पानी पीना अच्छी आदत है। स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। आयुर्वेद में कहा गया है सुबह के समय तांबे के पात्र का पानी पीना विशेष रूप से लाभदायक होता है। इस पानी को पीने से शरीर के कई रोग बिना दवा ही ठीक हो जाते हैं।माना जाता है कि अगर आपने इसमें पानी ठीक तरीके से भरकर नहीं रखा तो इससे आपको ज्यादा लाभ नही मिलेगा। तांबे के बर्तन का पानी पीने से आपको पेट संबधी कई समस्याओं से निजात मिल सकता है। स्किन से हर अशुद्धि को हटा देता है।
3. नींबू
लेमन जूस में मौजूद एसिड तांबे के साथ मिलकर रिएक्ट करते हैं जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। इसकी वजह से लोगों में गैस बनना, पेट में दर्द जैसी समस्या होती है। इसलिए इसका तांबे के बर्तन में रखकर सेवन करना किसी जहर से कम नहीं है।
4.सिट्रिक फूड
किसी भी तरह की खट्टी चीजों को तांबे के बर्तन में रखने से बचना चाहिए। तांबे के बर्तन में रखने के बाद इन चीजों को खाने से कमजोरी और आलस आने लगता है। साथ ही अगर आप लंबे समय तक तांबे में रखी चीजें खाते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। इस कारण चक्कर और बेहोशी आने लगती हैं।
अगर आप चाहते है कि तांबे के बर्तन का पानी का आपको पूर्ण लाभ मिले। इसे कभी भी भरकर जमीन पर न रखें। इसे किसी चीज में या फिर किसी लकड़ी की टेबल में करके रखें।ताबें के बर्तन को जमीन में न रखने का सबसे बड़ा कारण है। कि इसे ऐसे रखने से पानी में तांबे के गुणों का पूर्ण अवशोषण न होकर गुरूत्वाकर्षण के कारण जमीन में होता है। जिससे हमें इसके गुणों का सही लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए हमेशा इसे रखने का तरीका सही होना चाहिए। साथ ही, इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। रात को इस तरह तांबे के बर्तन में संग्रहित पानी को ताम्रजल के नाम से जाना जाता है।
ये ध्यान रखने वाली बात है कि तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है। जिन लोगों को कफ की समस्या ज्यादा रहती है, उन्हें इस पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि तांबे के बर्तन का पानी पीने के बहुत सारे फायदे हैं।
1.हमेशा दिखेंगे जवान
कहते हैं, जो पानी ज्यादा पीता है उसकी स्किन पर अधिक उम्र में भी झुर्रियां दिखाई नहीं देती हैं। ये बात एकदम सही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में जल को रखकर पिएं तो इससे त्वचा का ढीलापन आदि दूर हो जाता है। डेड स्किन भी निकल जाती है और चेहरा हमेशा चमकता हुआ दिखाई देता है।
कहते हैं, जो पानी ज्यादा पीता है उसकी स्किन पर अधिक उम्र में भी झुर्रियां दिखाई नहीं देती हैं। ये बात एकदम सही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में जल को रखकर पिएं तो इससे त्वचा का ढीलापन आदि दूर हो जाता है। डेड स्किन भी निकल जाती है और चेहरा हमेशा चमकता हुआ दिखाई देता है।
2. थायराइड को करता है नियंत्रित
थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
3. गठिया में होता है फायदेमंद
आजकल कई लोगों को कम उम्र में ही गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या सताने लगती हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो रोज तांबे के पात्र का पानी पिएं। गठिया की शिकायत होने पर तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीने से लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में ऐसे गुण आ जाते हैं, जिनसे बॉडी में यूरिक एसिड कम हो जाता है और गठिया व जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
आजकल कई लोगों को कम उम्र में ही गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या सताने लगती हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो रोज तांबे के पात्र का पानी पिएं। गठिया की शिकायत होने पर तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीने से लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में ऐसे गुण आ जाते हैं, जिनसे बॉडी में यूरिक एसिड कम हो जाता है और गठिया व जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
4. स्किन को बनाए स्वस्थ-
अधिकतर लोग हेल्दी स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। वो मानते हैं कि अच्छे कॉस्मेटिक्स यूज करने से त्वचा सुंदर हो जाती है, लेकिन ये सच नहीं है। स्किन पर सबसे अधिक प्रभाव आपकी दिनचर्या और खानपान का पड़ता है। इसलिए अगर आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखें और सुबह उस पानी को पी लें। नियमित रूप से इस नुस्खे को अपनाने से स्किन ग्लोइंग और स्वस्थ लगने लगेगी।
5. दिल को बनाए हेल्दी
तनाव आजकल सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। इसलिए दिल के रोग और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ भी ये परेशानी है तो तो तांबे के जग में रात को पानी रख दें। सुबह उठकर इसे पी लें। तांबे के बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
तनाव आजकल सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। इसलिए दिल के रोग और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ भी ये परेशानी है तो तो तांबे के जग में रात को पानी रख दें। सुबह उठकर इसे पी लें। तांबे के बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
6. खून की कमी करता है दूर
