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monsoon gardening मॉनसून गार्डनिंग

प्रकृति के अपने कुछ नियम हैं। इन नियमों का यदि पालन न किया जाए तो सब कुछ बिखर सकता है। तभी तो हम हर मौसम के अनुसार खुद को व अपने आस-पास के वातावरण को तब्दील कर लेते हैं।

ऐसा ही कुछ हमें अपने गार्डन के साथ भी करना चाहिए। यदि हम मौसम के अनुसार बागवानी करेंगे, तभी मीठे फल प्राप्त होंगे। तो क्या हैं मॉनसून के गार्डनिंग रूल्स, आइए जानें।
खाद से दें भरपूर पोषण- मॉनसून के समय अपने पौधों में मॉस खाद का ज़्यादा उपयोग करें। मॉनसून के मौसम में यह खाद पौधे के लिए अच्छी होती है। अच्छी बागवानी के लिए महीने में कम-कम दो बार खाद को बदलें।

रोजाना दें पानी- अच्छी और हरी-भरी बागवानी के लिए अपने पौधों में रोज शाम को पानी दें। इसके लिए एक बात का खास ध्यान रखें कि आप दोपहर में पानी ना दें क्योंकि ऐसा करने से पौधे को ज़्यादा तापमान मिलने की वजह से पौधा मर सकता है।
टेरिस गार्डनिंग का लें मज़ा- इस मौसम में टेरिस गार्डनिंग करना काफी अच्छा रहता है क्योंकि बारिश के मौसम में टेरिस गार्डन क्रीएट करने से फ़ायदा होता है। दरअसल बारिश होने पर मिट्टी आसानी से सेटल हो जाती है और पौधों की ग्रोथ भी तेजी से होती है। मिट्टी के नीचे उगने वाले जैसे चुकंदर, गाजर, आलू और शकरकंद आदि रूट प्लांट्स को टेरिस गार्डन में नहीं लगना चाहिए क्योंकि इससे बिल्डिंग को नुकसान पहुंच सकता है।

छटाई करते रहे- इस मौसम में पौधे तेजी से उगते हैं खासतौर पर बेल की तरह उगने वाले पौधे पूरी दीवार को घेर लेते हैं। ऐसे में इनकी छटाई अपने अनुसार करती रहें।
कीड़े-मकौड़ों से बचाएँ- समय-समय पर कीटनाशक दवाएं डालते रहें, जिससे पौधों को कोई नुकसान न हो। इसके साथ ही गमलों में पानी न भरने दें वरना पौधा सड़ सकता है।


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