उड़द वीर्य वर्द्धक, हृदय को हितकारी है। यह वात, अर्श का नाश करती है। यह स्निग्ध, विपाक में मधुर, बलवर्द्धक और रुचिकारी होती है। उड़द की दाल अन्य प्रकार की दालों में अधिक बल देने वाली व पोषक होती है। धुली हुई दाल प्रायः पेट में आफरा कर देती है। छिलकों वाली दाल में यह दुर्गुण नहीं होता। गरम मसालों सहित छिलके वाली दाल ज्यादा गुणकारी होती है।उड़द दाल सफेद और काली होती है और यह साउथ एशिया में सबसे ज्यादा पैदा होती है। उड़द की दाल एक अत्यंत बलवर्द्धक, पौष्टिक व सभी दालों में पोषक होती है। इसकी छिलके वाली दाल ज्यादा पौष्टिक होती है। कमजोर पाचन वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। उड़द का प्रयोग तमाम व्यंजन बनाने के काम आता है जैसे, डोसा, पापड़, वड़ा, लड्डू और दाल आदि। जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, मांस, मज्जा की वृद्धि होती है। उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन बी थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन, विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, घुलनशील रेशा और स्टार्च पाया जाता है।
चेहरे पर झाइयां और मुंहासों के दाग को उड़द दाल के फेस पैक से साफ किया जाता है। इससे चेहरे में निखार आता है और चेहरा चमकदार बन जाता है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने के अलावा भी काली उड़द स्वास्थ्य वर्धक होती है। यह मैगनीशियम और फोलेट लेवल को बढा कर धमनियों को ब्लॉक होने से बचाती है। मैगनीशियम, दिल का स्वास्थ्य बढाती है क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन को बढावा देती है।
बहुत लोगों का शरीर कमजोर व दुबला होता है। जिसकी वजह से अन्य लोग उन्हें वे दुबले पतला कहकर चिढ़ाते हैं। एैसे में आप अपनी डायट में रोज उड़द की दाल को शामिल कर लें। इसे खाने से आपका वजन भी बढ़ेगा साथ ही शरीर की कमजोरी भी दूर होगी।
यह उन महिलाओं के लिये उपयुक्त है जिन्हें भारी महावारी होती है, क्योंकि उनके अंदर आयरन की कमी हो जाती है। इसमें रेड मीट के मुकाबले कई गुना आयरन होता है और न हाई कैलोरी होती है और न ही फैट होता है।
बहुत दर्द होता है जब शरीर पर किसी भी तरह का घाव या फिर फोड़े हो जाते हैं। एैसे में आप उड़द की दाल को पीसकर उसके आटे को किसी कपड़े में रखकर उसे घाव व फोड़े पर बांध लें। ये उपाय आप कम से कम दो बार जरूर करें। आपको इस समस्या से निजात मिल जाएगा।
हर दाल में भारी प्रोटीन होता है। वे लोग जो पैसे की कमी की वजह से मीट मछली नहीं खा पाते उनके लिये यह एक सस्ता आहार माना जाता है। शरीर के पूरे विकास और मासपेशियों की मजबूती के लिये प्रोटीन बहुत जरुरी है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
जिन लोगों को गंजेपन की शिकायत हो रही हो या फिर बाल कमजोर हों वे उड़द की दाल का प्रयोग इस तरह से करें।
आप उड़द दाल को लें और फिर इसे एक बर्तन में रख लें। और इसे उबाल लें। इसके बाद आप इस दाल को छानकर इसका पेस्ट बना लें। और रात में सोने से पहले इसका लेप सिर के उस हिस्से पर लगाएं जहां पर बाल ना हों। इस उपाय को आप कुछ सप्ताह तक नियमित करें। इससे बाल वापस आने लगेगें।
जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, मांस, मज्जा की वृद्धि होती है। इसमें बहुत सारे घुलनशील रेशे होते हैं जो कि पचने में आसान होते हैं।
अगर काली उड़द को पानी में 6 से 7 घंटे के लिये भिगो कर उसे घी में फ्राई कर के शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए तो पुरुष की यौन शक्ति बढती है तथा सभी विकार दूर होते हैं।
