नारी सशक्तीकरण यानी प्रत्येक महिला को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और कानूनी तौर पर मजबूत बनाने की पहल. लेकिन इन सभी में हम नजरअंदाज करते हैं महिला के स्वास्थ्य को, जो बेहद जरूरी है. महिलाएं खुद भी अपनी सेहत को गंभीरता से नहीं लेतीं.‘‘यदि पीरियड्स के दौरान आप के पेट, पीठ या फिर शरीर के किसी भी भाग में दर्द की शिकायत हो, तो यह एक असामान्य बात है. आदर्श स्थिति में तो पीरियड्स में दर्द की शिकायत होनी ही नहीं चाहिए,’’ ऐसा मानना है सैलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर का, जो बौलीवुड सितारों की फिटनैस ट्रेनर के रूप में जानी जाती हैं.
महिलाओं के स्वास्थ्य पर बात करते हुए रुजुता दिवेकर ने बताया कि महिलाएं इन तरीकों से अपनी सेहत का खयाल रख सकती हैं:
– अच्छा खाना सेहत के लिए बेहद जरूरी है इसलिए महिलाएं अपनी दादीनानी के जमाने के व्यंजनों को अपनी थाली में जगह दें
– अपनी पसंद का खाना खाएं, क्योंकि जब आप पूरे मन से खाना खाएंगी, तो वह आप के तनमन के लिए सकारात्मक रूप से अच्छा साबित होगा.
– घर का बना घी खाना बेहद जरूरी है. अत: रोजाना 3 से 5 चम्मच घी खाएं.
– मौसमी सब्जियों और फलों को अपने खाने में जरूर जगह दें.
– रसोईघर में मौजूद मसालों का खाने में इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित होगा.
– कभी खाना कैलोरी नाप कर न खाएं, बल्कि भूख के अनुसार आहार लें. ओवरईटिंग से बचें, लेकिन भूख को मार कर कभी आप को फिटनैस नहीं मिलेगी.
– खाना खाते समय टीवी, फोन, लैपटौप इत्यादि से दूर रहें.
– यदि आप वर्किंग वूमन हैं, तो आप को एक नियंत्रित और संतुलित आहार की जरूरत है. इसलिए सीजन के अनुसार अपने खाने में बदलाव लाएं.
– कामकाजी महिलाएं हर 2-3 घंटे के अंतराल पर कुछ न कुछ खाती रहें. खासतौर पर शाम 4 से 6 बजे के बीच की भूख न मारें. इस वक्त चाय के बजाय पेट भरने वाले फल जैसे केला, पपीता इत्यादि या फिर सब्जीरोटी, उपमा, पोहा जैसा हलका नाश्ता जरूर कर लें. लेकिन तले और चटपटे जंक फूड से दूर रहें.
फिट रह कर नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलें
मुंबई की रुचि चक्रबर्ती की शादी को 10 साल से अधिक समय हो चुका है और उन का 9 साल का एक बेटा भी है. अपने परिवार और बच्चे में उलझे रहने के बाद भी वे रोजाना वर्कआउट के लिए समय निकालती हैं. इस के अलावा वे नियंत्रित और संतुलित डाइट लेती हैं, जिस की वजह से आज वे बेहद खूबसूरत दिखाई देती हैं.
रुचि के मुताबिक हर महिला अपनी पसंद का वह काम करे जो उसे भावनात्मक रूप से संतुष्टि दे. लेकिन इस सब के लिए टाइम मैनेजमैंट बेहद जरूरी है. तभी आप काम करने के साथसाथ अपनी सेहत पर भी ध्यान दे सकेंगी.
रुचि बताती हैं कि परिवार की देखभाल करते हुए महिलाओं को शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त होने की जरूरत पड़ती है. अत: रोजाना व्यायाम करने से आप अपने नकारात्मक विचारों को सकारात्मक रूप से सुलझा सकती हैं.
मासिकधर्म के समय सावधानियां
– पीरियड्स के दौरान शरीर में कहीं भी दर्द रहना असामान्य बात है और यह दर्द इसलिए रहता है कि आप के शरीर में कैल्सियम की कमी होती है. यदि आप को भी दर्द की शिकायत रहती है तो डाक्टर की सलाह पर कैल्सियम और विटामिन बी युक्त सप्लिमैंट लें.
– रोज व्यायाम करने से भी इन तकलीफों से आराम पाया जा सकता है.
– इन दिनों हलकाफुलका खाना ही खाएं. ज्यादा हैवी खाना पचाने में शरीर को तकलीफ होती है. पीरियड्स के दौरान शरीर को अंदरूनी रूप से आराम की जरूरत होती है.
युवतियां करें ये काम
युवतियां अकसर अपना वजन कम करने में इतनी मग्न हो जाती हैं कि वे अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं. अत: वजन कम करने से ज्यादा सेहत बनाने और स्वस्थ रहने पर ध्यान दें.
रोज व्यायाम करें. यदि कम उम्र से ही आप रोज व्यायाम करेंगी, तो आप को बढ़ती उम्र की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. यदि आप नाइट पार्टियों का शौक रखती हैं, तो उन्हें सप्ताह में 1 बार तक ही सीमित रखें. बाकी दिनों में समय पर सोने की आदत डालें.
जाती हैं जिम तो आहार हो ऐसा
– अगर आप रोज जिम करती हैं, तो जिम जाने से 15 से 20 मिनट पहले फल खाएं. इस से शरीर में ताकत बनी रहेगी और डीहाइड्रेशन की शिकायत नहीं होगी.
– जिम से आने के बाद बनाना शेक पीएं. इस से ताकत बनी रहेगी.
– जिम करने के 1 घंटे बाद संपूर्ण भोजन करें, जिस में दाल, रोटी और सब्जी शामिल हो.
महिलाएं परिवार के स्वास्थ्य की धुरी होती हैं इसलिए यह बेहद जरूरी है कि वे अपनी सेहत को नजरअंदाज कतई न करें.
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