ऐसे कई मौके आते हैं जब मैरिड कपल रोज़मर्रा की जरूरतों में इतना व्यस्त हो जाते हैं की बीच सम्बन्ध बनाने की चाहत काम होने लगती है। लेकिन प्यार और रिश्ते की नीव को मजबूत बनाये रखने के लिए जरूरी है की उसे सेक्स की खुराक भी मिलती रहे. अगर आप भी अपनी कुछ ऐसा महसूस कर रही हैं, तो हिचकिचाए और बिना पार्टनर का वेट किये खुद पहल करें।
1 .पहले तो अपने अंदर की हिचकिचाहट या शर्म को निकालें तथा अपने साथी को अपना समझते हुए हक के साथ खुद को उन्हें सौंपें।
2. उनके हाथों को लेकर अपने शरीर के उन अंगों के पास रखें जहां हाथ लगाना या फेरना उन्हें अच्छा लगता है।
3. चूमने की क्रिया को अपनाएं, फिर वह कानों का निचला भाग होया फिर होंठ, गले एवं गालों का।
4. हाथों की उगंलियों को पहले अपने हाथों की उंगलियों से पकड़े, फिर उन्हें धीरे-धीरे सहलाते हुए अपने होंठों पर फेरते हुए धीरे-धीरे चूसें तथा अंदर-बाहर करें।
5. बहुत ही कम स्त्रियां या स्वयं पुरूष जानते हैं कि यदि पुरूषों के निप्पल पर उगंलियां फेरी जाए या हल्की उंगलियों से उन्हें मसला या रगड़ा जाए तो उत्तेजना पैदा होती है।
6. विशेषज्ञों के शोध एवं आंकड़ों के हिसाब से पुरूषों में जो सोच या क्रिया उन्हें सबसे ज्यादा उत्तेजित या पुनः उत्तेजित करती है वह है ‘मुख मैथुन’। यानी ओरल सेक्स, जिसमें स्त्री अपने साथी का लिंग अपने मुंह में न केवल लेती है बल्कि उसको चूसती भी है। इस क्रिया को बस करने की देरी होती है कि लिंग में तनाव स्वतः आने लगता है, जिससे पता चलता है कि आपका साथी उत्तेजित हो रहा है।
7. स्त्री सेक्स की पहल नहीं करती या कर सकती तथा स्त्री सेक्स के दौरान पुरूष के उपर नहीं हो सकती, इस सोच को त्यागें। खासतौर पर जब बात दूसरी बार की हो, इसलिए यह न भूलें कि इस बार पहल आपको ही करनी पड़ती है साथ ही साथ यदि इसके लिए आपको उनके उपर भी आना पड़े तो हिचकिचाएं नहीं। जिस तरह पुरूष अपने मूड एवं जरूरत के अनुसार स्त्री को मनाता, फुसलाता व पहल करता है उसी तरह यह न भूलें कि यही भूमिका अब आपको निभानी है।
8. पुनः मूड बनाने के लिए अश्लील बातें या जोक आदि का भी सहारा ले सकती हैं या किसी फिल्म के रोमांटिक या सेक्सी सीन का जिक्र छेड़कर भी मूड बना सकती हैं। और अच्छा हो यदि आप किसी ब्लू फिल्म का सहारा लें। उनकी पंसदीदा सीडी लगाएं तथा जिस सीन को वह अधिक पसंद करते हैं उस सीन को प्ले करके देखें व उन्हें प्यार से देखने के लिए कहें।
इन सभी टिप्स को कभी-कभार ही अपनाएं, रोज-रोज की आदत में शामिल न करें वरना साथी को यह सब आम व साधारण लगने लगेगा, जिससे उन पर असर कम होने लग सकता है।
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