चेहरे को फिर से जंवा और सुंदर बनाती है ये दाल। यदि चेहरे पर किसी भी तरह के काले धब्बे, मुंहासे हो गए हों तो आप बिना छिलके की उड़द दाल को कच्चे दूध के साथ भिगों लीजिए। ये काम आप रात में करें। अगली सुबह आप इस दाल को पीस लें और फिर इसमें बराबर मात्रा में नींबू और शहद को भी मिला लें। और पेस्ट तैयार कर लें। और इसे अपने चेहरे पर लगा लें। और तकरीबन आधे घंटे के लिए इसे सूखने दें, इसके बाद आप अपने चेहरे को पानी से धो लें। कुछ ही दिनों में आपकी त्वचा में निखार और कोमलता आएगी।
चेहरे पर झाइयां और मुंहासों के दाग को उड़द दाल के फेस पैक से साफ किया जाता है। इससे चेहरे में निखार आता है और चेहरा चमकदार बन जाता है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने के अलावा भी काली उड़द स्वास्थ्य वर्धक होती है। यह मैगनीशियम और फोलेट लेवल को बढा कर धमनियों को ब्लॉक होने से बचाती है। मैगनीशियम, दिल का स्वास्थ्य बढाती है क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन को बढावा देती है।
बहुत लोगों का शरीर कमजोर व दुबला होता है। जिसकी वजह से अन्य लोग उन्हें वे दुबले पतला कहकर चिढ़ाते हैं। एैसे में आप अपनी डायट में रोज उड़द की दाल को शामिल कर लें। इसे खाने से आपका वजन भी बढ़ेगा साथ ही शरीर की कमजोरी भी दूर होगी।
यह उन महिलाओं के लिये उपयुक्त है जिन्हें भारी महावारी होती है, क्योंकि उनके अंदर आयरन की कमी हो जाती है। इसमें रेड मीट के मुकाबले कई गुना आयरन होता है और न हाई कैलोरी होती है और न ही फैट होता है।
बहुत दर्द होता है जब शरीर पर किसी भी तरह का घाव या फिर फोड़े हो जाते हैं। एैसे में आप उड़द की दाल को पीसकर उसके आटे को किसी कपड़े में रखकर उसे घाव व फोड़े पर बांध लें। ये उपाय आप कम से कम दो बार जरूर करें। आपको इस समस्या से निजात मिल जाएगा।
हर दाल में भारी प्रोटीन होता है। वे लोग जो पैसे की कमी की वजह से मीट मछली नहीं खा पाते उनके लिये यह एक सस्ता आहार माना जाता है। शरीर के पूरे विकास और मासपेशियों की मजबूती के लिये प्रोटीन बहुत जरुरी है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
जिन लोगों को गंजेपन की शिकायत हो रही हो या फिर बाल कमजोर हों वे उड़द की दाल का प्रयोग इस तरह से करें।
आप उड़द दाल को लें और फिर इसे एक बर्तन में रख लें। और इसे उबाल लें। इसके बाद आप इस दाल को छानकर इसका पेस्ट बना लें। और रात में सोने से पहले इसका लेप सिर के उस हिस्से पर लगाएं जहां पर बाल ना हों। इस उपाय को आप कुछ सप्ताह तक नियमित करें। इससे बाल वापस आने लगेगें।
जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, मांस, मज्जा की वृद्धि होती है। इसमें बहुत सारे घुलनशील रेशे होते हैं जो कि पचने में आसान होते हैं।
अगर काली उड़द को पानी में 6 से 7 घंटे के लिये भिगो कर उसे घी में फ्राई कर के शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए तो पुरुष की यौन शक्ति बढती है तथा सभी विकार दूर होते हैं।
चेहरे को फिर से जंवा और सुंदर बनाती है ये दाल। यदि चेहरे पर किसी भी तरह के काले धब्बे, मुंहासे हो गए हों तो आप बिना छिलके की उड़द दाल को कच्चे दूध के साथ भिगों लीजिए। ये काम आप रात में करें। अगली सुबह आप इस दाल को पीस लें और फिर इसमें बराबर मात्रा में नींबू और शहद को भी मिला लें। और पेस्ट तैयार कर लें। और इसे अपने चेहरे पर लगा लें। और तकरीबन आधे घंटे के लिए इसे सूखने दें, इसके बाद आप अपने चेहरे को पानी से धो लें। कुछ ही दिनों में आपकी त्वचा में निखार और कोमलता आएगी।
No comments:
Post a Comment