क्या स्तनों का आकार दबाने से बढ़ता है? क्या स्तन दबाने से बढ़ते हे?, स्तनों को कैसे दबाया जाए कि उनका आकार बढ़ जाए? इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि स्तनों का आकार दबाने से बढ़ता है या नहीं? आइए जानते हैं स्तनों का आकार बढ़ने से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में।
महिलाओं के स्तनों का मुख्य कार्य शिशु को स्तनपान करवाना होता है। बदलते जमाने के साथ स्तनों का बड़ा आकार हर महिला की पहली पसंद बन चुका है। सामान्यत यौन संबंध बनाने (sex) के बाद महिलाओं के स्तन पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं जो कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है। लेकिन हर महिला के स्तनों का आकार अलग-अलग होता है और यह आवश्यक नहीं होता है कि सेक्स करने के बाद आपके स्तनों का आकार मनचाहा हो जाएगा।
स्तनों का बड़ा आकार आकर्षक लगता है इसलिए वे महिलाएं अक्सर परेशान रहती है जिनके स्तनों का आकार छोटा होता है। स्तनों का आकार बड़ा करने का प्रचलन इतना अधिक बढ़ गया है की बहुत सारी महिलाएं दवाएं लेने के साथ-साथ कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लेकर स्तनों का आकार बढ़ाने का प्रयास करती है। स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए बहुत सारी महिलाएं स्तन दबाना (breasts pressing) भी एक उपाय मानती हैं। लेकिन इसे लेकर कई अवधारणाएं लोगों के मन में होती है, कुछ लोगों का मानना होता है कि स्तनों को दबाने से उनका आकार बढ़ जाता है तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा नहीं होता है।
महिला और पुरुष दोनों के शरीर में स्तन पाए जाते हैं। महिला में स्तन शरीर का ऐसा अंग होते हैं जो कि प्रसव के बाद शिशु के भरण-पोषण के लिए दूध पैदा करते हैं। महिलाओं के स्तन दूध पैदा करते हैं इसलिए इनका आकार पुरुषों के स्तनों से बड़ा होता है। स्तन सीने पर जमा एक तरह का फैट (fat) है जिसके अधिक जमने पर स्तनों का आकार बढ़ जाता है और कम होने पर स्तनों का आकार सामान्य रहता है। लेकिन यह कोई शारीरिक समस्या या बीमारी नहीं है।
स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए उन्हें किसी खिलौने की तरह दबाना उपयोगी नहीं होता है। ऐसा करने से स्तनों का आकार नहीं बढ़ता है। स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए उनकी मालिश करना उपयोगी होता है। मालिश के दौरान उन्हें उंगलियों से हल्के हाथों से दबाया जा सकता है।
अगर रोजाना 30 मिनट तक स्तनों को हल्के हाथों से दबाकर उनकी मालिश करते हैं तो स्तनों में रक्त संचार बढ़ जाता है। इसी से ही स्तनों का आकार भी बढ़ जाता है, यह प्रक्रिया रोजाना एक महीने तक करनी आवश्यक होती है।
मालिश करने के लिए शांत स्थान चुनना इसलिए जरुरी होता है क्योंकि मालिश का असर सिर्फ स्तनों पर ही नहीं बल्कि दिमाग पर भी पड़ता है। मालिश करने में आपकी जो भी ऊर्जा खर्च होती है वह आपके हार्मोन्स को स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करे इसके लिए शांत स्थान चुनें ताकि आप तनाव रहित रहकर मालिश कर सकें।
स्तनों की मालिश के समय आपकी मुद्रा(Posture) भी सही होनी बहुत जरुरी होती है। गलत मुद्रा(Posture) में मालिश शरीर पर बुरा असर डालती है इसलिए कोशिश करें की या तो खड़े होकर या फिर सो कर मालिश करवाएं। खुद को रिलैक्स करने की कोशिश करें और सिर के नीचे तकिया या तौलिया लगा लें।
मालिश करने के लिए ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। तेल को थोड़ी सी मात्रा में हथेली पर लें और दोनों हथेलियों को आपस में मसलें, इससे हथेलियों में गर्माहट पैदा होती है। जब हथेलियों में गर्माहट पैदा हो जाए तो मालिश शुरु करें। स्तनों की मालिश गोलाकार रुप में करें, मालिश करते समय हाथों को दांयी से बांयी या बांयी से दांयी तरफ इस तरह से लाएं कि स्तन नीचे से ऊपर की तरफ लाएं।
मालिश करने से जो गर्मी पैदा होती है वह दरअसल एक प्रकार की ऊर्जा होती है। इसलिए जैसे ही हाथ ठंडे हो जाएं वैसे ही फिर से रगड़ कर गर्माहट पैदा करें क्योंकि ये ऊर्जा रक्त संचार को बढ़ाती है और स्तनों के आकार को बड़ा करती है।
स्तनों की दबाते समय किन बातों का रखें ख्याल
- एक बार में 300-350 कांउट मालिश करें
- दिन में दो बार यानि की सुबह और शाम को मालिश करें
- सोने से पहले मालिश करने के लिए लाभकारी होता है।
- रोजाना कम से कम 15 मिनट या आधा घंटा तक मालिश करें।
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