केल्शियम कार्बोनेट, ये हमारे शरीर के सबसे जरुरी पोषक तत्वों में से एक है। सामान्यता भारत में लोग चूना पान के पत्तों के साथ लगाकर खाना पसंद करते है। लेकिन आपको ये जानना जरुरी है कि प्राकृतिक तौर पर चूने में ऐसे गुण पाए जाते है जो शरीर के 75 प्रतिशत तक बीमारियों को खत्म कर सकता है। जैसे अर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, नपुसंकता और बांझपन की समस्या। प्राकृतिक चूना महिलाओं के शरीर के अंदर अंडाणु को विकसित करने में मदद करता है साथ ही ये मासिक धर्म की समस्याओं से निजात दिलाता है। ये साथ ही साथ याददाश्त बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से डिलीवरी आसानी से होती है। चूने में कैल्शियम कार्बोनेट और मैग्नीशियम कार्बोनेट जैसे तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो बॉडी को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
जिन बच्चों की लम्बाई नहीं बढ़ रही है। उनके लिए चूना किसी अमृत से कम नहीं है। गेंहू के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के या पानी में मिला के लिया जा सकता है, इसके रोजाना सेवन से एक या दो महीनें में बच्चों की लम्बाई में फर्क देखा जा सकता है।
चूना पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन उपाय है। अगर किसी पुरुष के शुक्राणु नहीं बन रहे हैं तो उसको गन्ने के रस या दाल में गेंहू के दाने जितना साथ चूना मिलाकर पिलाने से सालभर में डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे।
जो महिलाएं इनफर्टिलिटी की समस्याएं से गुजर रही हैं उन्हें भी नियमित रुप से चूने का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से शरीर में अंडे बनने लगते है।
गर्भावस्था के दौरान कई महिलाएं दिवार से चूना खाने लग जाती है। क्योंकि उनके शरीर में केल्शियम की कमी हो जाती है। केल्शियम की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान चूना खाना चाहिए। चूना केल्शियम का सबसे मुख्य स्त्रोत है। अनार के रस में - अनार का रस एक कप और चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये तो चार फायदे होंगे - पहला फायदा होगा इससे डिलीवरी के समय कोई समस्या नहीं होगी। इसके सेवन से बच्चा तंदरुस्त पैदा होगा। इसके सेवन से होने वाले बच्चें का दिमाग बहुत ही तेज होगा।
आपने देखा होगा कि जब कभी शरीर के हिस्सें की कोई हड्डी टूट जाती है तो चूने से प्लास्टर किया जाता है टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत चूने में होती है। इसके सेवन से घुटने का दर्द, कमर का दर्द , कंधे का दर्द ठीक हो जाता है। कई बार हमारे रीढ़ की हड्डी में जो मनके होते है में गैप आ जाता है जिसे चूनें से ही ठीक किया जा सकता है। इसके लिए खाली पेट पानी या जूस में मिलाकर चूने का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
जिन बच्चों की याददाश्त कम होती है जिनकी स्मरण शक्ति बहुत ही कम होती है। इसे खाने से स्मरण शक्ति में इजाफा होता है।
मासिक धर्म के समय अक्सर कई महिलाएं कमर दर्द, ऐंठन जैसी समस्याएं होती है। इसके लिए दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में चूने को चुटकी भर घोल के पीने से सभी समस्याएं छूमंतर हो जाती है। इसके अलावा मेनोपॉज में भी चूने के सेवन से महिलाओं कई फायदें मिलते है। इससे ओस्टीओपोरोसिस होने की संभावना भी नहीं रहती है।
जिन बच्चों की लम्बाई नहीं बढ़ रही है। उनके लिए चूना किसी अमृत से कम नहीं है। गेंहू के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के या पानी में मिला के लिया जा सकता है, इसके रोजाना सेवन से एक या दो महीनें में बच्चों की लम्बाई में फर्क देखा जा सकता है।
चूना पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन उपाय है। अगर किसी पुरुष के शुक्राणु नहीं बन रहे हैं तो उसको गन्ने के रस या दाल में गेंहू के दाने जितना साथ चूना मिलाकर पिलाने से सालभर में डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे।
जो महिलाएं इनफर्टिलिटी की समस्याएं से गुजर रही हैं उन्हें भी नियमित रुप से चूने का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से शरीर में अंडे बनने लगते है।
गर्भावस्था के दौरान कई महिलाएं दिवार से चूना खाने लग जाती है। क्योंकि उनके शरीर में केल्शियम की कमी हो जाती है। केल्शियम की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान चूना खाना चाहिए। चूना केल्शियम का सबसे मुख्य स्त्रोत है। अनार के रस में - अनार का रस एक कप और चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये तो चार फायदे होंगे - पहला फायदा होगा इससे डिलीवरी के समय कोई समस्या नहीं होगी। इसके सेवन से बच्चा तंदरुस्त पैदा होगा। इसके सेवन से होने वाले बच्चें का दिमाग बहुत ही तेज होगा।
आपने देखा होगा कि जब कभी शरीर के हिस्सें की कोई हड्डी टूट जाती है तो चूने से प्लास्टर किया जाता है टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत चूने में होती है। इसके सेवन से घुटने का दर्द, कमर का दर्द , कंधे का दर्द ठीक हो जाता है। कई बार हमारे रीढ़ की हड्डी में जो मनके होते है में गैप आ जाता है जिसे चूनें से ही ठीक किया जा सकता है। इसके लिए खाली पेट पानी या जूस में मिलाकर चूने का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
जिन बच्चों की याददाश्त कम होती है जिनकी स्मरण शक्ति बहुत ही कम होती है। इसे खाने से स्मरण शक्ति में इजाफा होता है।
मासिक धर्म के समय अक्सर कई महिलाएं कमर दर्द, ऐंठन जैसी समस्याएं होती है। इसके लिए दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में चूने को चुटकी भर घोल के पीने से सभी समस्याएं छूमंतर हो जाती है। इसके अलावा मेनोपॉज में भी चूने के सेवन से महिलाओं कई फायदें मिलते है। इससे ओस्टीओपोरोसिस होने की संभावना भी नहीं रहती है।
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