड्डियां मजबूत बनती हैं।
भुनी हुई मूंगफली एण्टीआक्सिडेंट्स का बहुत अच्छा स्रोत होता है।
बिना नमक वाली मूंगफली में मोनोसैचुरेटेड वसा बहुत अधिक मात्रा में होती है और यह धमनियों के लिए अच्छा होता है।
मूंगफली खाने से खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक रहता है।
मूंगफली में विटामिन ई की मात्रा ज्यादा होती है जिससे कैंसर होने का खतरा कम होता है।
मूंगफली महिलाओं और पुरूषों में हार्मोन्स के विकास के लिए भी अच्छा होता है।
खाने के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूंगफली रोजाना खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, खून की कमी नहीं होती है।
माना जाता है कि रोजाना थोड़ी मात्रा में मूंगफली खाने से महिलाओं और पुरुषों में हार्मोंस का संतुलन बना रहता है।
उर्जा से भरपूर मूंगफली के सेवन से स्नायविक तंतुओं को बहुत ही शक्ति मिलती है। इसमें पाए जाने वाले फास्फोरस मस्तिष्क को बहुत ही लाभ पहुंचाते हैं।
मूंगफली का तेल, गुलाब पानी और कच्चा दूध मिलाकर शरीर पर मलने से त्वचा की शुष्कता या रुखापन नष्ट होती है। शीत ऋतु में बर्फीली हवा से खुरदरी हुई त्वचा कोमल और मुलायम होती है।
शारीरिक में उर्जा और स्फूर्ती मूंगफली के सेवन से विकसित होती है।
बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उन्हें नियमित रूप से मूंगफली खिलानी चाहिए।
जोड़ों के दर्द में मूंगफली के तेल से मालिश करने से हाथ-पैर के जोड़ों का दर्द ठीक होने लगता है।
मूँगफली को रात मे भिगोकर सुबह ब्रेकफास्ट मे खाने से पूरे दिन शरीर को उर्जा मिलती है।
खाना खाने से बाद मूँगफली के दाने खाने से हमारी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
सब्जी, खीर और खिचड़ी मे मूँगफली को डालकर खाने से पेट सॉफ होता है और शरीर को पोशाक तत्व (न्यूट्रियेंट्स) भी मिलते है।
सर्दियो मे मूँगफली खाने से शरीर अंदर से गर्म रहता है. इससे कोल्ड और कॉफ जैसी समस्या से निजात मिलती है।
शिशियो की मातयो को मूँगफली का नियमित सेवन करना चाहिए. इससे मा के दूध मे बाडोट्री होती है शिशु को पूरी मात्रा मे प्रोटीन मिलता है।
मूँगफली का नियमित सेवन करने से प्लेग जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।
यदि आप मूंगफली के लाल छिलकों को उतार कर इसका सेवन करें और इसके बाद पानी न पीएं तो, खांसी कभी हो नही सकती है।
मूंगफली गीली खांसी में बेहद उपयोगी है, क्योंकि इसके रोज खाने से आमाशय और फेफड़ों को मजबूती मिलती है। पाचन शक्ति बढ़ती है और भूख न लगने की समस्या भी दूर होती है। कुल मिलाकर पेट के लिए रामबाण है।
मूंगफली का तेल पेट की बीमारियों को खत्म करता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है। साथ ही, गैस व एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है। पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए मूंगफली जरूर खानी चाहिए, क्योंकि पेट साफ करने में ये कारगर है।
मूंगफली के कुछ दाने सप्ताह में पांच दिन खाने से दिल की बीमारियां होने का खतरा कम रहता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में 5.1 फीसदी की कमी आती है। इसके अलावा कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी 7.4 फीसदी घटती है।
खाने के बाद मूंगफली रोजाना खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, खून की कमी नहीं होती है। इसमें प्रोटीन, लाभदायक वसा, फाइबर, खनिज, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए इसके सेवन से स्किन उम्र भर जवां दिखाई देती है।
खाने के बाद मूंगफली रोजाना खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, खून की कमी नहीं होती है। इसमें प्रोटीन, लाभदायक वसा, फाइबर, खनिज, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए इसके सेवन से स्किन उम्र भर जवां दिखाई देती है।
मूंगफली में ओमेगा-6 फैट भी भरपूर मात्रा में मिलता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं और अच्छी त्वचा के लिए जिम्मेदार है। इसलिए मूंगफली स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होती है।
कैंसर से बचाव – महिलाओं में ज़्यादातर होने वाले कोलन कैंसर को भी मूँगफली खा कर दूर किया जा सकता हैं। हफ्ते में दो बार मूँगफली से बने बटर का इस्तेमाल कर महिलाओं में 58% और पुरुषो में 27% कोलन कैंसर की संभावना को कम किया जा सकता हैं।
प्रोटीन का ख़ज़ाना सेल्स के बनाने में प्रोटीन की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती हैं। प्रोटीन नये सेल्स के बनाने और पुराने सेल्स को ठीक करने का काम करता हैं। मूँगफली में प्रोटीन की सबसे ज़्यादा मात्रा पाई जाती हैं। इसलिए रोजाना कुछ मात्रा में मूँगफली का सेवन करना बच्चों के साथ साथ बडो के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता हैं। शाकाहारी भी मूँगफली खा कर अपने शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकते है।
मूंगफली खाने के नुकसान:
सेन्सिटिव स्किन के लिए भी मूँगफली बहुत की घातक होती हैं। मूँह में खुजली, चेहरे और गले में सूजन आदि इसके एलर्जी के ही रिज़ल्ट हैं। और तो और कई बार साँस लेने में परेशानी, अस्थमा अटैक भी हो सकता हैं। इसलिए जैसे ही किसी एलर्जी का आभास हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे और इसके ठीक होने तक किसी भी ड्राइ फ्रूट का सेवन ना करे। मूँगफली के दानो को खाने के बाद कभी भी तुरंत पानी ना पिए। ऐसा करने से खाँसी की समस्या हो सकती है। ध्यान रखें ज्यादा मात्रा में मूंगफली आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। नमक या तली मूंगफली दिल व बीपी के मरीजों को नहीं खानी चाहिए।
सेन्सिटिव स्किन के लिए भी मूँगफली बहुत की घातक होती हैं। मूँह में खुजली, चेहरे और गले में सूजन आदि इसके एलर्जी के ही रिज़ल्ट हैं। और तो और कई बार साँस लेने में परेशानी, अस्थमा अटैक भी हो सकता हैं। इसलिए जैसे ही किसी एलर्जी का आभास हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे और इसके ठीक होने तक किसी भी ड्राइ फ्रूट का सेवन ना करे। मूँगफली के दानो को खाने के बाद कभी भी तुरंत पानी ना पिए। ऐसा करने से खाँसी की समस्या हो सकती है। ध्यान रखें ज्यादा मात्रा में मूंगफली आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। नमक या तली मूंगफली दिल व बीपी के मरीजों को नहीं खानी चाहिए।
बहुत अधिक मूंगफली खाने से शरीर में पित्त की मात्रा अधिक हो जाती है
अगर किसी को एलर्जी है तो उस व्यकित को मूँगफली नहीं खानी चाहिए। यूं तो मूँगफली का तासिर गर्म होता है लेकिन पेट में गैस की समस्या को बढ़ा सकता है।
सबसे खास बात कि कभी भी मूँगफली पर लगी लाल झिल्ली को गलती नहीं खाना चाहिए।
डॉक्टरों की माने तो ये छिल्ली आंतों में फंस कर नुकसान पहुंचा सकता हैं।
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