कपूर दो प्रकार का होता है, एक, प्राकृतिक जो कपूर के पेड़ से निकाला जाता है और जिसे खाया जा सकता है और दूसरा, कृत्रिम जो पूरी तरह रसायनों के इस्तेमाल से बना है और इसका इस्तेमाल हीलिंग प्रॉपर्टीज के रूप में होता है। बाजार में आम तौर पर कृत्रिम कपूर उपलब्ध होता है। और इसी काम में लाया जाता है. कपूर ख़ुशबूदार व ज्वलनशील है, इसलिए पूजा-हवन के दौरान वातावरण की शुद्धता के लिए इसका उपयोग करते हैं. इसके कई चिकित्सीय लाभ भी हैं, इसी कारण आयुर्वेदिक उपचारों में भी इसका इस्तेमाल होता है.
* कपूर जलाने से मक्खियां-मच्छर भाग जाते हैं.
* हैजा होने पर कपूर का अर्क लेने से लाभ होता है.
* काली खांसी होने पर कपूर की धूनी सूंघने से लाभ होता है. पुरानी खांसी में कपूर व मुलहठी को मुंह में रखकर चूसने से राहत मिलती है.
* पेटदर्द या गैस व जलन होने पर कपूर, अजवायन व पुदीने को शर्बत में मिलाकर पीने से आराम मिलता है.
* बिच्छू काटने पर कपूर को सिरके में पीसकर दंश पर लगाने से बिच्छू का विष उतर जाता है.
*10 ग्राम कपूर, 10 ग्राम स़फेद कत्था, 5 ग्राम मटिया सिंदूर- तीनों को एक साथ मिलाकर 100 ग्राम घी के साथ कांसे की थाली में हाथ की हथेली से ख़ूब मलकर ठंडे पानी से धोकर रख लें. इसे घाव, गर्मी के छाले, खुजली और सड़े हुए घाव पर लगाने से शीघ्र लाभ होता है.
* बवासीर की समस्या में केले में चने बराबर प्राकृतिक कपूर रखकर खाने से लाभ होता है.
* दांत में हुए गड्ढे यानी कैविटी में कपूर रखने से दांत का दर्द कम हो जाता है.
* 1-1 टीस्पून कपूर और हींग पीसकर गोली बनाकर दमे (अस्थमा) के मरीज़ को दौरे के समय 2-2 घंटे पर देने से दमा का दौरा रुक जाता है.े से लाभ होता है.
* ज्यादा तंबाकू खाने या ग़लती से तंबाकूवाला पान खा लेने पर चक्कर आता है, ऐसी स्थिति में जी मिचलाता हो, तो कपूर की एक छोटी डली खाने से तुरंत आराम मिलता है.
* बाल टूट व गिर रहे हों या फिर बालों में रूसी हो, तो नारियल के तेल में कपूर का तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है.
* खुजली होने पर कपूर को चमेली के तेल में मिलाकर उसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर शरीर पर मलने से खुजली तुरंत मिट जाती है.
* तनाव, सिरदर्द, डिप्रेशन आदि में सिर पर कपूर के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है, क्योंकि कपूर की ख़ुशबू मस्तिष्क की नसों को आराम पहुंचाती है.
* दिल की कमज़ोरी की वजह से घबराहट होने पर थोड़ा-सा कपूर खाएं, इससे नाड़ी की गति बढ़ जाती है और घबराहट मिट जाती है.
* नकसीर फूटने या नाक से ख़ून निकलने पर गुलाबजल में कपूर पीसकर नाक में टपकाने से नाक से ख़ून गिरना बंद हो जाता है.
* नाक बंद होने की स्थिति में कपूर की पोटली सूंघने से नाक खुल जाएगी.
* गद्दों व तकियों में कपूर रख देने से खटमल भाग जाते हैं.
* चेचक व खसरे के दाने सूख जाने पर नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से ठंडक मिलती है और खुजलाहट भी दूर होती है.
* पैर की फटी एड़ियों की समस्या होने पर गरम पानी में कपूर मिलाकर उसमें कुछ देर पैर डुबोकर रखें.
* कपूर और अफीम को राई के तेल में मिलाकर मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है.
* न्यूमोनिया हो जाने पर तारपीन के तेल में कपूर मिलाकर मरीज़ की छाती पर मलने से शीघ्र आराम मिलता है.
* चेहरे की डेड स्किन को दूर करने के लिए थोड़े-से दूध में कपूर पाउडर मिलाकर रूई से चेहरे पर लगाएं. थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें.
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