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एनीमिया या खून की कमी एक ऐसी समस्या है जिससे 30 की उम्र से अधिक की कई भारतीय महिलाएं परेशान हैं। कॉपर के बारे में यह तथ्य सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है कि यह शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से खून की कमी या विकार दूर हो जाते हैं।
7. कैंसर से लड़ने में सहायक
कैंसर होने पर हमेशा तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीना चाहिए। इससे लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करता है। इस प्रकार के जल में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो इस रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कॉपर कई तरीके से कैंसर मरीज की हेल्प करता है। यह धातु लाभकारी होती है।
कैंसर होने पर हमेशा तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीना चाहिए। इससे लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करता है। इस प्रकार के जल में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो इस रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कॉपर कई तरीके से कैंसर मरीज की हेल्प करता है। यह धातु लाभकारी होती है।
8. सूक्ष्मजीवों को खत्म करता है
तांबे की प्रकृति में ऑलीगोडायनेमिक के रूप में ( बैक्टीरिया पर धातुओं की स्टरलाइज प्रभाव ) माना जाता है। इसीलिए इसके बर्तन में रखे पानी के सेवन से हानिकारक बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है। इसमें रखे पानी को पीने से डायरिया, दस्त और पीलिया जैसे रोगों के कीटाणु भी मर जाते हैं, लेकिन पानी साफ और स्वच्छ होना चाहिए।
तांबे की प्रकृति में ऑलीगोडायनेमिक के रूप में ( बैक्टीरिया पर धातुओं की स्टरलाइज प्रभाव ) माना जाता है। इसीलिए इसके बर्तन में रखे पानी के सेवन से हानिकारक बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है। इसमें रखे पानी को पीने से डायरिया, दस्त और पीलिया जैसे रोगों के कीटाणु भी मर जाते हैं, लेकिन पानी साफ और स्वच्छ होना चाहिए।
9. वजन घटाने में मदद करता है
कम उम्र में वजन बढ़ना आजकल एक कॉमन प्रॉब्लम है। अगर कोई भी व्यक्ति वजन घटाना चाहता है तो एक्सरसाइज के साथ ही उसे तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए। इस पानी को पीने से बॉडी का एक्स्ट्रा फैट कम हो जाता है। शरीर में कोई कमी या कमजोरी भी नहीं आती है।
कम उम्र में वजन बढ़ना आजकल एक कॉमन प्रॉब्लम है। अगर कोई भी व्यक्ति वजन घटाना चाहता है तो एक्सरसाइज के साथ ही उसे तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए। इस पानी को पीने से बॉडी का एक्स्ट्रा फैट कम हो जाता है। शरीर में कोई कमी या कमजोरी भी नहीं आती है।
10. पाचन क्रिया को ठीक करता है
एसिडिटी या गैस या पेट की कोई दूसरी समस्या होने पर तांबे के बर्तन का पानी अमृत की तरह काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे रखा हुआ जल पिएं। इससे राहत मिलेगी और पाचन की समस्याएं भी दूर होंगी।
एसिडिटी या गैस या पेट की कोई दूसरी समस्या होने पर तांबे के बर्तन का पानी अमृत की तरह काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे रखा हुआ जल पिएं। इससे राहत मिलेगी और पाचन की समस्याएं भी दूर होंगी।
तांबे के बर्तन में पानी के फायदे बहुत है पर कुछ ऐसी चीज है जो तांबे के बर्तन में रखने से बचना चाहिए नहीं तो वे जहर बन सकती हैं।वो कौन सी चीजें हैं :-
1. दही
यदि दही को तांबे के बर्तन में रखा जाए तो इससे मिलने वाले फायदे होने की जगह उल्टा होता है।दही में मौजूद पोषक तत्व तांबे के साथ रिएक्ट करते हैं जिस वजह से लोगों को फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है। इसलिए भूलकर भी दही को कभी भी तांबे के बर्तन में नहीं जमाना चाहिए।
यदि दही को तांबे के बर्तन में रखा जाए तो इससे मिलने वाले फायदे होने की जगह उल्टा होता है।दही में मौजूद पोषक तत्व तांबे के साथ रिएक्ट करते हैं जिस वजह से लोगों को फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है। इसलिए भूलकर भी दही को कभी भी तांबे के बर्तन में नहीं जमाना चाहिए।
2. अचार
अचार को खासकर तांबे के बर्तन में रखने से बचना चाहिए। दरअसल, अचार में खट्टापन होने की वजह से यह तांबे के बर्तन में खराब हो जाता है। सिरके वाला अचार भी नहीं रखना चाहिए क्योंकि सिरका मेटल के साथ मिलकर प्रतिक्रिया करने लगता है जिस वजह से कॉपर पॉइजनिंग हो सकती है।
अचार को खासकर तांबे के बर्तन में रखने से बचना चाहिए। दरअसल, अचार में खट्टापन होने की वजह से यह तांबे के बर्तन में खराब हो जाता है। सिरके वाला अचार भी नहीं रखना चाहिए क्योंकि सिरका मेटल के साथ मिलकर प्रतिक्रिया करने लगता है जिस वजह से कॉपर पॉइजनिंग हो सकती है।
3. नींबू
लेमन जूस में मौजूद एसिड तांबे के साथ मिलकर रिएक्ट करते हैं जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। इसकी वजह से लोगों में गैस बनना, पेट में दर्द जैसी समस्या होती है। इसलिए इसका तांबे के बर्तन में रखकर सेवन करना किसी जहर से कम नहीं है।
4.सिट्रिक फूड
किसी भी तरह की खट्टी चीजों को तांबे के बर्तन में रखने से बचना चाहिए। तांबे के बर्तन में रखने के बाद इन चीजों को खाने से कमजोरी और आलस आने लगता है। साथ ही अगर आप लंबे समय तक तांबे में रखी चीजें खाते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। इस कारण चक्कर और बेहोशी आने लगती हैं।
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